डालमियानगर के हृदयस्थल को कूड़ादान में बदलने जैसी खामोशी क्यों?
डालमियानगर (रोहतास)-विशेष प्रतिनिधि। क्या डेहरी-डालमियानगर नगरपरिषद कोर्ट के निर्देश की अवहेलना कर रही है? क्या उसने डालमियानगर के हृदयस्थल (वार्ड-9) को कूड़ादान में तब्दील करने की नीयत से खामोशी अख्तियार कर रखी है? डालमियानगर स्थित रोहतास उद्योगसमूह परिसर (आरआई कांप्लेक्स) के प्रभारी अधिकारी द्वारा नगरपरिषद को लिखे गए पत्रों से क्या यही ध्वनित नहीं होता है? अनुमंडल प्रशासन और नगर परिषद को कई पत्र लिखने वाले आरआई कांप्लेक्स के प्रभारी एआर वर्मा सहित वार्ड-9 के बाशिंदों ने सवाल खड़ा किया है कि ऐसा क्यों कि बार-बार पत्र लिखे जाने के बावजूद यथास्थिति बनी हुई है? शहर के सभी वार्डोंं में एलईडी रोशनी की व्यवस्था कर दी गई है, मगर वार्ड-9 को रोशनी से अभी तक महरूम कर रखा गया है। जबकि रेलवे स्टेशन के बाद से डालमियानगर रावणदहन मैदान तक विस्तृत नगर परिषद का वार्ड-9 में आरआई कांप्लेक्स का प्रशासनिक भवन, पोस्टआफिस, माडल स्कूल, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, गल्र्स हाई स्कूल, पुलिस स्टेशन, सीआईडी आफिस आदि हैं।
डेहरी-डालमियानगर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को लिखे नए पत्र (11 अक्टूबर) में एआर वर्मा ने कहा है कि 21 और 22 सितम्बर को डालमियानगर के विशेष अतिथिगृह में आफिशियल लिक्विडेटर (आरआई कांप्लेक्स) के साथ हुई वार्ता और विमर्श-विनिमय में वार्ड-8 और वार्ड-9 की उन नालियों को आठ-दस दिनों में साफ करने का आश्वासन नगर परिषद की ओर से दिया गया था, जिनका पानी आरआई कांप्लेक्स में बहता है। इस पत्र (11 अक्टूबर) में बताया गया है कि दो साल पहले 12 अक्टूबर 2017 को हाईकोर्ट कंपनी जज ने वार्ड-9 में घुमंतू शौचालय की व्यवस्था का निर्देश दिया था, जो कार्यरूप में परिणत नहींहो सका है। एक साल से अधिक हो गए, 23 अगस्त 2018 को पटना हाईकोर्ट के कंपनी जज ने वार्ड-9 की नाली, सड़क आदि 19 योजनाओं के लिए अनापत्ति स्वीकृति दी थी। श्री वर्मा का कहना है कि इस दिशा में भी अब तक नगर परिषद की कार्य-प्रगति की सूचना नहींहै।
हालांकि यह संतोष की बात है कि कई वार्ड पार्षद अपने वार्ड में सफाई कार्य की नियमित मानीटरिंग भी करते हैं। वार्ड-25 के वार्ड पार्षद रोशनी देवी के प्रतिनिधि पति अजय बख्शी, ब्रह्म्ïोश्वर नाथ उर्फ काली बाबू (वार्ड-31), मो. मोजीबुल हक (वार्ड-30) आदि ऐसी ही पार्षद हैं, जिन्हें अपने-अपने वार्ड में घूमते देखा जा सकता है। फिर भी अनेक वार्डों में नाली के पानी का नहींनिकलना बड़ी समस्या है, जिस ओर नगर परिषद का ध्यान नहींहै या रुचि ही नहींहै। जीटी रोड किनारे के नाला से सही निकासी नहींहोने के कारण वार्ड-25 और अन्य वार्ड के लोगों को अपने-अपने घरों को कई किश्तों में ऊंचा उठाना पड़ा है। मगर यह सीमा भी आखिरी हो चुकी तो बरसात में पानी को घरों में घुसने से रोकने के लिए अब प्रवेश-द्वारों पर ईंट की स्थाई-अस्थाई रेलिंग लगानी पड़ी है।
(रिपोर्ट : कृष्ण किसलय, तस्वीर : निशांत राज)
खेल-कूद बनाता है बहिर्मुखी : डा. एसपी वर्मा
सासाराम (रोहतसा)-सोनमाटी संवाददाता। सीबीएसई द्वारा रजरप्पा (झारखंड) में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराज्यीय स्कूल स्पोर्ट्स एंड गेम्स प्रतियोगिता में अंडर-19 उम्र वर्ग में संतपाल सीनियर सेकेेंडरी स्कूल के 12वींके विज्ञान छात्र आदित्य राज ने जेवलिन-थ्रो में 45.26 मीटर दूरी पर प्रहार कर स्वर्णपदक प्राप्त किया। संतपाल स्कूल के अन्य छात्र-छात्राएं भी राज्य और अंतरराज्यीय खेलकूद प्रतियोगिताओं में अग्रणी स्थान प्राप्त करते रहे हैं। स्वर्ण पदक प्राप्त कर अपने साथ स्कूल का भी गौरव बढ़ाने के लिए संतपाल स्कूल के प्राचार्य अराधान वर्मा, खेल शिक्षक (कोच) धमेन्द्र दूबे और टीम मैनेजर मौसमी दास के साथ स्कूल के अध्यक्ष डा. एसपी वर्मा और प्रबंधक रोहित वर्मा ने आदित्य राज को स्कूल की ओर से बधाई दी। इस मौके पर डा. एसपी वर्मा ने कहा कि खेलकूद का स्वास्थ्य पर अनुकूल असर ही नहीं होता है बल्कि खेल-कूद से विद्यार्थी अंतरमुखी से बहिर्मुखी बनते हैं, मुखर होते हैं और उनके सामाजिक संबंधों का विस्तार होता है। इसलिए स्कूलों में खेल-कूद की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।
