बिहार : तैयारी विधानसभा चुनाव की
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कृष्ण किसलय, संपादक, सोनमाटी
कोराना महामारी, सीमा पर चीन से खूनी तनाव और सालाना बाढ़ आपदा के त्रासद, आक्रोशपूर्ण और गंभीर माहौल के बीच बिहार में विधानसभा चुनाव सिर पर सवार हो चुका है। चुनाव बरसात बाद अक्टूबर-नवंबर में होगा। फिलहाल लाकडाउन निषेध के कारण सभापूर्ण राजनीतिक सक्रियता पर विराम है। तब भी राजनीतिक दलों ने चुनाव की बिसात अपने-अपने तरीके से कोरोना बचाव अनुशासन का पालन करते हुए बिछानी शुरू कर दी है। सभी दलों के रणनीतिकार गठबंधनों और आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति पर कार्य कर रहे हैं। बिहार विधानसभा के 243 सीटों पर अपने प्रभाव क्षेत्र में उम्मीदवार उतारने और उम्मीदवारी प्राप्त करने की रणनीति बनाई जा रही है। हालांकि इस बात में अभी देर है कि कौन पार्टी कितने उम्मीदवार, किस-किस सीट पर उतारने में सफल होती हंै? माना जा रहा है कि सत्ताधारी दल राजग के दो बड़े दलों भाजपा और जदूय में लोकसभा चुनाव की तर्ज पर फिफ्टी-फिफ्टी की हिस्सेदारी पर चुनाव लडऩे की सहमति हो सकती है। 2010 में दोनों पार्टियां एकसाथ चुनाव लड़ चुकी हैं। जदयू-भाजपा के विधानसभा के 124 मौजूदा सीटों में से 52 में फेरबदल हो सकता है। 2014 में 24 सीटों पर भाजपा पहले, जदयू दूसरे स्थान पर और 28 सीटों पर जदयू पहले स्थान, भाजपा दूसरे स्थान पर थीं। पिछले चुनाव में जदयू ने 71 सीटों और भाजपा ने 53 सीटों पर विजय प्राप्त की थी। भाजपा ने 102 सीटों और जदयू ने 141 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। भाजपा घोषणा कर चुकी है कि बिहार में राजग नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा। राजग में राज्य का एक प्रभावकारी घटक रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी भी है, जिसकी दावेदारी 43 सीटों के लिए है। रामविलास पासवान के छोटे भाई दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपतिकुमार पारस ने कहा है, 2015 में लोजपा 43 सीट पर चुनाव लड़ी थी, इस बार इतना चाहिए।
महागठबंधन में तकरार :
महागठबंधन में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसाफ पार्टी हैं। महागठबंधन में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर तकरार है। महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राजद ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में तेजस्वी यादव की घोषणा कर रखी है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने साफ-साफ कहा है कि महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव (राजद नेता) हैं। राजद विधायक संख्या के हिसाब से सबसे बड़ी पार्टी है। राजद का दावा तो 150 सीटों पर है, मगर राजद विधायक विजय प्रकाश ने कहा है कि तैयारी सभी 243 सीटों के लिए है। दूसरा बड़ा घटक कांग्रेस 100 सीटों पर लडऩे को तैयार है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का दावा 85 सीट की है।
कांग्रेस में मीरा कुमार बड़ा चेहरा :
राजद के मुख्य प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेन्द्र का कहना है, राहुल गांधी बिहार में चुनाव का चेहरा तेजस्वी यादव के होने की बात कह चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) की मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप मेें इन दोनों नेताओं की दावेदारी है। कांग्रेस ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार का नाम मुख्यमंत्री उम्मीदवार के लिए उछाला है। कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्र और सदानंद सिंह ने कहा है कि मीरा कुमार बिहार में बड़ा चेहरा हैं, जिनकी काबिलियत राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित है। पांच साल पहले 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 41 सीटों पर उम्मीदवार उतार कर 27 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2015 के चुनाव में राजद और जदयू ने 101-101 सीटों पर लड़कर क्रमश: 80 और 71 सीटें हासिल की थीं। भाजपा की 53 सीटों पर जीत हुई थी। महागठबंधन से 20 माह बाद अलग होकर जदयू ने भाजपा के साथ नई सरकार बना ली। 2015 के चुनाव मेें उपेंद्र कुशवाहा भाजपा के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में थे। भाजपा-जदयू का गठजोड़ होने पर उपेन्द्र कुशवाहा महागठबंधन में चले गए।
राजद का अपनी ही चलाने का संकेत :
