स्वच्छताकर्मियों पर फिल्म सफाईबाज/ महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल आनलाइन लघु फिल्म फेस्टिवल

सफाईबाज : स्वच्छताकर्मियों के करुण जीवन का फिल्मांकन

(मनोज पंडित, राजपाल यादव आदि)

स्वच्छताकर्मियों के करुण जीवन पर आधारित फिल्म है सफाईबाज। वैश्विक महामारी कोविड-19 के इस महासंकट के दौर में इस फिल्मांकन का अपना महत्व है, क्योंकि कोराना काल में चिकित्सा, पुलिस सेवा आदि से जुड़े लोगों के साथ सफाईकर्मियों को भी कोराना-योद्धा माना गया। स्वच्छताकर्मियों के कार्य से ही शहरों की सड़केें, नालियां, गलियां साफ-सुथरे दिखते हैं। ये अपने काम पर एक दिन भी नहीं आएं तो गंदगी हर तरफ बिखरी दिखने लगती है। इनके महत्व को दुनिया की महान हस्ती महात्मा गांधी के उस कार्य से समझा जा सकता है कि वह अपना शौचालय खुद साफ करते थे और सिर पर मैला ढोने की प्रथा के सख्त विरोधी थे। गुजरी 20वींसदी में सफाई-कर्मियों के प्रति सहानुभूति रखने और अहसानमंद होने के बजाय समाज में घृणा का भाव होता था। यह स्थिति अब भी कमोबेश बरकरार है। नगर व्यवस्था में सफाईकर्मियों को जाम नालों को साफ करने के लिए गटर में उचित उपकरणों के बिना भी उतरना पड़ता है, जहां जानलेवा गैस और बदबू होती है। कई बार गटर में उतरने वाले सफाईकर्मियों की जान तक चली जाती है। तब मृत सफाईकर्मी का परिवार पारिवारिक और सामाजिक सुरक्षा की गांरटी नहीं होने के कारण नारकीय जीवन गुजारने पर विवश होता है। अवनीता आर्ट्स बैनर द्वारा निर्मित फिल्म सफाईबाज में ऐसे ही स्वच्छताकर्मी के परिवार के दारुण दुख और नारकीय जिंदगी का सजीव चित्रण किया गया है। फिल्म में यह बताने की कोशिश की गई है कि सफाईकर्मी और उसके परिवार का जीवन कैसा होता है? उन्हें जीवन के किन अति कठिनाइयों से होकर गुजरना पड़ता है? अगर परिवार पालक सफाईकर्मी की मृत्यु हो जाती है तो किस तरह उसका परिवार अति दयनीय जिंदगी गुजारता है?


अतिम चरण में है निर्माण :

(अनीता पंडित आदि)

फिल्म सफाईबाज के निर्देशक और लेखक डा. अवनीश सिंह और सृजन निर्देशक (क्रिएटिव डायरेक्टर) अजीत चौबे हैं। फिल्म के होली गीत और लोरी गीत कर्णप्रिय हैं, जिनका प्रभावकारी फिल्मांकन हुआ है। फिल्म के कलाकारों ने अपनी-अपनी भूमिका को अपने-अपने अभिनय से जीवंत बनाया है। लोरी गीत डा. नीता सिंह के हैं। फिल्म सफाईबाज में वालीवुड के मंजे हुए कलाकारों के साथ रंगमंच और भोजपुरी फिल्मों के वरिष्ठ कलाकारों का संगम देखने को मिलेगा। कलाकारो में राजपाल यादव, जानी लीवर, उपासना सिंह, ओंकारदास मणिपुरी, मनप्रीत, ऋतु सिंह, अनुपम श्याम ओझा, सम्राट चतुर्वेदी, दीपक राज डोगरा, आशीष अवाना, मनोज पंडित, अनीता पंडित आदि शामिल हैं। फिल्म का निर्माण पूरा होने और इसके रिलीज होने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। कार्टूनिस्ट अभिनेता मनोज पंडित ने इस फिल्म से छोटे पर्दे से बड़े पर्दे का सफर शुरू किया है, क्योंकि यह उनकी बड़े पर्दे की फिल्म पहली फिल्म है।

