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सचमुच क्या आकार ग्रहण कर सकता है सत्ता पलट का खेल?
-कृष्ण किसलय (समूह संपादक, सोनमाटी)
बिहार विधानसभा में सबसे बड़े दल राजद के प्रमुख लालू यादव पर बिहार के पीरपैती विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक ललन पासवान द्वारा दायर मुकदमा से इस संशय को बल मिला है कि सत्ता पक्ष के विधायकों को अपने पाले में कर एनडीए सरकार को गिराने की कोशिश हो रही है। ललन पासवान ने विजलेन्स ब्यूरो थाना में लालू यादव पर जनसेवक का वोट खरीदने का आरोप लगाते हुए भारतीय दंड विधान की धारा और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। झारखंड में भी भाजपा के अनुरंजन अशोक ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर फोन प्रकरण की जांच एनआईए से कराने की मांग की है। भाजपा विधायक ललन पासवान ने दायर मुकदमे में कहा है कि 24 नवम्बर की शाम उनके मोबाइल पर आई काल में यह कहा गया, मैं लालू यादव बोल रहा हूं, मंत्री बनाया जाएगा, 25 नवम्बर को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के मौके पर अनुपस्थित रहें। यह आडियो वायरल हो चुका है। जबकि वायरल आडियो टेप पर राजद के प्रवक्ता विधायक भाई वीरेंद्र का कहना है कि न जाने कितने लोग हैं, जो लालू यादव की आवाज हू-ब-हू निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा है कि आडियो वायरल करने वाले बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी पर मानहानि का मुकदमा दायर करने के मुद्दे पर राजद विचार कर रहा है, जो लालू प्रसाद और उनके परिवार पर गैरजिम्मेदाराना आरोप लगाते रहे हैं।
संख्या-गणित से संशय का सियासी माहौल :
इस बीच हिन्दुस्तान आवामी मोर्चा के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री जीतनाराम मांझी ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से पहले लालू यादव ने उनसे और उनके विधायकों से बात करने का प्रयास किया था। ऐसा ही कुछ संकेत देते हुए विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने तो यहां तक कहा कि हम मल्लाह के बेटा (सन आफ मल्लाह) हंै, हम जाल में मछली फंसाते हैं, किसी के जाल में नहींफंसते। दरअसल विधानसभा में विभिन्न पार्टियों की सीटों के संख्या-गणित से संशय का एक जटिल सियासी माहौल बना हुआ है। बिहार विधानसभा में सत्ताधारी एनडीए के पास 125 विधायक हैं, जिनमें भाजपा के 74, जदयू के 43, हम के चार और वीआईपी के चार विधायक हैं। विपक्षी महागठबंधन के पास 110 विधायक हैं, जिनमें राजद के 75, कांग्रेस के 17 और वामपंथी दलों के 18 विधायक हैं। विधानसभा में पांच विधायक असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईम के और एक-एक विधायक बसपा, लोजपा और निर्दलीय हैं। विपक्षी की निगाह हम, वीआईपी और एआईएमआईएम पर है, जिनके पास कुल 13 विधायक हैं। इन सभी के साथ होने पर ही विपक्ष के पास बहुमत हो सकता है। विपक्ष यह कह रहा है कि बिहार की सरकार तो अंदरूनी असंतोष के कारण खुद ही गिर जाएगी। तब क्या सचमुच सियासत के माहिर खिलाड़ी लालू यादव सत्ता पलट का खेल खेलेंगे? माना जा रहा है कि चारा घोटाला में झारखंड की जेल में होने की वजह से फिलहाल अपने पक्ष में बहुमत बना पाने में वह निस्तेज दिख रहे हैं। जेल से मोबाइल फोन से बात करने का आरोप भी उन पर लगाया गया है। लालू यादव को रिम्स के निदेशक आवास (केली बंगला) से फिर रिम्स के पेइंग वार्ड के फस्र्ट फ्लोर के रूम नं. ए-11 में भेज दिया गया है। उन्हें 82 दिनों से स्वास्थ्य और बिहार चुनाव के कारण मिलने-जुलने वालों की बड़ी संख्या के मद्देनजर विशाल केली बंगला में रखा गया था। बहरहाल, बिहार में बन गई सरकार मगर संशय बरकरार वाली स्थिति तो फिलहाल बनी ही हुई है।
तापमान गिरा, बढ़ा कोरोना-वृद्धि का खतरा
