बिहार ने बनाया फिर विश्व रिकार्ड !

– बाल विवाह व दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीति के विरोध में जागृति के लिए सड़क पर उतरे लोग
– सैटेलाइट, हेलीकाप्टर व ड्रोन से हुई पूरे प्रदेश में जगह-जगह मानीटरिंग
– बाध्यकारी नहींथा मानव श्रृंखला में भाग लेना, कांग्रेस और राजद ने अपने को रखा किनारे
– सोनघाटी के रोहतास और औरंगाबाद जिलों में भी बनाई गई तीन से चार सौ किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला

 

पटना/डेहरी-आन-सोन (बिहार)-निशांत राज। बिहारी समाज में सैकड़ों सालों से जारी बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी समाज व व्यक्ति के विकास में बाधक कुरीतियों के विरोध में लोगों को जागरुक करने के लिए बिहार में बहुत लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई। इस मानव श्रृंखला में चार करोड़ से ज्यादा लोगों के शामिल होने का दावा है। राज्य सरकार की ओर से यह दावा है कि बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में निर्धारित किए गए सभी मानव श्रृंखला मार्गों की लंबाई करीब 14 हजार किलोमीटर थी। मानव श्रृंखला का केेंद्र बिहार की राजधानी पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान और पटना का ऐतिहासिक गोलघर था, जहां से राज्य की सीमाओं तक मानव श्रृंखला मार्ग बनाए गए थे।

 

5 सैटेलाइट, 6 हेलीकाप्टर व 38 ड्रोनों के जरिए विडियोग्राफ्री
इससे पहले भी बिहार पूर्ण शराब बंदी को लेकर पहले भी मानव श्रृंखला का विश्व रिकार्ड बना चुका है। 21 जनवरी 2018 को राज्य भर में बनाए गए आधे घंटे (12 से 12.30 बजे) की मानव श्रृंखला की विडियोग्राफ्री प्रदेश भर में जगह-जगह ५ सैटेलाइट, 6 हेलीकाप्टर व 38 ड्रोनों (उडऩशील कैमरों) के जरिए की गई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दावा है कि बिहार में दहेज व बाल विवाह विरोधी मानव श्रृंखला ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है। राज्य के सभी जिले की आबादी के चौथा-पांचवां व्यक्ति इस मानव श्रृंखला में शामिल हुआ।

 

राजदल और कांग्रेस ने अभियान से खुद को  किया किनारे
मानव श्रृंखला निर्माण के इस अभियान का समर्थन भारतीय जनता पार्टी सहित केेंद्र व राज्य सरकारों में शामिल राजनीतिक दलों ने किया। जबकि विपक्षी सियासी पार्टियां राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने मानव श्रृंखला अभियान से खुद को किनारे कर लिया।


बिहार के रोहतास जिले में करीब 400 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला के निर्माण का दावा किया गया। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से सात मार्ग निर्धारित किए गए थे, जिनमें सबसे बड़ा मार्ग जिले के दक्षिणवर्ती पर्वतीय सीमा क्षेत्र के तिऊरा पीपराडीह से उत्तर की ओर बक्सर जिले की सीमा तक करीब डेढ़ सौ किलोमीटर लंबा और दूसरा महत्वपूर्ण मानव श्रृंखला मार्ग नेशनल हाइवे (एनएच-2) पर जिले की पश्चिमी सीमा खुर्माबाद से पूर्वी सीमा डेहरी-आन-सोन में सोन नदी पुल तक करीब पचास किलोमीटर लंबा था।

मानव श्रृंखला में भाग लेना बाध्यकारी नहीं
अनुमान है कि रोहतास जिले की मानव श्रृंखला में पांच लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें स्कूलों-कालेजों के विद्यार्थियों व शिक्षक-शिक्षकाओं ने अधिक संख्या में शिरकत किया। हालांकि पटना से शिक्षा सचिव की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक मानव श्रृंखला में भाग लेना बाध्यकारी नहींथा और इसके लिए किसी को भी दंडित नहींकिए जाने का प्रावधान तय किया गया था। मानव श्रृंखला से संबंधित विधि-व्यवस्था के लिए सासाराम स्थित जिला प्रशासन मुख्यालय (कार्यालय) में अपर जिला समाहर्ता ऋषभदेव झा, एडीएम ओमप्रकाश पाल और जिला पुलिस मुख्यालय डेहरी-आन-सोन में डीएसपी (पुलिस मुख्यालय) जितेन्द्र पांडेय के नेतृत्व में नियंत्रण व्यवस्था बनाई गई थी।

