बौद्धिक संपदा के प्रति उद्यमियों की जागरुकता जरूरी
पटना (कार्यालय प्रतिनिधि)। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत कार्यरत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम-विकास संस्थान, पटना द्वारा बौद्धिक सम्पदा अधिकार (आईपीआर) पर वेबीनार का आयोजन किया गया। इस आनलाइन कार्यक्रम का उद्घाटन एमएसएमई डीआईए (पटना) के प्रमुख विश्वमोहन झा ने किया। कार्यक्रम में बिहार महिला उद्योग संघ की अध्यक्ष ऊषा झा, एमएसएमई (डीआई), पटना के पूर्व निदेशक डीके सिंह, सलाहकार टीआरटीसी विजय प्रकाश (भा.प्र.से.) अध्यक्ष सह मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डीके सिंह, चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (पटना) के रिसर्च एंड डेवेलपमेंट सह निदेशक प्रो. एससी राय, आर्यभट्ट नालेज विश्वविद्यालय (पटना) के प्रो. राकेश कुमार सिंह, आईपीआर अटार्नी अजित कुमार और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (पटना) के आईपीआर प्रकोष्ठ के नलिन भारती ने अतिथि के रूप में भाग लिया।
आरंभ में कार्यालय के सहायक निदेशक सम्राट झा ने स्वागत करते हुए आईपीआर कार्यक्रम के थीम पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम को अतिथियों ने संबोधित करते हुए आईपीआर से उद्यम के विकास में होने वाले लाभ और उसकी जरूरत के बारे में विभिन्न पक्षों के मद्देनजर जानकारी दी। आनलाइन संबोधन में कार्यक्रम को संबोधित करने वालों ने इस कार्यक्रम को भावी उद्यमियों के लिए जागरूक करने वाला कदम बताया। यह बताया कि आज का युग बौद्धिक संपदा का इसके अधिकार के प्रति जागरूक रहने का युग है। बौद्धिक संपदा अधिकार की विविधताओं को समझने की जरूरत है। इसलिए आईपीआर से संबंधित ऐसे कार्यक्रम का महत्व है और इस तरह का कार्यक्रम निरंतर जारी रहना चाहिए ताकि अपेक्षित जागरूकता का वातावरण का निर्माण हो सके। आईपीआर आज के युग की पहली मांग है और उद्यमियों को आईपीआर टूल्स की पहचान की जरूरत है।
आनलाइन कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय संबोधन में एमएसएमई डीआईए (पटना) के प्रमुख विश्वमोहन झा ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों के अपने नवोन्मेष, अपने कारोबारी प्रारूप, उसकी प्रक्रिया की निरंतरता और अपनी व्यावसायिक रणनीति को सुरक्षित रखने के लिए बौद्धिक सम्पदा अधिकार के बारे में जानना और सजग रहना बेहद जरूरी है। विभिन्न औद्योगिक क्लस्टर में तो बौद्धिक संपदा अधिकार का लागू होना बहुत ही आवश्यक है। विश्वमोहन झा ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (भारत सरकार) की ओर से उद्यम के लिए दी जा रही सहायता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आईपीआर योजना के विभिन्न प्रावधान से संबंधित डिजिटल प्रस्तुति एमएसएमई (डीआईए), पटना के सहायक निदेशक सम्राट एम. झा ने दी। बौद्धिक संपदा अधिकार जागरूकता कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु उद्यमियों के साथ मध्यम उद्यमी भी सम्मिलित हुए।
स्कूलों में नन्हें बच्चों के पहुंचने से नई ऊर्जा का संचार
पटना/सासाराम/डेहरी-आन-सोन (कार्यालय प्रतिनिधि)। राज्य के स्कूलों में एक से ऊपर तक की सभी कक्षाओं के संचालन के राज्य सरकार के आदेश के बाद अब नन्हें विद्यार्थी भी स्कूलों में साल भर बाद फिर दिखने लगे हैं। इससे विद्यालय परिसरों का माहौल नई ऊर्जा से भर गया है। सरकारी और निजी विद्यालयों में एक से पांचवीं तक की कक्षाओं का संचालन भी एक मार्च से कोविड-19 के एहतियात प्रावधान का पालन करते हुए आरंभ हो चुका है। इससे पहले फरवरी महीने में छठवीं से आठवीं कक्षा तक के संचालन की और कोई छह महीने पहले नौवींसे बारहवींतक की कक्षाओं के संचालन की अनुमति दी गई थी। मार्च 2020 में कोविड-19 के मद्देनजर स्कूलों की कक्षाओं का संचालन बंद कर दिया गया था। प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डा. एसपी वर्मा ने राज्य के सभी 38 जिलों में संचालित स्कूलों से और संगठन के रोहतास जिला अध्यक्ष रोहित वर्मा ने जिला के 19 प्रखंडों में संचालित स्कूलों के प्रबंधकों से कोविड-19 के मानक का पालन करने की अपील की है।
अब दुर्दिन काल से उबर जाएंगे स्कूल : राजीव रंजन
डेहरी-आन-सोन में सनबीम पब्लिक स्कूल के निदेशक राजीव रंजन और प्राचार्य अनुभा सिन्हा ने संपूर्ण कक्षा संचालन के आदेश का स्वागत करते हुए कहा है कि एक साल की बंदी में स्कूल संचालक हाशिये पर आ गए, शिक्षक-शिक्षिकाओं को जीवन के दुर्दिन काल को देखना पड़ा। अब फिर से रौनक लौटी है, हमसब उबर जाएंगे।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस : नौ में छह पुरस्कार संतपाल के नाम
पटना/सासाराम (कार्यालय प्रतिनिधि)। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह पर आयोजित वाद-विवाद, क्वीज और चित्रकला प्रतियोगिता में संतपाल सीनियर सेकेेंड्री स्कूल की बारहवीं विज्ञान की छात्रा रानी रत्न राज (वाद-विवाद), दसवीं की छात्रा सत्यम कुमारी (क्वीज) और नौवीं कक्षा का छात्र मनीष कुमार (चित्रकला) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। पटना के तारामंडल सभागार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने विजेताओं को एक हजार रुपये नगद राशि और प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया। इसके अलावा विद्यालय की दसवीं की छात्रा आस्था तिवारी ने वाद-ववाद प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान, दसवीं का छात्र समर्थ राज ने चित्रकला में द्वितीय स्थान और क्वीज में नौवीं का छात्र मयंक प्रकाश तृतीय स्थान प्राप्त किया। नौ पुरस्कारों में छह पुरस्कार संतपाल स्कूल को मिलने पर हर्ष व्यक्त करते हुए विद्यालय के अध्यक्ष डा.एसपी वर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों ने सफलता के लिए श्रम और लगन के महत्व को सिद्ध किया है। विद्यालय के प्रबंधक रोहित वर्मा, सचिव वीणा वर्मा, प्राचार्या आराधना वर्मा और शिक्षक-शिक्षिकाओं ने विद्यार्थियों की इस सफलता को विद्यालय के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि बताते हुए अपनी प्रसन्नता व्यक्त की।