दिल्ली/पटना/डेहरी-आन-सोन (समन्वय निशान्त राज)। अचनाक सर्दी बढ़ चुकी है। इस सर्द मौसम में सांस के जरिये फैलने वाले कोविड-19 वायरस के ज्यादा प्रसारित होने की आशंका है। तापमान गिरने पर सर्दी-जुकाम पैदा करने वाले और अन्य वायरस अधिक सक्रिय हो जाते हैं। हाथ नहींमिलाना और सैनिटाइजर का बार-बार इस्तेमाल कोरोना से बचाव का व्यावहारिक तरीका तो है ही, दवा आने तक इससे मुकाबला के लिए मास्क ही वैक्सीन है। मौसम विभाग के मुताबिक, बिहार में उत्तर-पश्चिम हवा से तापमान में अचानक दो डिग्री तक की गिरावट आई है। तापमान के और नीचे जाने की संभावना है। गया में न्यूनतम तापमान सबसे कम 7.4 डिग्री सेल्सियस, राजधानी पटना में 9.4 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया है। रोहतास जिला के डेहरी-आन-सोन में भी तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 14 सालों में नवम्बर का सबसे कम तापमान तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिल्ली के सफदरजंग, पालम मौसम वेधशाला सहित कुछ हिस्सों में तो न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री सेल्सियस भी दर्ज हुआ। जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर घाटी में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 7.4 डिग्री सेल्सियस चला गया, जो इस मौसम का न्यूनतम तापमान है।
प्रधानमंत्री ने कहा, आरटीपीसीआर टेस्ट हो :
बिहार में कोरोना से 1243 की मौत हो चुकी है। दो लाख 33 हजार 142 संक्रमितों में दो लाख 26 हजार 392 ठीक हुए। कोविड-19 से उबरने की दर राज्य में 97.10 फीसदी है, जो राष्ट्रीय दर 93.66 फीसदी से अधिक है। दुनियाभर में इससे उबरने की दर 69.28 फीसदी है। देश में 92 लाख 66 हजार 706 संक्रमितों में 86 लाख 79 हजार 138 ठीक हुए और एक लाख 35 हजार 23 की मौत हुई। दुनियाभर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 14 लाख 30 हजार 622 हो चुकी है और 6 करोड़ 9 लाख संक्रमितों में 4 करोड़ 22 लाख ठीक हुए हैं। बिहार के रोहतास जिला में 6532 लोग कोरोना से संक्रमित हुए। भारत में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के बढऩे के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों से आरटीपीसीआर टेस्ट करने को कहा है। कोरोना जांच की एंटीजन टेस्ट का निष्कर्ष 40 फीसदी तक गलत हो सकता है। बिहार में तो 80 फीसदी एंजीजन टेस्ट ही हो रहा है।
देशांतर : मार्च तक भारत में भी उपलब्ध हो जाएगी कोरोना वैक्सीन
(सोनमाटी समाचार नेटवर्क)। दुनिया की तीन बड़ी फार्मा कंपनियों ने कोविड-19 प्रतिरोधी वैक्सीन-ट्रायल का अपना-अपना डेटा जारी किया है। आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल 90 फीसदी तक असरदार माना गया है। इससे पहले दो अमेरिकी कंपनियों फाइजर और माडर्ना ने भी अपनी-अपनी वैक्सीन के रसायन विश्लेषण को प्रस्तुत किया है। ट्रायल में माडर्ना का टीका भी 94.5 फीसदी तक असरदार पाया गया है। आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का ट्रायल भारत का सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया भी कर रहा है। इस वैक्सीन की खुराक बेहद किफायती है, जिसकी एक डोज की कीमत 03 से 05 डालर (225 रुपये के करीब) हो सकती है। आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के लिए सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के साथ 100 करोड़ वैक्सीन बनाने का अनुबंध भी हो चुका है। इसकी वैक्सीन के भंडारण के लिए भारत को अपने पहले से मौजूद कोल्ड चेन नेटवर्क में बदलाव की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह वैक्सीन फ्रिज टेम्प्रेचर यानी 02 से 08 डिग्री सेल्सियस के बीच स्टोर की जा सकती है। उम्मीद की जा रही है कि भारत में आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन दो नामों से थोड़े परिवर्तित कांबिनेशन में कोविशील्ड या कौवैक्सीन जनवरी और फरवरी माह तक उपलब्ध हो जाएगी। हालांकि अमेरिकी कंपनी फाइजर की वैक्सीन को ज्यादा असरदार पाया गया है। मगर इसके साथ समस्या यह ैहै कि इसे शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस पर ही सुरक्षित रखा जा सकता है। फाइजर की तरह माडर्ना की वैक्सीन को भी बेहद कम तापमान पर भंडारित करने पड़ेगा। इसकी कीमत 32 से 37 डालर प्रति डोज हो सकती है। कम आय वाले देश इस वैक्सीन का इस्तेमाल अधिक कीमत होने के कारण आपात स्थिति में ही करने में सक्षमहोंगे। कई देश जायडस कैडिला की वैक्सीन को भी उपयोग के लिए सीमित मात्रा में मंजूरी दी जा सकती है। इस दोनों की स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन में भी दिक्कत नहीं आएगी।