चिकत्सा विज्ञान में प्रयोगशाला की महत्वपूर्ण भूमिका : प्रतिकुलपति

डेहरी-आन-सोन (रोहतास) विशेष संवाददाता। वर्तमान समय में चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में कारगर उपचार के लिए प्रयोगशाला जांच अतिआवश्यक है। रोगों की पहचान के लिए जांच प्रयोगशाला की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह बातें गुरुवार को विश्व प्रयोगशाला दिवस के अवसर पर गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय अंतर्गत संचालित नारायण पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट एवं अलाइड साइंसेज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. जगदीश सिंह ने कही। अपनी शुभकामना सन्देश में विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट इनोवेशन कौंसिल की समन्वयक डॉ. मोनिका सिंह ने बताया कि मरीजों के सफल एवं सटीक इलाज के लिए पैथोलोजिकल रिपोर्ट महत्वपूर्ण आधार होता है। अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. कुमार आलोक प्रताप ने कहा कि प्रयोगशाला में काम करने वाले टेक्नोलोजिस्ट को आधुनिक जानकारी एवं जांच की नयी तकनीकों से अपने आप को अपडेट करते रहना चाहिए।

नारायण पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट एवं अलाइड साइंसेज के निदेशक डॉ. अवनीश रंजन ने कहा कि इस दिवस को मनाने का मकसद यह है कि चिकत्सा प्रयोगशाला में काम करने वाले टेक्नोलोजिस्ट के कार्यों की महत्ता से जनमानस अवगत हों। उन्होंने जानकारी दी कि नारायण पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट एवं अलाइड साइंसेज में बैचलर ऑफ़ मेडिकल लेबोरेटरी साइंसेज की पढाई एवं प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था है। यहाँ जीवविज्ञान में इंटर पास अभ्यर्थी अपना नामांकन करवा सकते हैं। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. विवेक सिन्हा ने “प्रयोगशाला में गुणवत्ता नियंत्रण” विषय पर अपना व्याख्यान दिया। सेमिनार के आयोजन में राजीव केशरी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। कार्यक्रम के दौरान अनेक चिकित्सक गण, नारायण पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट एवं अलाइड साइंसेज के सभी फैकल्टी सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में डॉ. राजकमल विभूति ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

(रिपोर्ट, तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह,पीआरओ, जीएनएसयू)

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