(रिपोर्ट, तस्वीर : अर्जुन कुमार, मीडिया प्रभारी)
सोन कला केेंद्र की बैठक में कार्यक्रमों पर चर्चा
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। सांस्कृतिक सर्जना की संवाहक संस्था सोन कला केेंद्र की बैठक में विभिन्न कार्यक्रमों पर चर्चा की गई। बताया गया कि इस नवसृजित संस्था ने अपने संरक्षकों-सदस्यों के बल पर बीते तीन महीनों में पांच महत्वपूर्ण इनडोर कार्यक्रम शहर के दर्शकों-श्रोताओं के लिए विभिन्न स्थानों पर प्रस्तुत किए, जिसे देखने-सुनने का कोई शुल्क नहीं लिया गया। इनमें हिन्दी फिल्मों के सुप्रसिद्ध पाश्र्वगायक किशोर कुमार की जयंती पर अंतरजिला नृत्य प्रतियोगिता और सीमा पर शहीद हुए रविरंजन सिंह यादव के पूरे परिवार के सार्वजनिक सम्मान के साथ अंतरजिला गायन प्रतियोगिता के अलावा सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रेमंचद जयंती, प्रसिद्ध गायक मोहम्मद रफी पुंयतिथि, हिन्दी दिवस पर कविगोष्ठी और पौधरोपण जैसे कार्यक्रम संपन्न किए गए। बताया गया कि संस्था का संविधान और नियमावली बनाने का आरंभिक कार्य पूरा हो चुका है। इसकी जिम्मेदारी वरिष्ठ संस्थापक सदस्य कृष्ण किसलय को दी गई है। इस पर विमर्श कर जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा। संस्थापक सलाहकार जगनारायण पांडेय, कार्यकारी अध्यक्ष जीवन प्रकाश, उपाध्यक्ष अरुण शर्मा, सचिव निशांत राज, कोषाध्यक्ष राजीव रंजन सिंह, उप सचिव प्रीति सिन्हा, गायक राजू सिन्हा, अमृता पांडेय सिंूट सोनी, ऋषि कुमार, वीरेन्द्र कुमार आदि ने पिछले कार्यक्रमों की विवेचना करते हुए अगले कार्यक्रम के लिए सुझाव देते हुए आरंभिक चर्चा की। अंत में बैठक में सभी सदस्यों से निर्धारित सहयोग राशि जमा करने को कहा गया।
(रिपोर्ट, तस्वीर : निशांत राज)
उगिहैं सुरुज देव होते भिनुसरबा अरग के रे बेरिया हो…
पटना (सोनमाटी प्रतिनिधि)। यूथ हास्टल एसोसिएशन, बिहार और सांस्कृतिक संस्था नवगीतिका लोक रसधार द्वारा लोक आस्था के महापर्व छठ के पारंपरिक गीतों पर आधारित कार्यक्रम जय छठी मैया का आयोजन यूथ हास्टल परिसर में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन रेलव्हील फैक्टरी की प्रधान वित्त सलाहकार पुष्पा रानी, बिहार प्रशासनिक वाइव्स एसोसिएशन की अध्यक्ष पुष्पलता मोहन, अलका प्रियदर्शिनी, कलाकार मनोजकुमार बच्चन, वरिष्ठ कवि अनिल विभाकर, नीलांशु रंजन, सिद्धेश्वर, यूथ हास्टल एसोसिएशन बिहार शाखा के अध्यक्ष मोहन कुमार, संगठन सचिव सुधीर मधुकर, रतन कुमार मिश्रा, सचिव एके बोस और हास्टल प्रबंधक कैप्टन रामकुमार सिंह ने किया। लोकगायिका डा. नीतू कुमारी नवगीत ने छठ के लोकगीतों का गायन प्रस्तुत किया। छठगीत उगिहैं सुरुज देव होते भिनुसरबा अरग के रे बेरिया हो… और गंगा नदी गीत चलली गंगोत्री से गंगा मैया जग के करे उद्धार… जैसे गीत में उनकी खनखनाती गायन प्रतिभा से श्रोता मुग्ध हो उठे। राजन कुमार ने तबला पर, राकेश कुमार ने हारमोनियम पर, अजीत कुमार यादव ने झंझरी पर और विष्णु थापा ने बांसुरी पर संगत किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार डा. ध्रुव कुमार ने किया। वक्ताओं ने इस अवसर पर कहा कि छठ का पर्व हमें प्रकृति से जोड़ता है। प्लास्टिक और इससे बनी चीज का प्रयोग छठ में वर्जित है। पूजा में लगने वाली सामग्री सूप, चूल्हा, दउरा आदि प्रकृति अनुकूल है। आज जल-जमाव और जल-प्रदूषण का एक बड़ा कारण प्लास्टिक से बनी वस्तुएं हैं।
(रिपोर्ट : सिद्धेश्वर)