
पटना, बिहार, 27 जून 2025 – सोनेमाटी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, निशांत ने मौर्या होस्टिंग के संस्थापक और वेब डेवलपर परमानंद झा से मुलाकात की। बिहार के पटना जैसे छोटे शहर से एक सफल टेक स्टार्टअप शुरू करने वाले झा की कहानी हर उस उद्यमी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने का साहस रखता है। इस साक्षात्कार में, झा नए स्टार्टअप्स के लिए अपनी सीख और अनुभव साझा करते हैं, जो दर्शाते हैं कि दृढ़ता और मेहनत से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।
निशांत: परमानंद जी, आपकी कहानी बिहार के युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। मौर्या होस्टिंग शुरू करने का सपना कैसे जन्मा?
परमानंद झा: निशांत, धन्यवाद! मैं एक वेब डेवलपर के रूप में काम करता था, जहां मैंने वर्डप्रेस जैसे प्लेटफॉर्म्स पर व्यवसायों के लिए वेबसाइट्स बनाईं। मुझे लगा कि बिहार में छोटे व्यवसायों को डिजिटल दुनिया में जगह बनाने में मुश्किल हो रही थी। महंगी होस्टिंग और जटिल तकनीक उनकी राह में रोड़ा थी। मैंने सोचा, क्यों न एक ऐसी कंपनी बनाई जाए जो किफायती और सरल समाधान दे? इस तरह मौर्या होस्टिंग शुरू हुई। यह एक जोखिम था, लेकिन मुझे विश्वास था कि मैं स्थानीय व्यवसायों को सशक्त बना सकता हूं।
निशांत: शुरुआत में आपको किन बाधाओं का सामना करना पड़ा, और स्टार्टअप्स इससे क्या सीख सकते हैं?
परमानंद झा: सबसे बड़ी बाधा थी लोगों की शंका। कई लोगों ने कहा, “पटना से टेक स्टार्टअप? असंभव!” लेकिन मैंने इसे प्रेरणा के रूप में लिया। मैंने छोटे-छोटे प्रोजेक्ट्स से शुरुआत की, जैसे स्थानीय दुकानों के लिए वेबसाइट्स बनाना। शुरुआत में संसाधन कम थे, और क्लाइंट्स को भरोसा दिलाना चुनौती थी। मैंने धैर्य और गुणवत्ता पर ध्यान दिया। स्टार्टअप्स के लिए सीख यह है कि हर ‘न’ को ‘हां’ में बदलने का मौका समझें। अपनी मेहनत और विश्वास के साथ आप दूसरों का नजरिया बदल सकते हैं।
निशांत: मौर्या होस्टिंग ने बिहार में अपनी पहचान कैसे बनाई?
परमानंद झा: हमने ग्राहकों की जरूरतों को समझने पर जोर दिया। चाहे वह तेज वेबसाइट हो या cPanel के साथ आसान प्रबंधन, हमने सरल और प्रभावी समाधान दिए। हमारी 24/7 सहायता ने हमें अलग बनाया, क्योंकि हम ग्राहकों के साथ उनकी भाषा में बात करते हैं। एक स्थानीय दुकानदार ने हमें बताया कि हमारी वेबसाइट की वजह से उनकी बिक्री दोगुनी हो गई—यह हमारी सबसे बड़ी जीत थी। स्टार्टअप्स को सलाह: अपने ग्राहकों को समझें और उनकी सफलता को अपनी सफलता बनाएं।
निशांत: एक डेवलपर से उद्यमी बनने की यात्रा कैसी रही? नए उद्यमी इससे क्या प्रेरणा ले सकते हैं?
परमानंद झा: यह एक रोमांचक लेकिन कठिन सफर था। एक डेवलपर के रूप में, मुझे तकनीक की गहरी समझ थी, लेकिन उद्यमी बनने के लिए मुझे नेतृत्व, वित्त प्रबंधन और मार्केटिंग सीखनी पड़ी। मैंने गलतियों से सीखा—जैसे शुरुआत में प्रोजेक्ट्स को गलत अनुमान लगाना। लेकिन हर गलती ने मुझे बेहतर बनाया। नए उद्यमियों के लिए मेरा संदेश है: अपने कौशल पर भरोसा करें, लेकिन नए क्षेत्रों में सीखने के लिए तैयार रहें। असफलता डरने की चीज नहीं, सीखने का मौका है।
निशांत: स्टार्टअप्स को भविष्य में सफल होने के लिए किन रुझानों पर ध्यान देना चाहिए?
