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बिहार की हाट-सीट डिहरी से कौन होगा एनडीए का प्रत्याशी ?

डेहरी-आन-सोन (बिहार)-विशेष प्रतिनिधि। बिहार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन के अलकतरा घोटाला में झारखंड जेल में बंद होने, इनकी विधानसभा की सदस्यता खत्म होने और इनके चुनाव लडऩे से अयोग्य हो जाने के बाद उपचुनाव के आसन्न होने के मद्देनजर रोहतास जिला का डिहरी विधानसभा क्षेत्र राज्य का एक हाट-सीट बन गया है। राजद की स्वाभाविक दावेदारी वाली इस सीट को लेकर यह मंथन जारी है कि यह विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस नेतृत्व वाले महागठबंधन में किसके खाते में जाएगा? जबकि महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस, राजद, रालोसपा और हम इस रणनीति में जुटे हैं कि अगर यह सीट उनके खाते में आया तो कौन योग्य जिताऊ उम्मीदवार हो सकता है? महागठबंधन का हिस्सा होने की वजह से रालोसपा के सामने यह सवाल खड़ा है कि क्या पिछले चुनाव में कांटे की टक्कर देने के मद्देनजर रालोसपा को यहां से लडऩे का मौका मिलेगा? रालोसपा पिछले चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा थी और महागठबंधन के राजद प्रत्याशी इलियास हुसैन से चंद हजार मतों से पीछे रह गई थी।
चुनौती भरा रहा है यह विधानसभा क्षेत्र
दूसरी तरफ, बिहार में भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए का मुकाबला कांग्रेस नेतृत्व वाले महागठबंधन से ही होने की परिस्थिति में यह कयास जारी है कि एनडीए का प्रत्याशी कौन होगा? इस क्षेत्र के लोकसभा क्षेत्र (काराकाट) से जीत हासिल करने वाले रालोसपा के एनडीए से अलग हो जाने के बाद तो यह सवाल तीव्र उत्सुकता वाला हो गया है और दिलचस्प भी कि मत पाने में विजेता के एकदम करीब रहे रिन्कू सोनी कहां और किस दल से चुनाव लड़ते हैं या नहीं? एनडीए के लिए डिहरी विधानसभा क्षेत्र पहले से चुनौती भरा रहा है, क्योकि अकेली भाजपा या सामूहिक नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को डिहरी विधानसभा क्षेत्र से किसी विधानसभा चुनाव में अभी तक विजयश्री हासिल नहीं हो सकी है। बेशक, राष्ट्रसेवा दल के अध्यक्ष और वैश्य समुदाय से आने वाले प्रदीप जोशी व इसके बाद उनकी पत्नी रश्मि जोशी ने बतौर निर्दलयी प्रत्याशी लगातार दो बार जीत दर्ज कर इलियास हुसैन के इस गढ़ और राजद के मजबूत माई समीकरण को यहां खंडित किया था।
कौन हैं भाजपा में अग्रणी कतार के दावेदार ?

एनडीए गठबंधन में जदयू और लोजपा भी हैं, तो संभव है कि यह सीट भाजपा के अलावा जदयू या लोजपा के भी खाते में जा सकती है। भाजपा से भाजपा लघु उद्योग प्रकोष्ठ के राज्य उप संयोजक वैश्य समुदाय से आने वाले युवा नेता बबल कश्यप एक प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, जो डिहरी विकास मोर्चा के बैनरतले क्षेत्र की समस्याओं को लेकर एक दशक से अधिक समय से लगातार सक्रिय और चर्चा में रहे हैं। इनका इस विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में सघन जनसंपर्क अभियान जारी भी है, जो पिछले हफ्ते अकोढ़ीगोला प्रखंड से शुरू किया गया है।

पड़ोस के जिला औरंगाबाद के ओबरा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक चुनाव हारने और टिकट नहीं मिलने के बाद राजद से भाजपा में आए सत्यनारायण सिंह यादव भी अपने गाडफादर केेंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव के भरोसे डिहरी विधानसभा से टिकट की प्रत्याशा में हैं।

सामाजिक तौर पर सक्रिय पूर्व विधायक सत्यनारायण सिंह डेहरी-आन-सोन में ही रहते हैं और एक मजबूत दावेदार हैं।

