स्थापना के चार दशक बाद नये प्रतिमान बना रहा प्रकाशन प्रति माह करता है प्रतिभाओं को सम्मानित
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)-सोनमाटी प्रतिनिधि। रविवार का दिन जनपद के साहित्यिक अवदान के लिए अति विशेष बन गया जब सुभाष नगर स्थित ज्वाला देवी सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में सुप्रसिद्ध साहित्यकार जया मोहन की अध्यक्षता एवं एली प्रमोद बंसल के मुख्य आतिथ्य में एक साथ आठ पुस्तकों का लोकार्पण समारोह सोल्लास सम्पन्न हुआ। मंच पर आसीन विशिष्ट अतिथि मुनेश्वर मिश्र राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ, डा. शंभूनाथ त्रिपाठी अंशुल वरिष्ठ साहित्यकार, चन्द्र शेखर प्राण ख्यातिप्राप्त समाज सेवी ने समारोह के मुख्य अतिथि के साथ अध्यक्षता कर रहीं जया मोहन के कहानी संग्रह “भूली बिसरी कहानियाँ” का लोकार्पण किया तो पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं सधे हुए साहित्यकार डा. योगेन्द्र कुमार मिश्र विश्वबंधु के पहले कहानी संग्रह “शब्द संसार” का लोकार्पण जब मंच के सभी अतिथियों द्वारा किया गया तो रचनाकार सहित उपस्थित जनों का उत्साह देखते ही बनता था। प्रयागराज के साहित्यिक गौरव जनकवि प्रकाश की पुस्तक “गुरु परशुराम” के लोकार्पण ने तो गुरु पूर्णिमा के महत्व को बहुत ऊंचाई पर पहुँचा दिया और पेशे से इंजीनियर हिन्दी के यशस्वी रचनाकार मानिक सावी सहज के काव्य संग्रह “सावी संसा” के लोकार्पण का क्षण ऐतिहासिक हो गया जब सावी जी का पूरा परिवार मंच के सामने आह्लादित होता हुआ सावी संसार लिए खड़ा था। सुप्रसिद्ध पाठ्यक्रम पुस्तक लेखक सर्वेश कान्त वर्मा सरल के सम्पादन में दूसरे काव्य संग्रह “अनामिका स्वर” का लोकार्पण जब मंच द्वारा किया जाने लगा तो सुलतानपुर की कई प्रतिभाएं इस ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनीं। चित्रकूट से पधारे चर्चित रचनाकार डा. सतीश बब्बा के व्यंग्य संग्रह “भखाराम नहीं रहे” के लोकार्पण के साथ साथ समारोह अपनी उन्नत ऊंचाई पर पहुँच गया था और अब आनंद नारायण पाठक के सहयोग से सम्पादित लघु कथा संग्रह “उत्कर्ष पथ” की बारी थी और मंच के सामने पवनेश कुमार पवन पुस्तक मंचासीन अतिथियों को लोकार्पण के लिए दे रहे थे तो सम्पूर्ण सभागार भावुक होकर एकटक निहार रहा था और इसके बाद डा. भगवान प्रसाद उपाध्याय के सम्पादन में छपी पुस्तक “सोलह नई कहानियाँ” लोकार्पण के लिए तैयार हो चुकी थी। इसी क्रम में बाल काव्य संग्रह “तोते का स्कूल” मंच के अगवानी में अपनी रोचक बाल कविताओं के साथ प्रस्तुत किया गया। समारोह का सबसे महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब सर्वेश कान्त वर्मा सरल द्वारा लिखी कक्षा बारह की पाठ्यक्रम पुस्तक “सामान्य हिन्दी कक्षा 12” जिसमें शामिल रचनाकार डा. भगवान प्रसाद उपाध्याय को लेखक द्वारा मंच के अतिथियों को साक्षी बनाकर भेंट की गई |
(रिपोर्ट: डा. भगवान उपाध्याय)