सोनमाटी के न्यूज पोर्टल पर आपका स्वागत है   Click to listen highlighted text! सोनमाटी के न्यूज पोर्टल पर आपका स्वागत है
समाचारसोन अंचल

सोन-भूमि पर राणीसती की स्मृति-स्वागत की भव्यतम तैयारी / डेहरी में जगा चित्रांश महिलाओं को जगाने-जोडऩे का उत्साह

दो दिवसीय 37वां राष्ट्रीय रानीसती वसंत उत्सव

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। बिहार प्रदेश मारवाड़ी सम्मेलन की डेहरी-डालमियानगर शाखा की ओर से दो दिवसीय 37वां राष्ट्रीय रानीसती वसंत उत्सव डेहरी-आन-सोन में 22 और 23 फरवरी को आयोजित किया गया है। इसके लिए व्यापक तैयारी सोन नहर किनारे स्थित महर्षि मेंही आश्रम में चल रही हंै, जिसमें हजारों लोगों के भोजन और नित्यक्रिया (स्नान, शौच आदि) के इंतजाम के साथ विशाल दर्शकदीर्घा और सांस्कृति-प्रस्तुति मंच बनाया गया है। सोन नहर किनारे अंबेडकर चौक के दक्षिण स्थित सिंचाई विभाग की भूमि को राजस्थान के प्रसिद्ध झूंझनू धाम की तर्ज पर तेजी से आकार दिया जा रहा है। इस महा आयोजन का औपचारिक आरंभ सोन नद किनारे स्थित अग्रसेन भवन में अख्रंड ज्योति प्रज्ज्वलन और मंगल पाठ के साथ किया जा चुका है, जिसमें मीना झुनझुनवाला, नेहा अग्रवाल, पूजा हजारिका, शोभा अग्रवाल, पूजा शर्मा, मंजू चमडिय़ा, निशा रूंगटा, सीमा पोद्दार, सुनीता बजाज, उमा सुलतानिया, वीणा मेहरीवाल, शशि डालमिया, सुमन अग्रवाल, बबिता शर्मा आदि ने भाग लिया।
मारवाड़ी समाज के ट्रस्टी अमित अग्रवाल ने बताया कि समाज की कुलदेवी राणी सती की स्मृति में यह राष्ट्रीय महा उत्सव आयोजन बिहार में पहली बार किया गया है। अभी तक मारवाड़ी समाज के सामूहिक वसंत उत्सव के 36 राष्ट्रीय आयोजन देश-विदेश के विभिन्न के शहरों में संपन्न हो चुके हैं। यह 37वां आयोजन डेहरी-आन-सोन में हो रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले मारवाड़ी समाज के अतिथियों के लिए ठहरने-रहने का प्रबंध शहर के होटलों, आवासगृहों और विभिन्न धर्मशालाओं में किया गया है। दोनों ही दिन पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान के साथ भजन, कीर्तन के साथ नृत्य नाटिक और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। नेहा अग्रवाल के अनुसार, 22 फरवरी को मारवाड़ी समाज की ओर से शहर परिक्रमा शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें मारवाड़ी समाज की महिलाएं अपने सिर पर सर्प-कलश लेकर बड़ी संख्या में शामिल होंगी। आयोजन के लिए निर्माणाधीन झूंझनू धाम परिसर में समय-समय पर मौजूद रहे अशोक सरावगी, श्यामसुंदर अग्रवाल, संत शर्मा, ओमप्रकाश केजरीवाल ने बताया कि स्थानीय स्तर पर मारवाड़ी समाज दशकों से सक्रिय रहा है। एक समय था जब मारवाड़ी युवा मंच अग्रणी हुआ करता था। अब मारवाड़ी सम्मेलन की स्थानीय इकाई सक्रिय हुई है, जो धार्मिक अनुष्ठान के साथ गरीबों के लिए बेटी विवाह खर्च, कंबल वितरण, समूह भोजन (खिचड़ी) आदि का नियमित कार्य कर रहा है।
(रिपोर्ट, तस्वीर : निशांत राज)

चित्रगुप्त समाज कल्याण ट्रस्ट ने अपनाए पांच संकल्प सूत्र

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। शहर की चित्रांश महिलाओं में अपने कुलपुरुष चित्रगुप्त के मंदिर के जीर्णोद्धार और प्रतिमा प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान को लेकर उत्साह है। डेहरी-आन-सोन में चित्रगुप्त मंदिर की नींव सिंचाई विभाग कालोनी की जमीन पर सत्तर साल पहले पड़ी थी, जहां मिट्टी की छोटी मूत्र्ति रख कर पूजा शुरू की गई थी। बाद में वह जमीन चित्रगुप्त मैैदान के नाम से प्रसिद्ध हुई, जहां राष्ट्रीय स्तर के अनेक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। सात दशकों बाद चित्रगुप्त समाज कल्याण ट्रस्ट की प्रबंधकीय पहल से वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ डा. रागिनी सिन्हा, वरिष्ठ न्यूरो चिकित्सक डा. उदय कुमार सिन्हा, सनबीम के प्रबंधक राजीव रंजन के अग्रणी और पूरे चित्रगुप्त समाज के सहयोग से दशकों से वीराने की तरह पड़ा चित्रगुप्त मंदिर अब चमचमाता अष्टकोणीय आकार ले चुका है। इनका कहना है कि संतोष की बात है, कायस्थ समाज नए सिरे से जगा और जुड़ रहा है। चित्रगुप्त समाज कल्याण ट्रस्ट की संस्थापक ट्रस्टी डा. रागिनी सिन्हा, अध्यक्ष डा. उदय कुमार सिन्हा, कोषाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा है कि कुलपुरुष चित्रगुप्त के सम्मान और समाज के स्वाभिमान के अनुरूप मंदिर की साज-सज्जा के साथ समाज की नई पीढ़ी को जोड़े रखने के लिए मंदिर के ऊपर खुला वाचनालय बनाने और गरीब विद्यार्थियों के लिए कार्य करने की योजना है। चित्रगुप्त समाज की महिला इकाई की अध्यक्ष डा. मालिनी राय सिन्हा, सचिव रत्ना सिन्हा और कोषाध्यक्ष लक्ष्मी श्रीवास्तव का कहना है कि सार्वजनिक जीवन में घरों की चाहरदीवारी तक स्वागत-सत्कार की सीमा में रहने वाली शहर के चित्रगुप्त समाज की महिलाएं जाग उठी हैं तो हम अपनी स्त्रीशक्ति को जोड़कर समाज को सशक्त बनाएंगे। चित्रगुप्त समाज कल्याण ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष मिथिलेश कुमार, उपाध्यक्ष दयानिधि श्रीवास्तव, रणधीर सिन्हा, विकास कुमार सिन्हा, महासचिव बरमेश्वरनाथ, प्रवक्ता कृष्ण किसलय, संयुक्त सचिव आलोक श्रीवास्तव, श्रवण कुमार अटल आदि का कहना है कि चित्रगुप्त मंदिर के ध्वजा-छत्र के तले चित्रगुप्त समाज पांच सूत्री कार्यक्रम के लिए संकल्पबद्ध हुआ है, जिसमें सर्वसमाज हित के साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण शामिल हैं।
(रिपोर्ट, तस्वीर : निशांत राज)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Click to listen highlighted text!