

डेहरी-आन-सोन (रोहतास) -कार्यालय प्रतिनिधि। देश की राजधानी नई दिल्ली में शाहाबाद के ऐतिहासिक सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखते हुए यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “इतिहास में शाहाबाद और पर्यटन की संभावनाएं” विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। दिल्ली के कंस्टिट्यूशनल क्लब में आयोजित इस सेमिनार में शाहाबाद के लोगों को अपनी समृद्ध विरासत, पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का अद्भुत अवसर प्रदान किया। इस कार्यक्रम में शाहाबाद से आए अलग-अलग क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं। कार्यक्रम में सांसद सुधाकर सिंह, राजा राम सिंह, पूर्व सांसद सुशील सिंह, सुनील सिंह, सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग दिल्ली आईएएस रश्मि सिंह, विधायक मुरारी प्रसाद गौतम, पूर्व विधायक रामेश्वर प्रसाद चौरसिया, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ मधु उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेलारी ने संबोधित किया।

सेमिनार में शाहाबाद महोत्सव आयोजन समिति के संयोजक अखिलेश कुमार ने कहा कि अपने गौरवशाली विरासत को याद करते हुए यहां पर्यटन विकास को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर मंथन हुआ और उसे धरातल पर उतारने के लिए केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया है। कहा कि समिति के वैनर तले पिछले पांच वर्षों जारी अभियान का सकारात्मक संकेत शाहाबाद की धरती पर दिखने भी लगा है और सरकार यदि इसे गंभीरता से लेती है तो यहां न केवल पलायन रुकेगा बल्कि बाहर के लोगों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तथा हमारे गौरवशाली ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत से दुनिया रुबरु भी होगा। उन्होंने बताया कि देश की राजधानी दिल्ली में शाहाबाद को केंद्र में रखकर पहली बार ऐसा प्रयास गया है और उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसके सकारात्मक परिणाम भी जरूर देखने को मिलेंगे। कहा कि इस सेमिनार का उद्देश्य शाहाबाद की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सहेजते हुए पर्यटन का विकास है और इससे नई पीढ़ी को जोड़ा जा रहा है। यह आयोजन सभी दल के नेताओं के अलावे प्रशासनिक, साहित्यिक, पत्रकारिता, चिकित्सा आदि क्षेत्रों से जुड़े शाहाबाद के बुद्धिजीवियों को एक मंच पर लाने का काम कर रहा है।
बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि शाहाबाद के समृद्ध इतिहास, पर्यटन, सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के लिए यह एक आदर्श मंच है। यह सेमिनार शाहाबाद की पुरातन विरासत व पर्यटन को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम बना है।
सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि शाहाबाद की धरती ऋषि-मुनियों तपोस्थली व वीर सपूतों की ऐतिहासिक धरती रही है। यहां विश्वामित्र जैसे महान ऋषि, शेरशाह जैसे महान शासक, वीर कुंवर सिंह, निशान सिंह जैसे 1857 की आजादी की लड़ाई के महान योद्धा हुए। रोहतासगढ़ किला, शेरगढ़ का किला, मंडेश्वरी, ताराचंडी, यक्षिणी भवानी धाम समेत अनेक ऐतिहासिक व धार्मिक धरोहरे हैं, जिन पर हम गर्व कर सकते हैं। इन धरोहरों को अक्षुण्ण रखने की हमें जरूरत है।

वक्ताओं ने शाहाबाद की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व धरोहर और यहां की पर्यटन व संस्कृति के संबंध में विस्तार से चर्चा की। कहा कि शाहाबाद का हर क्षेत्र अपने आप में एक अनमोल इतिहास छिपाए हुए है। यह पूरा इलाका ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व से ओतप्रोत है। केंद्र सरकार से शाहाबाद के विरासत व पर्यटन स्थलों के विकास की मांग की गई। कहा गया शाहाबाद पूरी तरह से पर्यटन हब बनने से यहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा। वक्ताओं ने कहा कि शाहाबाद में सभी तरह की पर्यटन स्थल यथा ऐतिहासिक, प्राकृतिक, आध्यात्मिक सभी धरोहरे मौजूद है। शाहाबाद टूरिज्म सर्किट बनाने की मांग की गई।
कार्यक्रम में आलोक रंजन, विमल कुमार सिंह, अभिषेक सिंह, संजय पासवान, राजबली सिंह, विनोद राय, रितेश कुमार, अखिलेश तिवारी, पृथ्वी नारायण सिंह, निरंजन चौहान, अंकित कुमार, विशाल सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
(रिपोर्ट, तस्वीर : अखिलेश कुमार, इनपुट : निशांत राज)