पटना (सोनमाटी समाचार नेटवर्क)। जगदम्बी प्रसाद यादव स्मृति प्रतिष्ठान एवं अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी परिषद द्वारा आयोजित हिन्दी- मलयालम भाषा समागम को संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि साहित्यकार डा. आर सुरेन्द्रन ने कहा कि हिन्दी के माध्यम से सभी भाषाओं को जोड़ने का काम केरल में विशेष रूप से किया जा रहा है। डा. के. सी. अजय कुमार ने कहा कि केरल में हिन्दी साहित्य के मलयालम अनुवाद पर पर्याप्त बल दिया जा रहा है। केरल में सभी शिक्षित लोग हिन्दी समझते हैं।
अध्यक्षता करते हुए भारत सरकार के हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य वीरेन्द्र कुमार यादव ने कहा कि आज हिन्दी को साहित्य की भाषा से आगे ले जाकर हिन्दी को ज्ञान ही नहीं विज्ञान, शासन, प्रशासन, न्याय, और न्यायालय की भाषा बनाने की आवश्यकता है। श्री यादव ने बताया कि प्रतिष्ठान का अगला वार्षिक सर्वभाषा सम्मेलन बेंगलुरू में किया जाएगा।
संस्थान के गतिविधि का विस्तारपूर्वक जानकारी महासचिव डा. अंशुमाला ने दिया। कार्यक्रम की शुरुआत लोक गायिका डा. नीतू कुमारी नवगीत के सरस्वती वंदना से हुई। इस कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार सिद्धेश्वर ने किया ।
इस अवसर पर केरल से आए बारह विद्वानों को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले में प्रो. आर. सुरेन्द्रन, डा. केसी अजय कुमार, डा. एमके प्रीता, डा. के. पी. सुधीरा, डा. षीणा इप्पन, प्रो. के.जे. रमाबाई, एन प्रसन्न कुमारी, डा. के राजेन्द्रन, ओ. कुंज बिहारी, डा. सल्मी सत्यार्थी, के. हरिदासन, पी. ए. अजयन।
सम्मान समारोह होने के बाद काव्य गोष्ठी आयोजन किया गया जिसमें में मधुरेशकांत शरण, प्रो. सुधा सिन्हा, डा. कल्याणी कुसुम, डा. पुष्पा जमुआर, डा. अन्नपूर्णा श्रीवास्तव, राजेन्द्र सिंह, आनंद मिश्र, सिद्धार्थ, अनुराधा, अनिता, प्रो. दीपक प्रसाद, डा. शिवनाथ, सभापति राय इत्यादि ने काव्य पाठ किया।
इस अवसर पर सभागार में सिद्धेश्वर की कलाकृतियों की प्रदर्शनी को भी दर्शकों ने काफी साराहा। धन्यवाद ज्ञापन डा. नीतू नवगीत ने किया स
प्रस्तुति: बीना गुप्ता , जनसंपर्क पदाधिकारी, भारतीय युवा साहित्यकार परिषद, (मोबाइल दृ923 4760365)
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( इनपुटः निशांत राज)