-केंद्रीय टीम द्वारा की जा रही है केेंद्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा
-यह व्यवस्था-सुधार की दिशा में है प्रयोग, इससे मिल सकती है योजनाओं के धरातल पर मौजूद होने में कामयाबी
-बिहार के औरंगाबाद जिले में दाउदनगर अनुमंडल के पंचायत सिंदुआर में पहुंची एक केंद्रीय टीम
दाउदनगर (औरंगाबाद) से उपेंद्र कश्यप
दशकों पहले देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने स्वीकार किया था कि केंद्र से चले एक रूपये के बदले तय लाभुक को मात्र 15 पैसे मिलते हैं। अर्थात 100 में 85 पैसा लाभुक और केंद्र के बीच में बैठे लोग खा जाते हैं। हालात बदले हैं, कितने बदले यह विमर्श का विषय हो सकता है?
केंद्र सरकार द्वारा इस दिशा में सुधार की कोशिश करती दिख रही है। इसके लिए केंद्रीय टीम गांव-गांव घूम रही है। वह विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रही है। केंद्र प्रायोजित किसी योजना का लाभ पात्रता रखने वाले को मिला या नहीं, किसी को मिला तो कैसे मिला, क्या परेशानी हुई, क्या लाभ मिला, उससे क्या बदलाव आया? और, इससे भी आगे की कदम यह कि यदि कोई लाभुक यह बताता है कि उससे रिश्वत ली गयी तो उसका वीडियो बनाया जा रहा है। उसके बाद यह भी संभव है कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हो।
दर्जनों योजना की हुई समीक्षा, योजनाओं के बारे में दी गई जानकारी
इससे न सिर्फ केंद्र सरकार को उसकी एजेंसी के माध्यम से धरातल काम की स्थिति ज्ञात होगी, बल्कि गाँव में ग्रामीण कई तरह की जानकारी भी हासिल कर सकते हैं। जानकारी हासिल होने से ग्रामीणों का आत्मसम्मान और स्वाभिमान बढ़ सकता है। केेंद्र सरकार की ऐसी ही एक टीम बिहार के औरंगाबाद जिले में दाउदनगर अनुमंडल के पंचायत सिंदुआर के दो गाँव मखरा और एकौनी में शुक्रवार को आयी। इसका नेतृत्व भारत सरकार के उप सचिव माचंद जी कर रहे थे। बताया गया कि घर-घर बिजली (सौभाग्य), एलईडी लाइट (उजाला), हर घर धुआँमुक्त करने वाली उज्ज्वला योजना, मिशन इंद्रधनुष, प्रधानमंत्री जनधन योजना, जीवन ज्योति, सुरक्षा बीमा योजना, कृषि, आजीविका, पशुपालन समेत दर्जनों योजना की समीक्षा की गयी। योजनाओं के बारे में जानकारी दी गयी।
भाजपा के मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र यादव ने बताया कि केंद्र सरकार की यह कोशिश अच्छी है। इससे योजनाओं की “ग्राउंड रियलिटी” सरकार को और योजनाओं की जानकारी “अंतिम व्यक्ति” को मिल रही है।
(मखरा की सभा में उपस्थित ग्रामीण -फोटो : उपेंद्र कश्यप)