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कोरोना कहर : प्रशासन ने की सख्ती, मदद को आगे आ रहा समाज, संतपाल में आनलाइन क्लास

डेहरी-आन-सोन/सासाराम/दाउदनगर (बिहार)-सोनमाटी टीम। कोरोना के कहर ने देश-दुनिया में उथल-पुथल मचाकर रख दिया है। महानगर से गांव तक इसके असर में हैं। आम आदमी की रोजी-रोटी के साथ अर्थव्यव्यस्था भी चौपट हो गई है, जिसका आकलन आने वाले दिनों में होगा। कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए सरकार, प्रशासन और समाज तीनों स्तरों पर सक्रियता, सहयोग और एहतियात की दरकार है। सामाजिक अलगाव (सोशल डिस्टेन्स) गांवों में तो दिख रहा है, मगर शहरों में इसका पूरी तरह पालन नहींहो रहा है। हालांकि शहरों में सन्नाटा पसरा हुआ है, मगर निर्धारित समय से रोजमर्रा की जरूरत की चीजों को खरीदने के लिए लोगों में अफरा-तफरी मच जाती है। पुलिस-प्रशासन सामाजिक अलगाव को बनाए रखने के लिए सख्ती भी कर रही है। अब गिरफ्तारी भी शुरू कर दी गई है। सासाराम, जमुहार (डेहरी-आन-सोन) और विक्रमगंज में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कोरोना के गहराते संकट के मद्देनजर जिला न्यायाधीश राजेन्द्र प्रताप सिंह ने अडंर ट्रायल रिव्यू कमेटी की बैठक के बाद जेल प्रशासन से जेल में नए बंदी की जांच, प्रवेश-स्थल पर स्क्रीनिंग, सैनेटाइजेशन, क्वारेंटाइन आदि की व्यवस्था का निर्देश दिया है। रोहतास जिला में फिलहाल स्थिति सकारात्मक है, मगर बाहर से आए लोगों के कारण संशय बना है। प्रवासियों के मद्देनजर सासाराम डीएवी स्कूल में जिलास्तरीय आपदा राहत केन्द्र बनाया गया है। जिला, अनुमंडल अस्पताल में संदिग्ध मरीज का खून का नमूना लेने और आइसोलेशन वार्ड बनाने की घोषणा सरकार की ओर से की गई है, मगर कई प्रयोगशाला तकनीशियनों द्वारा जरूरी सुरक्षा कीट (उपकरण) उपलब्ध नहीं होने की बात कह रक्त नमूना लेने से मना करने की बात ने सरकारी स्तर की पोल खोल कर भी रख दी है। हकीकत यही है कि स्वास्थ्य केन्द्रों में खून का नमूना लेने की उत्तम व्यवस्था तो नहींही है, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स, एएनएम आदि संदिग्ध मरीजों का स्क्रीनिंग करने में सक्षम नहीं हैं। नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (एनएमसीएच) में 10 मरीजों का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, जहां इतने ही मरीजों के इलाज की व्यवस्था है। कोरोना वायरस की जांच एनएमसीएच में भी नहीं होती, मगर यहां रक्त नमूना लेने और उसे जांच के लिए बाहर की प्रयोगशाल में भेजने की व्यवस्था है।
मदद को आगे आ रहा समाज :
लाकडाउन (पूर्ण बंदी) के कारण रोज कमाने-खाने वाले श्रमिक वर्ग और गरीबी रेखा से नीचे की स्थिति में जीवन बसर करने वालों पर सबसे अधिक मार पड़ी है। शहर में बहुत बड़ी संख्या उस निम्न-मध्य वर्ग की भी है, जिसके एक बड़े हिस्से की आर्थिक हालत गरीबी रेखा के करीब वाली ही है। इनमें से अधिसंख्य के पास राशनकार्ड भी नहीं है कि सरकारी सुविधा-अनुदान का लाभ उठा सकेें। लाकडाउन के कारण रोज के भोजन का संकट झेल रहे लोगों की मदद के लिए समाज के लोग तेजी से आगे आ रहे हैं। डेहरी-आन-सोन से कार्यालय प्रतिनिधि के मुताबिक, इस दिशा में डालमियानगर महिला कालेज, लायन्स क्लब, चित्रगुप्त समाज कल्याण ट्रस्ट, सोन कला केन्द्र, टीम इंडिया बैडमिंटन क्लब, चेस क्लब, सोनघाटी पुरातत्व परिषद, चैंबर्स आफ कामर्स, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन, हिन्द मजदूर सभा आदि संस्थाओं के साथ जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों की संस्थागत और व्यक्तिगत स्तर पर पहल भी सामने आई है। हालांकि इस संकट में भी सरकारी, गैरसरकारी स्तर के गिद्ध-भोज प्रवृति वाले सक्रिय हो गए हैं। चित्रगुप्त समाज कल्याण ट्रस्ट कायस्थ समाज और सर्वसमाज दोनों स्तर पर मदद के लिए आगे आया है। आरंभिक सूचना के अनुसार, ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. उदय