डेहरी-आन-सोन के निकटवर्ती गांव जमुहार निवासी भाजपा के एक दावेदार कुमार विनोद सिंह भी हंै।  डेहरी-आन-सोन के निकटवर्ती गांव जमुहार निवासी भाजपा के एक दावेदार कुमार विनोद सिंह भी है। कुमार विनोद सिंह पिछले दिनों अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर शहर (डेहरी-आन-सोन) में धरना-प्रदर्शन कर सक्रिय हैं। कुमार विनोद सिंह पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि इन्हें जीत हासिल नहीं हुई है, मगर इनके पास विधानसभा चुनाव लडऩे का तर्जुबा है। दावेदारों में एक नाम स्थानीय वरिष्ठ नेता सिकन्दर सिंह का भी है, जो भाजपा के जिला उपाध्यक्ष और डिहरी विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी रह चुके हैं। सांसद प्रतिनिधि रहे अजय सिंह भी डिहरी विधानसभा क्षेत्र के दावेदार हैं। एक और बेहद मजबूत शीर्ष दावेदारी जमुहार घराने की भी हो सकती है, मगर फिलहाल यह सतह पर दिखाई नहीं दे रही है।
जदयू में रौनियार वैश्य समाज के प्रतिनिधित्व के लिए जारी है अभियान
जदयू में सामाजिक समीकरण के रौनियार वैश्य समाज के राजू गुप्ता उम्मीदवार होने के प्रबल दावेदार हैं, जिन्होंने प्रदेश संगठन में बतौर पदधारक लगातार सक्रिय रहकर राज्य स्तर पर अपनी पहचान कायम की है। रौनियार वैश्य महासभा चुनाव के लिए इस समाज से प्रत्याशी होने की मुहिम में लगातार सक्रिय है और पिछले कई महीनों से जगह-जगह इस संगठन की अपनी समाज-बिरादरी में लगातार बैठकें भी हो रही हैं। इस संगठन में बतौर राष्ट्रीय संरक्षक सत्तर वर्षीय समाजसेवी नंदलाल गुप्ता (डेहरी-आन-सोन) रौनियार वैश्य समाज के मुगलों से टक्कर लेने वाले यशस्वी पुरखे हेमू का अलख जगाते हुए लगातार सक्रिय हैं और सरकार में हिस्सेदारी (चाहे वह कोई दल हो) की मांग कर रहे हैं। लोजपा से अभी कोई दमदार दावेदार सतह पर नहीं आया है। फिलहाल डिहरी विधानसभा सीट के लिए आसन्न उपचुनाव में एनडी गठबंधन का उम्मीदवार कौन होगा, यह एनडीए आलाकमान से तय होने तक अपने-अपने दृष्टिकोण से कयास का ही विषय है। स्थिति तो खरमास के बीतने पर 14 जनवरी के बाद ही सामने होगी।
ऐतिहासिक संदर्भ वाली इस सीट पर होगा कड़ा दिलचस्प मुकाबला
आजादी से पहले और बाद में सोन नद अंचल के डिहरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस-विचारधारा के विपरीत धुर वामपंथी और धुर समाजवादी राजनीतिक धारा बहती रही थीं। वास्तव में डेहरी-आन-सोन (डिहरी विधानसभा क्षेत्र) वहजगह है, जहां स्वाधीनता संग्राम के आखिरी दौर में गरम दल या धारा के क्रांतिकारियों-कार्यकर्ताओं ने बैठक कर जवाहरलाल नेहरू खेमे के समानान्तर खेमा वाले सुभाषचंद्र बोस को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का प्रत्याशी होने का अनुमोदन किया था, जिसका उल्लेख भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक श्रीपाद अमृत डांगे ने किया भी है। जाहिर है कि ऐतिहासिक राजनीतिक परिदृश्य और संदर्भ वाले डिहरी विधानसभा क्षेत्र पर आसन्न उपचुनाव में कड़ा दिलचस्प मुकाबला होगा और दृष्टि से ही राजनीतिक दल प्रत्याशियों का चयन करेंगे।

(रिपोर्ट : कृष्ण किसलय, तस्वीर : निशांत राज)

 

जातीय समीकरण साधने की सक्रियता भी है जारी

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। आसन्न लोक सभा चुनाव और विधान सभा उप चुनाव के मद्देनजर जातीय सामाजिक समीकरण साधने की सक्रियता भी विभिन्न संगठनों में जारी है। उधर, अधिवक्ता बैरिस्टर सिंह का कहना है कि अधिसंख्य रालोसपा कार्यकर्ता भगवान सिंह कुशवाहा के साथ हैं, सिर्फ रुख तय होना है।
सामाजिक समीकरण में अगड़ा स्थान रखने वाले, मगर आरक्षण से नौकरी घटने और संख्या-बल में कम होने से आर्थिक-राजनीतिक तौर पर पिछड़ गए कायस्थ भी गुना-भाग कर रहे हैं। कायस्थ संगठन से जुड़े अधिवक्ता सुनील कुमार सिन्हा (हाईकोर्ट), मिथिलेश कुमार सिन्हा (अनुमंडल कोर्ट), एमएमपी सिन्हा (पूर्व स्टेशन प्रबंधक) का सवाल है, डिहरी विधानसभा क्षेत्र में कायस्थों की आबादी सघन है तो राजनीतिक उपस्थिति क्यों नहीं?
वैश्यों के संगठन सर्व बनिया समाज को एकजुट करने मेंं लगा है, जिसके आह्वान कर्ताओं में अग्रणी कारोबारी अखिल भारतीय मध्यदेशी वैश्य सभा के जिला अध्यक्ष सुरेश प्रसाद गुप्ता, रौनियार वैश्य समाज के नंदलाल गुप्ता आदि हैं। विकासशील इन्सान पार्टी निषादों-मल्लाहों और प्रजापति समन्वय संगठन कुम्हारों की राजनीतिक हिस्सेदारी की एकजुटता के लिए संलग्न है।

(रिपोर्ट : निशांत राज)

 

कसेरा समाज ने किया गरीबों के बीच कम्बल वितरण

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता। हैहयवंशीय क्षत्रिय कसेरा समाज की डेहरी-डालमियानगर शाखा के तत्वावधान में मुन्नालाल कसेरा के अध्यक्षता में असहायों के बीच कंबल का वितरण डा. बीएल वर्मा, डा. उमा वर्मा और विश्वनाथ प्रसाद कसेरा द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में कसेरा समाज के अनिल कसेरा, रामनाथ कसेरा, सुनील कसेरा, संतोष कसेरा, राजकुमार वर्मा आदि ने योगदान किया।
(सोनमाटी के वाह्ट्सएप पर प्राप्त सूचना)

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