राजद ने आसन्न विधानसभा चुनाव में अपनी ही चलाने का संकेत दे दिया है। आरक्षण के मुद्दे पर राजद प्रदेश कार्यालय में एससी-एसटी विधायकों की 12 जून को अलग बैठक की गई और कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डा. अशोक कुमार के आवास पर आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा की बैठक में राजद के विधायक शामिल नहींहुए। कांग्रेस, रालोसपा और हम (सेक्युलर) ने कहा है कि महागठबंधन का नेता अभी तय नहींहै। तेजस्वी यादव राजद के मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं, महागठबंधन के नहीं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. मदनमोहन झा ने कहा है कि महागठबंधन की बैठक होने पर महागठबंधन का मुख्यमंत्री प्रत्याशी तय होगा। यही बात रालोसपा अध्यक्ष और पूर्व केेंद्रीय मानव संसाधन मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कही है। हम (सेक्युलर) के उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री डा. अनिल कुमार ने कहा है कि हम के अध्यक्ष जीतनराम मांझी की मांग महागठबंधन की समन्वय समिति बनाने और उसमें ही सामूहिक फैसला लेने की है। जीतनराम मांझी ने सत्ता बंटवारे का सूत्र रखा है कि महागठबंधन की सरकार बनने पर दलित, पिछड़ा या अल्पसंख्यक समाज के दो उपमुख्यमंत्री होने चाहिए। मांझी का कहना है, तेजस्वी यादव अपने आगे किसी की नहीं चलने देते। जीतनराम मांझी के बयान के बाद यह कयास लगाया जाने लगा है कि चुनाव से पहले ही महागठबंधन कहीं बिखर न जाय? इस बीच चर्चित चारा घोटाला में झारखंड के रांची जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ट्विटर पर लिखा, ‘दो हजार बीस, हटाओ नीतीशÓ।
भाजपा और राजद दो निर्णायक ताकत :
बिहार में नीतीश कुमार राजग की ओर से मुख्यमंत्री के निर्विवाद उम्मीदवार हैं। राज्य में नीतीश कुमार के जदयू के अलावा दो बड़ी निर्णायक राजनीतिक शक्तियां हैं, क्षेत्रीय ताकत के रूप में राजद और राष्ट्रीय ताकत के रूप में भाजपा। जदयू की क्षेत्रीय ताकत दूसरे राज्यों में भी बढ़ी है, मगर भाजपा के बाद कांग्रेस ही दूसरी राष्ट्रीय पहचान है। नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री बनना या नहीं बनना, इस बात पर निर्भर है कि चुनाव परिणाम में भाजपा कितना अधिक मजबूत हो उभरती है और प्रतिपक्षी राजद का विस्तार हो पाता है या नहीं? राज्य की अगड़ी जातियों के बड़े हिस्से का भरोसा भाजपा में है और पिछड़ी जातियों के बड़े हिस्से का जदयू में। नीतीश कुमार की लगातार 15 सालों की सरकार से पहले लगातार 15 सालों तक सरकार में रहा राजद भी अपने जोड़-तोड़ के राजनीतिक समीकरणों के साथ मुख्यत: पिछड़ी जातियों का ही प्रतिनिधित्व करता रहा है। उधर, भाजपा-जदयू-लोजपा गठबंधन के खिलाफ राज्य के वामदल कांग्रेस-राजद-रालोसपा-हम के महागठबंधन के साथ तालमेल के पक्षधर हैं। इस आशय का फैसला 17 जून को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के दफ्तर में वामदलों की बैठक में लिया जा चुका है, जिसमें सीपीएम-एमएल के राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा, माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार, भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह, सचिव मंडल सदस्य विजय नारायण मिश्र शामिल थे।
बड़ी पैमाने पर तबादला तय, तैयार हो रहा डाटाबेस :
उधर, सयासी दलों के साथ प्रशासनिक महकमे में भी विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू है। राज्य पुलिस मुख्यालय जिलास्तर पर डाटाबेस तैयार कर ने में जुटा है। यह तय है कि चुनाव के मद्देनजर दो साल से अधिक समय से तैनात पांच हजार पुलिसकर्मी और बड़ी संख्या में प्रशासनिक अफसर इधर से उधर किए जाएंगे। राज्य में 20 हजार सहायक दारोगा, दारोगा और निरीक्षक सहित 85 हजार पुलिसकर्मी हैं। राज्य में कुल 38 जिलों में 23 नक्सल पुलिस जिला हैं, जिनमें 07 जिलों को अब नक्सल प्रभाव से मुक्त माना जा रहा है। दुर्गम भौगोलिक स्थिति वाले नक्सलग्रस्त क्षेत्र में एयर सर्विलांस के लिए राज्य पुलिस मुख्यालय की तैयारी केेंद्र सरकार से चीता हेलीकाप्टर मांगने की है, जिसका इस्तेमाल जवानों को मौके पर पहुंचाने और घायल जवानों को एयरलिफ्ट करने मेंं किया जाएगा।
(देहरादून-दिल्ली कार्यालय से प्रकाशित समय-सत्ता-संघर्ष की रंगीन पाक्षिक ‘चाणक्य मंत्रÓ में पटना, बिहार से कृष्ण किसलय की रिपोर्ट)
संपर्क : सोनमाटी-प्रेस गली, जोड़ा मंदिर, न्यू एरिया, डालमियानगर-821305, जिला रोहतास (बिहार) फोन 9708778136, 9523154607