सिद्धेश्वर को मिला श्रीरविंद्रनाथ महर्षि स्मृति सम्मान, हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए किया गया नगर भ्रमण

सिद्धेश्वर को मिला श्री रविंद्र नाथ महर्षि स्मृति सम्मान, मोदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए किया गया नगर भ्रमण

पटना (सोनमाटी समाचार नेटवर्क )। नाथद्वारा (राजस्थान ) की राष्ट्रीय संस्था साहित्य मंडल के द्वारा,वार्षिक सम्मान समारोह के तहत,पटना ( बिहार ) के चर्चित कवि कथाकार एवं चित्रकार सिद्धेश्वर को, उनकी नवीनतम काव्य- कला कृति ” कैनवास पर बिखरे मोती ” को श्रेष्ठ काव्य कृति के रूप में श्रीरविंद्रनाथ महर्षि स्मृति सम्मान ’24 के साथ-साथ ” हिंदी भाषा भूषण ” की मानद उपाधि से विभूषित किया गया l संस्था के अध्यक्ष मदन मोहन शर्मा एवं प्रधानमंत्री श्याम प्रकाश देवपुरा ने विद्वान अतिथियों के हाथों यह सम्मान साहित्य मंडल देवपुरा में देश-विदेश के 300 से अधिक प्रतिनिधि साहित्यकारों की उपस्थिति में प्रदान किया।
सम्मान के तहत अंग वस्त्र, धनराशि,आकर्षक स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र एवं श्रीफल से अलंकृत किया गया। साथ ही साथ मंच पर उनका संपूर्ण परिचय प्रस्तुत करते हुए, उनके सम्मान में उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित कविता भी प्रस्तुत की गई ।

सिद्धेश्वर के साथ-साथ देश-विदेश से आए लगभग 51 सेवियों को, राजभाषा हिंदी का अलख जगाते हुए दो दिवसीय भव्य समारोह में विभिन्न नामित पुरस्कारों, सम्मान राशि एवं मानद उपाधियों से अलंकृत किया गया। सम्मानित होने वाले हिंदी सेवियों में नरेंद्र निर्मल, डा. राहुल, डा. प्रभा दुबे, रजनीकांत, महेश दिवाकर, डा. के आनंदी, योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण, सूरज पालीवाल, नवीन नंद वाला, गोपी राम शर्मा, माधुरी यादव, डा. कुलविंदर कौर, डा. हीरालाल सहनी, दो बाबूलाल शर्मा, डा. लोकेश्वर प्रसाद सिंह, डा. उमा, डा. प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, डा. मनोज मोदी, डा. प्रिया सूफीश्मालती गोस्वामी, प्रिया सूफी, सत्येंद्र सिंह आदि प्रमुख है।

पूरे देश की यह अकेली ऐसी संस्था है, जो पूरी निष्पक्षता और निर्भीकता के साथ, हिंदी के प्रति असीम आस्था रखते हुए, देश-विदेश के साहित्यकारों के श्रेष्ठ कृतियों को, नगद राशि एवं आकर्षक सम्मान पत्र के साथ विभूषित और अलंकृत करती है ।
इस दो दिवसीय सम्मान समारोह में एक भव्य अंतरराष्ट्रीय काव्य गोष्ठी के साथ-साथ विभिन्न सत्रो के तहत 50 से अधिक पुस्तकों का लोकार्पण और राजभाषा हिंदी के विकास के लिए विचार गोष्ठी भी आयोजित की गई ।

हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का प्रण लिए नगर परिक्रमण भी किया गया । विभिन्न विचारकों का मानना था कि हिंदी आज मातृभाषा का माध्यम नहीं है बल्कि यह हमारी संस्कृति और हमारे संस्कारों को वहन करने वाली एक प्रक्रिया भी है। आज हिंदी भाषा पर यदि अंग्रेजी को लादा गया तो हमारी संस्कृति हमारा धर्म दर्शन आध्यात्मिक और हमारे संस्कार निश्चित तौर पर खत्म ही नहीं होंगे अपितु वे कभी जीवन प्राप्त भी नहीं कर सकेंगे । इसलिए पूरे देशवासियों को चाहिए कि भारतीय भाषाओं की आड़ में अंग्रेजी को पनपने न दे और हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए सरकार को मजबूर करें ।

प्रस्तुति : बीना गुप्ता, जनसंपर्क अधिकारी, भारतीय युवा साहित्यकार परिषद, पटना
मोबाइल : 9234 760365

Share
  • Related Posts

    प्रशांत किशोर पारदर्शिता की मिसाल, डेहरी की जनता सही नेताओं को चुने : अभिषेक सांकृत

    डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। जन सुराज प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं डेहरी विधानसभा के संभावित प्रत्याशी अभिषेक सांकृत ने मंगलवार को डेहरी में प्रेस वार्ता आयोजित कर कई अहम मुद्दों पर अपनी…

    Share

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना में हिंदी पखवाड़ा-2025 का सफल समापन

    पटना- कार्यालय प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में हिंदी पखवाड़ा-2025 का समापन समारोह बड़े उत्साह के साथ आयोजित हुआ। इस अवसर पर संस्थान के…

    Share

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    प्रशांत किशोर पारदर्शिता की मिसाल, डेहरी की जनता सही नेताओं को चुने : अभिषेक सांकृत

    प्रशांत किशोर पारदर्शिता की मिसाल, डेहरी की जनता सही नेताओं को चुने : अभिषेक सांकृत

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना में हिंदी पखवाड़ा-2025 का सफल समापन

    भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पटना में हिंदी पखवाड़ा-2025 का सफल समापन

    एनडीए को मिलेगा भारी जनसमर्थन, महागठबंधन होगा साफ : कुशवाहा

    एनडीए को मिलेगा भारी जनसमर्थन, महागठबंधन होगा साफ : कुशवाहा

    पाली-डालमियानगर में षष्ठी पर मां दुर्गा के पट खुले, श्रद्धालु पहुंचे दर्शन को

    पाली-डालमियानगर में षष्ठी पर मां दुर्गा के पट खुले, श्रद्धालु पहुंचे दर्शन को