सोनघाटी अंचल के पश्चिमी जिले रोहतास में मानव श्रृंखला
बिहार के महत्वपूर्ण सोनघाटी अंचल के पश्चिमी जिले रोहतास के मुख्यालय सासाराम में वर्मा एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष एसपी वर्मा, प्रबंधक रोहित वर्मा व प्राचार्या अराधना वर्मा के संयोजन में संत पाल पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों-शिक्षकों, शाँति प्रसाद जैन कालेज के प्रधानाचार्य डाॅ गुरु चरण सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं, अन्य स्कूलों-कालेजों व संस्थानों के लोगों ने, सोन नदी के पश्चिम किनारे पर स्थित सबसे बड़े शहर डेहरी-आन-सोन (रोहतास जिला) में सनबीम पब्लिक स्कूल की प्राचार्य अनुभा सिन्हा व निदेशक राजीव रंजन के संयोजन में इस स्कूल, प्राचार्य जगनारायण पांडेय के नेतृत्व में जनता बालिका उच्च विद्यालय और महिला कॉलेज डालमियानगर की छात्राओं के साथ कॉलेजकर्मी व अन्य स्कूल-कालेज के शिक्षक-विद्यार्थियों ने मानव श्रृंखला का निर्माण किया।

 

सोन नदी के पार औरंगाबाद जिले में भी मानव श्रृंखला
सोन नदी के पार औरंगाबाद जिले में भी तीन लाख से अधिक लोगों के भाग लेने और ३0० किलोमीटर से अधिक लंबी मानव श्रृंखला बनाने का दावा किया गया। औरंगाबाद जिले में मानव श्रृंखला की दृष्टि से दो मार्ग सौ किलोमीटर से अधिक लंबे नेशनल हाई-वे (2) और नेशनल हाई-वे (139) पर मानव श्रृंखला के सफल होने के बाबत ज्यादा जोर दिया गया अर्थात इस बात बल था कि इन मार्गों पर मानव श्रृंखला बनाने में कहींगैप (मानव रहित) न रहे।

 

 

औरंगाबाद जिले में सोन नदी से आरंभ इसके पश्चिमी सिरे पर प्राचार्य मिथिलेशकुमार दीपक के संयोजन में बारुण स्थित पैरामाउंट पब्लिक स्कूल सहित विभिन्न स्कूलों-कालेज के विद्यार्थियों द्वारा मानव श्रृंखला का आरंभ किया गया, जबकि इसके उत्तरी सिरे पर दाउदनगर में पटना जाने वाले स्टेट हाई-वे (139) पर प्राचार्य डा. अजयकुमार सिंह के नेतृत्व में भगवान प्रसाद शिवनाथ प्रसाद बीएड कालेज सहित अन्य स्कूल-कालेज के छात्र-छात्राओं व शिक्षक-शिक्षिकाओं ने मानव श्रृंखला निर्माण में भाग लिया।

नन्हें बच्चों  ने प्रस्तुत की आकर्षक झांकी

डेहरी-आन-सोन (रोहतास) से एक अन्य समाचार में हमारे वरिष्ठ संवाददाता वारिस अली ने बताया है कि दहेज प्रथा निषेध और बाल विवाह के प्रतिकार में बनाई गई मानव श्रृंखला के दौरान शिवगंज मध्य विद्यालय और बाल वाटिका विद्यालय की ओर से नन्हें छात्र-छात्राओं (विवेक कुमार, रिंकी कुमारी, ज्योति कुमारी आदि) द्वारा थाना चौक पर बाल विवाह प्रतिकार और दहेज प्रथा निषेध पर आधारित आकर्षक झांकी प्रस्तुत कर लोगों को प्रभावित करने व जागरूक बनाने का कार्य किया गया।

 

बच्चों की झांकियों की सराहना अनुमंडल निर्वाचन पदाधिकारी जमाल मुस्तफा, पूर्व विधायक सत्यनारायण सिंह, डा. रमाशंकर पासवान, प्रकाश गोस्वामी, प्यारेलाल ओझा, रिंकू सोनी, विमल सिंह, निर्दोष पांडेय, अजय सिंह, रवि शर्मा, पीर मोहम्मद, उमाशंकर पासवान आदि ने ऐतिहासिक मानव श्रृंखला निर्माण के अवसर पर बच्चों की इस तैयारी की प्रशंसा की।

डेहरी-आन-सोन थाना चौक पर राष्ट्र सेवा दल के अध्यक्ष प्रदीप जोशी (पूर्व विधायक) व पूर्व विधायक रश्मि जोशी ने भी बच्चों के साथ भाग लिया। पाली रोड में नगर परिषद की अध्यक्ष विशाखा सिंह व उपाध्यक्ष बिंदा देवी, लोजपा के जिला संयोजक अशोक पासवान, जदयू के वरिष्ठ नेता खुशीद अनवर (छोटन खां), चैम्बर आफ कामर्स के सचिव अमितकुमार कश्यप बबल ने अपने-अपने दल व संस्था के सहयोगियों के साथ भाग लिया।

तस्वीर :  प्रो. अजीत सिंह, वारिस अली  (डेहरी-आन-सोन से), निशांत राज (दाउदनगर से ), अर्जुन कुमार (सासाराम से)

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