बिहार के शिक्षकों का भव्य सम्मान समारोह / हिन्दी दिवस : पटना में काव्योत्सव, दाउदनगर में समारोह

सम्मानित 54 सौ शिक्षकों में पांच सौ से अधिक रोहतास के

पटना/सासाराम/दाउदनगर (सोनमाटी टीम)। प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के बैनरतले श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में बिहार के 5400 शिक्षक-शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया, जिनमें रोहतास जिला के 19 प्रखंडों के 517 शिक्षक-शिक्षिका भी शामिल थे। बिहार सरकार के मंत्री डा. अशोक चौधरी, प्रसारण-सूचना मंत्री नीरज कुमार और एसोसिएशन की हरियाणा प्रदेश की अध्यक्ष शिखा शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि एसोसिएशन से संबद्ध विद्यालय शिक्षा देने के साथ विद्यालयों के विद्यार्थियों और अध्यापकों के हितों की रक्षा करने का भी भरसक प्रयास कर रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमाएल अहमद ने की। उन्होंने कहा कि प्रदेश महामंत्री डा. एसपी वर्मा के नेतृत्व में रोहतास जिला में संगठन का सबसे मजबूत विस्तार हुआ है। प्रदेश महामंत्री डा. एसपी वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि सम्मानित किए गए बिहार के निजी विद्यालयों के शिक्षकों में सबसे अधिक रोहतास जिला से होने का अर्थ यही है कि यहां संगठन और शिक्षा का स्तर दोनों ही अपेक्षाकृत बेहतर हैं।

रोहित वर्मा को मिला सम्मान
सासाराम (रोहतास) से सोनमाटी संवाददाता के अनुसार, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के रोहतास जिला अध्यक्ष रोहित वर्मा को जिला में शिक्षा प्रसार के साथ संगठन के सक्रिय विस्तार के लिए मंत्री डाक्टर अशोक चौधरी ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। एसोसिएशन की रोहतास जिला इकाई के अध्यक्ष एवं संतपाल सीनियर सेकेेंड्री स्कूल के प्रबंधक रोहित वर्मा के अनुसार, पिछले दो महीनों से रोहतास जिले के विभिन्न प्रखंडों में एसोसिएशन की प्रखंड समितियों के साथ लगातार बैठक कर शिक्षक-शिक्षिकाओं को निर्धारित मानक के आधार पर चिन्हित-चयन करने का कार्य किया गया। शिक्षा के क्षेत्र में रोहतास जिला बिहार में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

सम्मानित हुए डा. चंचल कुमार
दाउदनगर (औरंगाबाद) से कार्यालय प्रतिनिधि के अनुसार, पुराना शहर स्थित ज्ञानज्योति शिक्षण केन्द्र के निदेशक और सम्पूर्णानन्द एजुकेशनल एंड सोशल डेवलपमेंट ट्रस्ट के सचिव डा. चंचल कुमार को भी प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया। दाउदनगर पहुंचने पर ज्ञानज्योति शिक्षण केेंद्र में डा. चंचल कुमार का स्वागत किया गया। डा. चंचल कुमार ने कहा कि यह सम्मान उन अभिभावकों का है, जिन्होंने हमें शिक्षा-सेवा करने का मौका दिया।
(रिपोर्ट : दाउदनगर में निशांतकुमार राज, सासाराम में अर्जुन कुमार, तस्वीर : अर्जुन कुमार)

भारत में भाषाओं की गंगा है हिन्दी : सुरेश गुप्ता

दाउदनगर (औरंगाबाद)-कार्यालय प्रतिनिधि। विद्या निकेतन विद्यालय समूह में आयोजित हिन्दी दिवस समारोह में धन्यवाद संबोधन में विद्यालय समूह के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सुरेश कुमार गुप्ता ने कहा कि हिन्दी राष्ट्रभाषा तो है ही, मगर प्रकृत, संस्कृत और मगही, भोजपुरी, मैथिली के मेल-मिश्रण से सदियों में विकसित हुई वर्तमान स्वरूपा हिन्दी हमारी मातृभाषा भी है। हिन्दी भारत में भाषाओं की गंगा बन गई है, क्योंकि यह तेजी से दूसरे राज्यों की भाषाओं के शब्दों को बेहिचक ग्रहण कर अपना शब्द भंडार बढ़ा रही है। यही हिन्दी भाषा की ताकत और खूबसूरती है। इसीलिए हिन्दी आज देश और दुनिया में बाजार-कारोबार का व्यापक प्रतिनिधित्व करने वाली भाषा बन सकी है। इसका विस्तार देश के अन्य भाषा-भाषी समाज और विदेशी समाज में भी तेजी से हो रहा है। विद्यालय समूह के मुख्य कार्य अधिकारी आनंद प्रकाश और उप मुख्य कार्य अधिकारी विद्या सागर ने हिन्दी के महत्व को बताया। लेखापाल रामानुज दूबे ने विद्या की देवी सरस्वती की प्रार्थना का संस्कृत मंत्र पाठ से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद गिरिजा ठाकुर और लालमोहन सिंह ने कविता-पाठ कर हिन्दी के प्रति अपने भाव को अभिव्यक्त किया। आरंभ में प्राचार्य सरयू प्रसाद ने आगतों-अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन संदीप कुमार ने किया। कार्यक्रम और व्यवस्था के संयोजन में महिला शिक्षकों रमारानी जैन, किरण जैन, मधु कुमारी, सुमन कुमारी, रिंकी कुमारी, मीनाक्षी दुबे के साथ विद्यालय की टीम ने सहयोग किया।
(रिपोर्ट : निशांतकुमार राज, तस्वीर : सुमीत कुमार सोनी)

