प्रो. गुरुचरण सिंह को भोजपुरी भूषण सम्मान

सासाराम (रोहतास)-सोनमाटी समाचार। वरिष्ठ साहित्यकार-कवि और शांति प्रसाद जैन महाविद्यालय के प्राचार्य डा. गुरुचरण सिंह को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में आयोजित अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी महोत्सव में भोजपुरी भूषण सम्मान 2018 से सम्मानित किया गया।

भोजपुरी संगम और आर्य इंटरटेनमेंट संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समारोह में यह सम्मान मॉरीशस के राजदूत जगदीश गोवर्धन और यूपी की मंत्री स्वाती सिंह ने संयुक्त रूप से प्रदान किया।

प्रो.(डा.) सिंह भोजपुरी के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं।

 

भ्रष्टाचार का अड्डा बने सासाराम नगर परिषद में फिर जुड़ा नया मामला

सासाराम (रोहतास)-विशेष प्रतिनिधि। सासाराम नगर परिषद सालों से भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है और घोटालों के मामले में सुर्खिया बटोरता रहा है। नया प्रकरण नगर परिषद के कैश-रूम से 6 लाख 51 हजार 541 रुपये की चोरी का है, जिसका खुलासा चोरी के डेढ़ महीने बाद हुआ है। 9 अप्रैल को नगर पर्षद के कैश-रूम का ताला तोड़कर चोरी की गई थी। पुलिस को कैश-रूम के सीसीटीवी कैमरे का तार कटा मिला था।
9 अप्रैल को कैश-रूम कर दिया गया था सील
डेढ़ महीनों तक नगर परिषद में कितने रुपये की चोरी हुई, इसे कोई अधिकारी-कर्मचारी नहींबता सका। जब 9 अप्रैल को पुलिस के समक्ष आलमीरा खोलकर गिनती की गई, तब 20.76 लाख रुपये कम पाए गए थे। तब कैश-बुक अपडेट नहींथा। पुलिस ने कैश-रूम को सील कर दिया था। जाहिर है कि इस चोरी में नगर परिषद के ही कर्मचारी का हाथ है, क्योंकि बाहर का आया चोर बाकी नगदी क्यों छोड़ जाएगा?
सासाराम नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी कुमारी हिमानी के अनुसार, ने बताया कि 19 मई को मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में कैश-रूम का सील खोलकर रुपयों की गिनती और कैश-बुक की जांच की गई। गिनती में 19325 रुपये के नोट व 21340 रुपये के सिक्के मिले थे। कैश-बुक का मिलान करने पर 6 लाख 51 हजार 541 रुपये कम पाए गए थे।

2017 में हुआ था 1.75 लाख का फर्जी भुगतान
इससे पहले सासाराम शहर के वार्ड सं. 34 में 13 लाख रुपये की एक निर्माण योजना में फर्जी भुगतान कर लिया गया था और इस मामले को कार्यपालक पदाधिकारी पर राजनीतिक रसूख की मेहरबानी होने के कारण दबाने का हर संभव प्रयास किया गया। उक्त वार्ड के पूर्व पार्षद अतेन्द्र सिंह ने लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत एक वर्ष तक घोटाले की लड़ाई लड़ी। स्थानीय स्तर सुनवाई नहींहोने पर पटना प्रमंडल के आयुक्त के समक्ष अपील दायर कर तारीख-दर-तारीख पटना की दौड़ लगाई। २3 मार्च 2018 को कमिश्नर ने शिकायत को तथ्यपरक मानते हुए नगर परिषद के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार, सहायक अभियंता सुशील कुमार सिंह और कनीय अभियंता हरदीप सिंह के खिलाफ थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का स्थानीय प्रशासन को आदेश दिया। कमिश्नर के आदेश में कहा गया कि वार्ड की योजना (सं. 112-2017) का कार्य सहायक अभियंता अशोक प्रसाद सिंह के पास था, मगर मापी पुस्तिका पर अन्य अभियंताओं ने हस्ताक्षर किए। उक्त कार्य की जांच अपर समाहर्ता ने की थी, जिन्होंने कार्य में अनियमितता बरते जाने की पुष्टि की थी।

2014 में 7 करोड़ की योजना में घपला, चेयरमैन सहित तीन पार्षद को जाना पड़ा जेल

चार साल पहले भी 1.75 लाख की आबादी वाले शहर सासाराम में वर्ष 2014 में सड़कों पर रोशनी के लिए एलईडी लाईट योजना में 7 करोड़ रुपये के घपले का बहुचर्चित मामला प्रकाश में आया था। उस घोटाले को लेकर निगरानी विभाग ने प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके बाद तत्कालीन महिला चेयरमैन समेत तीन पार्षदों को महीनों जेल में रहना पड़ा। वे अब जमानत पर हैं और वह मामला विचाराधीन है।

देह व्यापार का धंधा गांवों तक, होटलों से पकड़े नौ युवक-यवती

विक्रमगंज (रोहतास)-सोनमाटी समाचार। विक्रमगंज के डीएसपी राज कुमार के नेतृत्व में पांच थानों के पुलिस दल ने कई होटलों की जांच के क्रम में न्यू मयूर होटल और अंकिता होटल के कमरों से आपत्तिजनक स्थिति में मिले नौ जोड़ों को पकड़ा। लड़कियों को निजी मुचलके पर छोड़कर उनके परिजनों को सौंप दिया गया, जबकि लड़कों को इम्मोरल ट्राफिक एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया गया। पकड़े गए अंकित होटल के संचालक शंकर सिंह को भी जेल भेजा गया है, जबकि मयूर होटल के मालिक की तलाश जारी है। पकड़े गए युवक-युवतियों में गांव की लड़कियां, शादी-शुदा युवक-युवतियां और कोचिंग जाने वाली लड़कियां भी शामिल हैं। नाबालिग बताई गई दो लड़कियों की मेडिकल जांच अनुमंडल अस्पताल में कराया गया।
विक्रमगंज के कुछ होटलों में देह व्यापार का धंधा चलने की गुप्त सूचना थी। सूचना के पुष्टजनक होने पर पुलिस ने टीम बना कर 27 मई को छापेमारी की और दोनों होटलों के विभिन्न कमरों से आपत्तिजनक स्थिति में नौ युवकों और नौ युवतियों को पकड़ा। बिक्रमगंज कोई पर्यटन या औद्योगिकक स्थल नहीं है। फिर भी यहां आधा दर्जन से भी अधिक होटल खुल चुके हैं। इन होटलों में रात्रि विश्राम के लिए कम लोग ठहरते हैं। दिन में इन होटलों के कमरे बुक रहते हैं। रोहतास जिले के नोखा, राजपुर, अकोढ़ीगोला, नासरीगंज, काराकाट, संझौली, दावथ, सूर्यपुरा. नटवार, दिनारा प्रखंडों के गांवों और भोजपुर जिले के पीरो, मलियाबाग प्रंखड के गांवों के प्रेमी जोड़े होते हैं, जिनसे होटल संचालकों को प्रति घंटा 300 से 500 रुपये तक की कमाई करते हैं।

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