कुमार सिन्हा ने 120 किलो दाल, सोन कला केन्द्र के संरक्षक उदय शंकर ने पांच क्विंटल आटा नगर परिषद भोजन शिविर में भेजा है। कायस्थ समाज के सबसे कमजोर 10 परिवार के लिए ट्रस्ट की संस्थापक डा. रागिनी सिन्हा ने और 05 परिवार के लिए संवेदना अस्पताल की प्रबंध निदेशक डा. मालिनी सिन्हा ने दो-दो हजार रुपये देने की घोषणा की है। वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डा. हरिभूषण, शालनी सिन्हा और रत्ना सिन्हा ने क्रमश: 10, 05, 05 हजार रुपये दिए हैं। सोन कला केेंद्र के संरक्षक हृदय रोग विशेषज्ञ डा. श्यामबिहारी प्रसाद, राजीव रंजन (सनबीम स्कूल), चित्रगुप्त समाज कल्याण ट्रस्ट के विकास सिन्हा आदि की ओर से किराना दुकानों से राशन पैकेट की व्यवस्था की गई है। जबकि अकोढ़ीगोला से जिला परिषद सदस्य नीतू सिंह ने 10 माह का वेतन और समाजसेवी सोनू सिंह ने 1.51 लाख रुपये मुख्यमंत्री आपदा कोष में दिए हैं।
संतपाल में आनलाइन पढ़ाई :
सासाराम (रोहतास) से सोनमाटी संवाददाता के अनुसार, लाकडाउन अर्थात पूर्ण बंदी के दौरान शिक्षण कार्य बेहद प्रभावित हुआ है। इस संकट और समस्या से निपटने में आनलाइन क्लास की नई सदी की तकनीक ने खास मदद की है। दक्षिण बिहार के सबसे बड़े निजी विद्यालय संतपाल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के अध्यक्ष डा. एसपी वर्मा ने 14 अप्रैल तक लाकडाउन के मद्देनजर विद्यार्थियों से अपने घरों में सुरक्षित बने रहकर गंभीरता से आनलाइन पढ़ाई करने को कहा है। इसके लिए उन्होंने स्कूल की प्राचार्य अराधना वर्मा और सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को कक्षा नौंवी, दसवीं, ग्यारहवी और बारहवीं के विद्यार्थियों को आनलाइन क्लास लागू सिलेबस के तहत संचालित करने का निर्देश दिया है। अराधना वर्मा ने कक्षाओं के आनलाइन संचालन की गाइड लाइन शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए जारी कर दी है। विद्यालय प्रबंधक रोहित वर्मा ने कक्षाओं की रूटीन के अनुसार त्वरित गति से सिलेबस पूरा करने पर बल दिया है। उन्होंने आनलाइन क्लास की जानकारी पाने के लिए अभिभावक और विद्यार्थी से मोबाइल नंबरों 9934937004, 9430660000 और 9431058785 पर संपर्क करने को कहा है। विद्यालय के शिक्षक सह मीडिया प्रभारी अर्जुन कुमार के अनुसार, आनलाइन क्लास संचालन में इंटरनेट के जरिये सूचना तकनीक का बखूबी उपयोग किया जा रहा है।
जनवितरण प्रणाली उम्मीद की किरण :
दाउदनगर (औरंगाबाद) से विशेष संवाददाता ने खबर दी है कि कोरोना के देश-दुनिया व्यापी संकट के दौरान फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश संगठन सचिव सुरेन्द्र यादव ने जनवितरण प्रणाली के वितरकों और समाज के अग्रणी लोगों से जरूरतमंदों की मदद करने की अपील की है। जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों से कहा है कि यह वक्त अनाज का सही वितरण करने, समय पर करने और तेज गति से करने का है। समाज के हाशिये पर खड़े परिवार और लोगों के लिए जनवितरण प्रणाली की दुकान उम्मीद की किरण है। कोई गरीब भूख से न मरे, भुखमरी का शिकार न हो, यह जिम्मेदारी जनवितरण प्रणाली पर ही है। संकट की इस घड़ी में काम के बल पर पहचान बनाने की भी है। उधर, भाजपा के औरंगाबाद जिला अध्यक्ष देव मेहता, जिला कोषाध्यक्ष सुशील कुमार, जिला मंत्री सुरेन्द्र कुमार सिंह, समाजसेवी पंकज सिंह आदि ने सरकारी अस्पतालों के लिए साबुन आदि उपलब्ध कराया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि लाकडाउन का पूर्णत: पालन करना और एहतियात बरतना ही फिलहाल इस महामारी से बचने का उपाय है। प्रदेश के दूसरे इलाकों या प्रदेश के बाहर से आने वालों को गांवों में अपने घर-परिवार से अलग रहकर निश्चित क्वारंटाइन स्थल में 14 दिनों तक बना रहना बेहद जरूरी है।
(रिपोर्ट, तस्वीर : निशान्त राज, उपेन्द्र कश्यप, अर्जुन कुुमार)

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