महावीर : देश-विदेश में विस्तृत प्राचीन जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर

दाउदनगर (औरंगाबाद)-कार्यालय प्रतिनिधि। विद्या निकेतन विद्यालय समूह परिसर में जैन धर्म के अंतिम 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की 2618वींजयंती समारोहपूर्वक मनाई गई, जिसके कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय समूह के सीएमडी सुरेश प्रसाद गुप्ता, सीईओ आनंद प्रकाश, डिप्टी सीईओ विद्या सागर, प्राचार्य सरयू प्रसाद और प्रशासक संदीप कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सीएमडी सुरेश प्रसाद गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि धरती पर जीवन का कारोबार दुख और संघर्ष से भरा हुआ है, जिसके सुखमय बनाने के लिए समय, परिस्थिति और समाज के अनुरूप धर्म का प्रवर्तन होता रहा है। भारत भूमि पर परवर्तित हुआ जैन धर्म अपनी आचरण संहिता के कारण दुनिया के महान धर्मों में से एक था। भगवान महावीर देश-विदेश में विस्तृत प्राचीन जैन धर्म के अंतिम 24वें तीर्थंकर थे।यह धर्म हजारों साल तक शिखर पर था, जिसके अनुयायी बहुत बड़ी संख्या में थे। शिक्षिका रमा जैन, किरण जैन, सुनीता कुमारी, राजेश पांडेय, गिरिजा ठाकुर आदि ने महावीर की जीवनी और जैन धर्म की जिन-वाणी के सार-तत्व पर प्रकाश डाला।
(रिपोर्ट, तस्वीर : निशान्त राज)

 

आईसीआईसीआई बैंक ने कैैंपस सलेक्शन से चुने नेम के 16 विद्यार्थी

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय संवाददाता। जमुहार स्थित गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय (जेएनएसयू) के अंतर्गत संचालित प्रबंधन संस्थान नारायण एकेडमी आफ मैनेजरियल एक्सीलेंस (नेम) के 2017-19 सत्र के 16 एमबीए विद्यार्थियों का चयन सहायक प्रबंधक पद के लिए कैैंपस सलेक्शन के जरिये आईसीआईसीआई बैंक ने किया है।

नेम के डीन प्रो. आलोक कुमार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, आईसीआईसीआई बैंक के बिहार-झारखंड प्रभारी कृष्ण मुरारी और क्षेत्रीय प्रबंधक सुधांशु मोहन के निर्देशन में चुने गए विद्यार्थियों की लिखित परीक्षा ली गई, जिसमें उन्होंने कारपोरेट जगत की जरूरतों के अनुरूप पाया गया।

कैैंपस सलेक्शन प्रकोष्ठ की कुमुद रंजन और निखिल निशांत की टीम प्रयासरत है कि अधिक से अधिक विद्यार्थियों का कैैंपस सलेक्शन हो सके।
(रिपोर्ट, तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, जेएनएसयू)

 

हिमालय पर 108 कन्याओं का पूजन, भोजन, वस्त्र वितरण

देहरादून/डेहरी-आन-सोन (सोनमाटी प्रतिनिधि)। उत्तराखंड में हिमालय पर्वतश्रृंखला की एक कड़ी मसूरी पर स्थित आश्रम (हिमालय की गोद में) की ओर से नौ दिनों तक अखंड दीप प्रज्ज्ज्वलन कर पूजा-कार्य और प्रवचन-सत्संग का आयोजन किया गया। इस नवरात्र अनुष्ठान का आरंभ ध्वजारोहण कर किया गया और अंत में 108 कुमारी कन्याओं का पूजन कर उन्हें ऊनी वस्त्र भेंट में दिए गए। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला स्थित दिलदारनगर के अघोर सेवा मंडल के तत्वावधान में हिमालय की गोद मे यह आयोजन साल में दो बार शरद नवरात्र और चैत्र नवरात्र पर होता है। यह स्थान लंगवाल ग्रामपंचायत की सीमा में है और कैैंपटीफाल के सामने है। यहां स्फटिक की शिवलिंग प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा कर मंदिर की स्थापना कर दी गई है, जिसे भस्मेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।


चैत्र नवरात्रि के पर नौ दिनों के आयोजन में बिहार के डेहरी-आन-सोन से दयानिधि श्रीवास्तव (भरत लाल), राजेंन्द्र प्रसाद, पीयूष कुमार, राजकुमारी देवी, अंजलि कुमारी, मीनाक्षी श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश के दिलदारनगर से संत ओमराम, दिल्ली से राहुल कुमार, अशोक स्वामी, उत्तराखंड के देहरादून से अनिल पाठक, किरण पाठक, धनंजय कुमार सिंह, मधु सिंह, एम. शुक्ला आदि ने सपरिवार भाग लिया। इसमें लंगवाल ग्राम के प्रधान के साथ, मतेला ग्राम, रामपुर ग्राम के श्रद्धालु स्त्री-पुरुषों ने भाग लिया। प्रतिदिन गांवों के बच्चों को भोजन पर आमंत्रित किया गया और अंत में उन्हें भी ऊनी वस्त्र दिए गए।


दयानिधि श्रीवास्तव के अनुसार, अवधूत राम द्वारा परवर्तित यह पंथ अघोरपंथ के प्राचीन पंरपंरा से भिन्न और कर्मकांड-ज्ञानकांड के संतुलित जीवन दर्शन वाला धार्मिक-आध्यात्मिक पंथ है। हिमालय की गोद में नवरात्र करने की शुरुआत वर्ष 1990 में हुई थी। यहां नव अघोरपंथ के प्रवर्तक अवधूत राम परिभ्रमण करते हुए पहुंचे थे और आध्यात्मिक चिंतन-मनन किया था।

(रिपोर्ट : रामनारायण प्रसाद,

तस्वीर : मीनाक्षी श्रीवास्तव)

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