रिपोर्ट : दिल्ली से अनीता पंडित

फिल्मोत्सव की श्रेष्ठ फिल्में एडरिष्टो और इक सोच

मध्य प्रदेश के दतिया में वरिष्ठ निर्देशक गिरजा शंकर अग्रवाल के संयोजन में आयोजित महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल आनलाइन फिल्म फेस्टिवल में देश-विदेश के फिल्मकारों की 13 लघु फीचर और डाक्युमेन्ट्री फिल्में प्रदर्शित की गईं। इस फिल्म फेस्टिवल के लिए 29 फिल्में शामिल की गईं थीं, मगर 20 मिनट से अधिक समय की होने और फिल्मोत्सव के लिए निर्धारित अन्य मानक के अंतर्गत नहींहोने के कारण 16 फिल्मों को निर्णय के लिए शामिल नहींकिया गया। 09 फिलमों का वेब लिंक ही नहींखुल सका और एक किसी फिल्म की सिर्फ ट्रेलर होने के कारण फिल्मोत्सव का हिस्सा नहींबन सकीं। लेखक, पत्रकार, अभिनेता, निर्देशक कपिल कुमार (बेल्जियम), निर्देशक, अभिनेता, लेखक ओम कटारे (मुम्बई), फिल्म समीक्षक डा. सुचिता सेठ (अजरबेजान), निर्देशक, अभिनेता अशोक मेहरा (दिल्ली), युवा अभिनेत्री तमन्ना पाठक और वरिष्ठ अभिनेता- निर्देशक आलोक सोनी ने सभी 13 लघु फिल्मों को देखकर अपने-अपने निर्णय के अनुसार निर्धारित प्रपत्र में अंक दिए।
जोयीता विश्वास द्वारा निर्देशित एडरिस्टो और देव राठौर द्वारा निर्देशित इक सोच को फिल्मोत्सव की श्रेष्ठ लघु फिल्म मानी गई। महाराष्ट्र की फिल्म लाकडाउन के सिने कलाकार राहुल चबरे और बुन्देली भाषा की फिल्म भड़ास के सिने कलाकार आरिफ शहडोली को फिल्मोत्सव का श्रेष्ठ अभिनेता चुना गया। कर्मा फुसिंग हारमनी की साक्षी साऊन डानकर, महिमा इन्डालकर को श्रेष्ठ अभिनेत्री और लाकडाउन के असलम अरब श्रेष्ठ सहायक (सपोर्टिंग) अभिनेता चुने गए।
अनलाक-वन के कृष्णा बेलगांवकर, एडिक्शन के अक्षय प्रकाश वासकर और फिल्म लाकडाऊन के लेखक सनी खेरवाल प्रदर्शित फिल्मों में श्रेष्ठ निर्देशक और लेखक चुने गए। लाकडाउन के यश एसपी को श्रेष्ठ संगीतकार (संगीत संयोजन) माना गया। बंगला लघु फिल्म एडरिस्टो की जोयोती विश्वास का चयन श्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी (कैमरामैन) के लिए किया गया। डा. सुजीत पाटिल के निर्देशन में बनी फिल्म टू फ्लावर आफ इंडिया को श्रेष्ठ डाक्युमेन्ट्री फिल्म के रूप में चयन किया गया। श्रेष्ठ वेब सीरीज फिल्म के रूप में निर्देशक कश्यप हाशमी की ‘एक गांव तापलय रविÓ का चयन किया गया। वरिष्ठ निर्देशक गिरजाशंकर अग्रवाल ने मुख्य निर्णायक डा. आलोक सोनी को और डा.सोनी ने कपिल कुमार (बेल्जियम), ओम कटारे (मुम्बई), डा. सुचिता सेठ (अजरबेजान), अशोक मेहरा (दिल्ली), युवा अभिनेत्री तमन्ना पाठक आदि को सम्मान प्रदान किया।

रिपोर्ट : कोच (उत्तर प्रदेश) से डा. आलोक सोनी

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