संवेदना न्यूरो सायकियेट्रिक रिसर्च सेंटर ने मनाया अपना 27वीं वर्षगांठ

संवेदना न्यूरो सायकियेट्रिक रिसर्च सेंटर की 27वीं वर्षगांठ

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि।  मनोचिकित्सा के क्षेत्र में शाहाबाद व मगध प्रक्षेत्र के अलावा अन्य कई प्रदेशों में भी चर्चित डा. उदय कुमार सिन्हा द्वारा डेहरी ऑन सोन में स्थापित “संवेदना न्यूरो सायकियेट्रिक रिसर्च सेंटर की 27वीं वर्षगांठ पर मंगलवार को स्वंयसेवी संस्था उषा श्याम फाउंडेशन के सहयोग से केक काटकर मनाया गया। कार्यक्रम में आये  आतिथायों का स्वागत करते हुए डा. सिन्हा ने आपने संस्था के उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए मानसिक रोगों के प्रति जागरूक बनाने पर जोर दिया। इस वर्षगांठ के अवसर पर  सुसाइड प्रीवेंशन विषय पर सेमिनार एवं पौधारोपण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।

आत्महत्या के पीछे सिर्फ खराब मानसिक स्वास्थ्य ही जिम्मेदार नहीं है

मनोचिकित्सक डॉ. उदय कुमार सिन्हा

शहर के एनिकट स्थित वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत महिला कालेज डालमियानगर के सभागार में उषा श्याम फाउंडेशन के द्वारा  सुसाइड प्रीवेंशन विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. उदय कुमार सिन्हा, संस्था निदेशक डॉ. मालिनी राय एवं कालेज के प्राचार्य डॉ. दिग्विजय सिंह द्वारा संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर की गई।

सेमिनार को संबोधित करते हुए मनोचिकित्सक डॉ. उदय कुमार सिन्हा ने कहा कि आज पूरे विश्व में आत्महत्या घटना काफी तेजी से बढ़ रही है।  आत्महत्या के कई कारण है। जिसमें प्रमुख रूप से घरेलू कलह, गरीबी, डिप्रेशन सहित कई कारण है। डॉ. सिन्हा ने कहा कि आत्महत्या की प्रवृत्ति के लिए कहीं न कहीं अभिभावक भी दोषी हैं, जो अपने बच्चों से उम्मीद से ज्यादा अपेक्षा रखते हैं। बच्चों के ऊपर दबाव का कारण बनता है और वह नहीं कर पाने की स्थिति में वे आत्महत्या की ओर बढ़ जाते हैं, जिन्हें रोकना होगा। आत्महत्या के पीछे सिर्फ खराब मानसिक स्वास्थ्य ही जिम्मेदार नहीं है। इसके पीछे पूरा सामाजिक आर्थ‍िक ढांचा भी जिम्मेदार है।

संस्था निदेशक व मनोचिकित्सक डॉ. मालिनी राय ने कहा कि 2003 से पूरे विश्व में सुसाइड प्रीवेंशन डे की शुरुआत की गई है। 10 सितंबर को पूरे विश्व में सुसाइड प्रीवेंशन डे मनाया जाता है। जिसको लेकर देश में कई संगठनों के द्वारा आत्महत्या से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत सुसाइड प्रीवेंशन विषय पर आज संगोष्ठी का आयोजन किया गया है।

पूर्व विधायक ई. सत्यनारायण यादव ने कहा कि सुसाइड का मामला सामाजिक दबाव का है। सामाजिक व मानसिक दबाव के कारण यह विकृति पनपी है। आत्महत्या की रोकथाम के लिए समाज के सभी लोगों को प्रयास  करना चाहिए।

पौधे प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ हमें प्राण वायु आक्सीजन देते हैं

पौधारोपण करते डॉ. उदय कुमार सिन्हा, व डॉ. मालिनी राय

इस वर्षगांठ के अवसर पर महिला कॉलेज डालमियानगर, जवाहरलाल नेहरू कॉलेज,उच्च विद्यालय डेहरी, प्राथमिक मध्य विद्यालय मकराईन शहीत कई विद्यालयों में उषा श्याम फाउंडेशन के द्वारा पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित कर सैकड़ो फलदार पौधों को लगाया गया। पौधारोपण के क्रम में डॉ. उदय कुमार सिन्हा ने  छात्र-छात्रों को सम्बोधत करते हुए कहा कि यही पौधे प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ हमें प्राण वायु आक्सीजन देते हैं। धरती पर लगातार पौधे कम होने पर पर्यावरण में जहरीली हवा बढ़ती जा रही है। इससे लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। एक पौधा हमें आक्सीजन के साथ-साथ, फल, छाया और कीमती लकड़ी देता है। पौधा रोपित करने के बाद उसकी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित किया। पौधारोपण से ग्लोबल वार्मिंग को कम किया जा सकता है।

 धन्यवाद ज्ञापन संस्था के निदेशक डॉ. मालिनी राय ने किया। इस मौके पर पूर्व शिक्षक हजारी प्रसाद सिंह, देवनंदन प्रसाद सिंह, आलोक कुमार सिन्हा, डॉ. रामजी प्रसाद, बरमेश्वर नाथ उर्फ काली बाबू, अधिवक्ता ओमप्रकाश कमल, रंजीत भौमिक, रूपेश राय, सुरेंद्र कुमार सिन्हा, रंग लाल यादव, अभियंता प्रमोद यादव , महेंद्र कुमार सिंह, अमरेंद्र प्रताप सिंह, सुनील कुमार सिंह, अशरफ अली एवं अन्य लोग मौजूद थे।

(रिपोर्ट, तस्वीर : निशांत राज)

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