कछुआ चाल से बढ़ रही ‘हर घर बिजली योजना

15 लाख का है लक्ष्य, 15 हजार ही दिए गए कनेक्शन
पटना । मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट और राज्य सरकार के सात संकल्पों में शामिल ‘हर घर बिजली योजनाÓ अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ सकी है। पिछले साल 15 नवंबर को मुख्यमंत्री ने इस योजना को लांच किया था, जिसके तहत इस साल तक 15 लाख घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया गया है। अभी 15 हजार घरों को ही कनेक्शन मिल पाया है।
राज्य सरकार का लक्ष्य 2017 तक सभी गांवों में और 2018 तक सभी घरों में बिजली पहुंचाने का है। हर घर बिजली योजना के तहत वैसे एपीएल परिवारों को कनेक्शन देना है, जिनके घरों में बिजली कनेक्शन नहीं है। कनेक्शन लेने में जो खर्च आयेगा, उसे सरकार तत्काल वहन करेगी। बाद में खर्च हुई रकम उपभोक्ताओं से किस्तों में वसूल की जायेगी।
आनन-फानन में हुई शुरूआत
बिजली कंपनी ने आनन-फानन में योजना तो शुरू कर दी, लेकिन उसके लिए मुक्कमल तैयारी नहीं थी। पहले तो ठेकेदार नहीं मिल रहे थे। काफी मशक्कत के बाद ठेकेदार मिले और काम शुरू हुआ, पर राज्य के आधे से अधिक जिलों में बाढ़ के असर के कारण काम बाधित हो गया। ‘हर घर बिजली योजनाÓ पर 1897.50 करोड़ रुपये खर्च होना है। इसके लिए पावर फाइनेंस कारपोरेशन व आरईसी की ओर से धन उपलब्ध कराया जा रहा है और राज्य में पूरे बिजली विभाग को14 सर्किलों में बांटा गया है।
साल 2018 के अंत तक 40 लाख परिवारों को कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। नॉर्थ बिहार बिजली वितरण कंपनी 25 लाख परिवारों को और साउथ बिहार बिजली वितरण कंपनी 15 लाख परिवारों को कनेक्शन देगी। हालांकि इस साल तक 15 लाख परिवारों को कनेक्शन देने के लक्ष्य के मुकाबले अभी तक 15 हजार से कुछ अधिक घरों में ही बिजली पहुंचाई जा सकी है।
समय पर पूरी होगी योजना?
बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि काम चल रहा है और अब इस योजना के कार्यान्वयन में तेजी आयेगी। इस योजना के कार्यों को त्वरित गति से आगे बढ़ाने के लिए शिविर भी लगाया जा रहा है, ताकि निर्धारित लक्ष्य को समय पर पूरा किया जा सके। हालांकि निर्धारित लक्ष्य के समय पर पूरा होने के मुद्दे पर विभाग का कोई अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछ बोलने से परहेज कर रहा है।
राज्य में 92 लाख उपभोक्ता
अभी राज्य में 92 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता हैं। जाहिर है, ‘हर घर बिजली योजनाÓ के लक्ष्य को पाने के लिए बिजली कंपनी को हर महीने दो लाख कनेक्शन देने होंगे। इस योजना को शुरू करने से पहले करीब पौने दो करोड़ घरों का सर्वे कराया गया था। योजना के समय पर और गुणवत्तापूर्ण कार्यान्वयन के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी और थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन ऑथिरिटी का प्रावधान है।
वेब रिपोर्टिंग : डा. अमित कुमार

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