परमानंद झा: डिजिटल दुनिया तेजी से बदल रही है। क्लाउड होस्टिंग जैसी तकनीकें व्यवसायों को लचीलापन दे रही हैं। मोबाइल ऐप्स की मांग बढ़ रही है, क्योंकि लोग स्मार्टफोन्स पर ज्यादा समय बिताते हैं। साथ ही, ऑनलाइन दृश्यता के लिए SEO महत्वपूर्ण है। हम मौर्या होस्टिंग में इन रुझानों को अपनाने की योजना बना रहे हैं। स्टार्टअप्स को सलाह: नई तकनीकों को जल्दी अपनाएं और अपने ग्राहकों की बदलती जरूरतों के साथ तालमेल रखें।
निशांत: आप बिहार के युवा प्रतिभाओं को कैसे प्रेरित करते हैं?
परमानंद झा: मैं अपनी टीम में युवाओं को प्रोजेक्ट्स के माध्यम से सीखने का मौका देता हूं। चाहे वह एक छोटी वेबसाइट हो या जटिल ऐप, मैं उन्हें जिम्मेदारी देता हूं। हम कार्यशालाएं आयोजित करते हैं ताकि वे नई तकनीकों, जैसे जावास्क्रिप्ट फ्रेमवर्क्स, में पारंगत हो सकें। मेरा मानना है कि बिहार के युवा अविश्वसनीय रूप से प्रतिभाशाली हैं—उन्हें बस सही मार्गदर्शन और अवसर चाहिए। स्टार्टअप्स के लिए सीख: अपनी टीम को सशक्त बनाएं, क्योंकि वे आपकी सबसे बड़ी ताकत हैं।
निशांत: मौर्या होस्टिंग का भविष्य क्या है, और आप स्टार्टअप्स को क्या संदेश देना चाहेंगे?
परमानंद झा: हम मौर्या होस्टिंग को एक वैश्विक ब्रांड बनाना चाहते हैं, जो हर व्यवसाय को डिजिटल सफलता दे। हम मोबाइल ऐप्स और क्लाउड-आधारित सेवाओं पर काम कर रहे हैं। मेरा सपना है कि बिहार से और स्टार्टअप्स उभरें और दुनिया को अपनी प्रतिभा दिखाएं। स्टार्टअप्स को मेरा संदेश है: अपने मूल को गर्व से अपनाएं, कड़ी मेहनत करें, और अपने सपनों को सीमाओं से बंधने न दें। अगर मैं पटना से शुरू कर सकता हूं, तो आप भी कर सकते हैं!
निशांत: अंत में, नए स्टार्टअप्स और डेवलपर्स के लिए आपकी प्रेरक सलाह क्या है?
परमानंद झा: अपने सपनों को छोटा न समझें। डेवलपर्स के लिए, तकनीक में गहरी रुचि रखें और हमेशा नया सीखें—चाहे वह कोडिंग हो या डिज़ाइन। उद्यमियों के लिए, अपने ग्राहकों को प्राथमिकता दें और छोटी शुरुआत से न डरें। मेरी यात्रा ने मुझे सिखाया कि कठिनाइयां आपको मजबूत बनाती हैं। स्टार्टअप्स को कहना चाहता हूं: विश्वास, मेहनत और धैर्य के साथ आप असंभव को संभव बना सकते हैं।
समापन टिप्पणी: परमानंद झा की कहानी बिहार के हर युवा उद्यमी के लिए एक प्रेरणा है। मौर्या होस्टिंग की सफलता दर्शाती है कि सही दृष्टिकोण और मेहनत से कोई भी अपने सपनों को सच कर सकता है। अधिक जानकारी के लिए, mauryahosting.com पर जाएं।
यह साक्षात्कार स्पष्टता और संक्षिप्तता के लिए संपादित किया गया है।
सोनेमाटी द्वारा प्रकाशित