तहजीबी तासीर हमारी हिन्दी है….

पटना (सोनमाटी प्रतिनिधि)। राजभाषा कार्यान्वयन समिति (राजेन्द्रनगर रेल टर्मिनल) द्वारा हिन्दी दिवस के अवसर पर रेलवे कोचिंग काम्प्लेक्स में हिन्दी काव्योत्सव का आयोजन किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने कविता पढ़ी- भाषा बहता नीर हमारी हिन्दी है, तहजीबी तासीर हमारी हिन्दी है। यशस्वी शायर घनश्याम ने गजल पढ़ी- हर भाषा का हम करें यथायोग्य सम्मान, लेकिन हिन्दी से बने भारत की पहचान! वरिष्ठ शायर रमेश कंवल ने कहा-दूर कीजिए अधूरापन मेरा, आज भर दीजिएए ये मन मेरा! शायर सुनील कुमार ने कहा- दुश्मनों को निढाल रखते हैं, दोस्ती की मिसाल रखते हैं! वरिष्ठ साहित्यकार सिद्धेश्वर ने कहा- हिन्दी की यह दुर्दशा अब देखी नहीं जाती, सौतेली बनी हमारी भाषा अब देखी नहीं जाती।
शमां कौसर शमां ने गजल पेश की- सड़कों पे वो बहाने लगे हैं मेरा लहू ऐ शमां, दहशतों में नहाई है जिंदगी! श्वेता मणी ने रचना प्रस्तुत की- वक्त उसी मोड़ पर लाया क्यों कर, जहां से चलाए वहीं लौट कर आया क्यों कर। कुमारी स्मृति ने कहा- सौ रसों की एक रस है तू रसों की खान हिन्दी, देवभूमि भारतवर्ष में कब नहीं महान हिन्दी! सुरीले स्वर में गीतकार मधुरेश नारायण ने गीत गाया- चलो मिट्टी पानी की ओर चलें, कुछ अपनी जिद्द भी छोड़ चलें! सविता मिश्र माधवी ने पढ़ा- बूंद-बूंद घट भरै शब्द-शब्द से भाषा, आगे बढ़ाने के लिए हिंदी है समृद्धि की भाषा! वरिष्ठ साहित्यकार अरुण शाद्वल ने पाठ किया- नहीं चाहिए मुझे तुम्हारी पूजा और वो सारे आडंबर, मैं नहीं बनना चाहती पूज्या, मैं तो बस इतनी चाहती हूं खड़ी हो सकूं तुम्हारे कंधे से कंधा मिलाकर, निहार सकूं अपने हिस्से का आकाश!
विश्वनाथ वर्मा, सुबोध कुमार सिन्हा, चर्चित युवा कवयित्री लता प्रासर, प्रभास कुमार प्रभास, गुड्डू आलम ने भी अपनी कविताएं पढ़ीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता भगवती प्रसाद द्विवेदी ने की और संचालन समिति के सचिव मो. नसीम अख्तर ने किया। इस अवसर पर रेल मंडल राजभाषा अधिकारी राजमणि मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दी का दायरा बढ़ता जा रहा है और जीवन, व्यवसाय के विभिन्न क्षेत्रों में हिन्दी प्राथमिकता बन गई है। सिद्धेश्वर ने कहा कि सत्ता और लीडर व्यावसायिक घराने की भाषा होने के कारण आज भी अंग्रेजी का महत्व बना हुआ है, मगर हिन्दी की ताकत आज कम नहींहै। अंत में रामवृक्ष बेनीपुरी हिंदी पुस्तकालय के पुस्तकाध्यक्ष अमितेश कुमार के धन्यावाद किया।
(रिपोर्ट : सिद्धेश्वर, तस्वीर : सुनील कुमार)

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