-राज्यसभा सांसद और नारायण मेडिकल कालेज के अध्यक्ष गोपालनारायण सिंह ने उठाया विचारणीय गंभीर सवाल, दिया अपने नजरिये से जवाब भी
-राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने विज्ञान और तकनीक के परिप्रेक्ष्य में रखे अपने-अपने विचार
डेहरी-आन-सोन (बिहार)-विशेष प्रतिनिधि। शिक्षा के व्यापक विस्तार के कारण कुरीति व क्राइम को कम या खत्म हो जाना चाहिए। जबकि ऐसा नहींहुआ है, बल्कि अपराध व कुरीति का विस्तार ही हुआ है। हां, यह जरूर कहा जा सकता है कि साहस व स्वतंत्रता के लिए अनुकूल माहौल और मीडिया के विस्तार के कारण ढंके-छुपे रह जाने वाले अपराध को उजागर करना अधिक आसान हो गया है। इस प्रकार यह भी कहा जा सकता है कि शिक्षा और सुधार के साथ समाज में कुरीति और क्राइम साथ-साथ चल रहे हैं। यह स्थिति विचारणीय और गंभीर है। इस स्थिति से कोई चिकित्सक, कोई वैज्ञानिक, कोई प्रोफेशनल यह कहकर अलग-थलग नहींरह सकता कि समाज सुधार की या सामाजिक जिम्मेदारी तो उसकी नहींहै। यह विचार राज्यसभा सांसद और नारायण मेडिकल कालेज के अध्यक्ष गोपालनारायण सिंह ने आईसीएफएमटी-2018 के राष्ट्रीय सम्मेलन (कांफ्रेेंस) के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए व्यक्त किया।
पास्को एक्ट की जरूरत और घरेलू हिंसा जैसी आपराधिक प्रवृत्ति क्यों?
आईसीएफएमटी (इंडियन कांग्रेस आफ फोरेंसिक मेडिसिन एंड टोक्सिकोलाजी) के दो दिवसीय 17वें राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन का आयोजन जमुहार (डेहरी-आन-सोन) स्थित नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के तत्वावधान में हास्पिटल के सभागार में किया गया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए आईसीएफएमटी के 17वें सम्मेलन के मुख्य संरक्षक सांसद गोपालनारायण सिंह ने कहा कि यह पूरी गंभीरता से विचार करने की बात है कि आखिर हाल ही में लागू किए गए पास्को एक्ट की जरूरत क्यों पड़ी? आखिर समाज में शिक्षा के विस्तार के साथ ही असभ्य समाज में होने वाली घरेलू हिंसा जैसी आपराधिक प्रवृत्ति का प्रसार भी क्यों हो रहा है?
कमजोर पड़ रहा सामूहिक दायित्व और आत्मकेेंद्रित होता जा रहा व्यक्ति
गोपालनारायण सिंह ने उठाए गए अपने ही सवाल का जवाब समाज के वृहत्तर हिस्से से जुड़े रहने वाले राजनीतिक व्यक्ति की नजर से देते हुए कहा कि इसका कारण व्यक्ति का आत्मकेेंद्रित होते जाना है और समाज के प्रति जिम्मेदारी का कमजोर पड़ते जाना या धीरे-धीरे खत्म होते जाना है। सबकी चिंता कमाने या नौकरी करने तक ही सीमित होकर रह गई है और बाकी चिंता करने का काम कानून, सरकार और व्यवस्था के जिम्मे छोड़ दिया गया है। जबकि समाज के प्रति सबका दायित्व है, लेकिन सामाजिक दायित्व का विकास बाधित है या बाधित कर दिया गया है। आज व्यक्ति समाज से लेना-पाना तो चाहता है, पर देना नहींचाहता है। इस दिशा में भी विचार करने की जरूरत है। समाज के प्रति सामूहिक दायित्व की प्रवृत्ति के मजबूत होने पर पास्को एक्ट की जरूरत न्यूनतम और घरेलू हिंसा जैसी समस्या कम हो जाएगी।
विशेषज्ञों ने रखी अपनी-अपनी जानकारी, अपना-अपना मत
आईसीएफएमटी के 17वें सम्मेलन में पास्को एक्ट के प्रति जागरूकता और घरेलू हिंसा से बचाव का कानून विषय पर संयोजित संगोष्ठी को बतौर चिकित्सकीय और चिकित्सा तकनीक विशेषज्ञ आईसीएफएमटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. दलबीर सिंह, राष्ट्रीय महासचिव डा. चंद्र प्रकाश, हरियाणा सरकार के चिकित्सा सलाहकार डा. विजयपाल खंगवाल, सीबीआई अकादमी के वरिष्ठ प्राध्यापक डा. सतीश वर्मा आदि ने फोरेंसिक पैथोलाजी और फोरेंसिक साइंस के परिप्रेक्ष्य में अपनी-अपनी जानकारी और अपने-अपने मत को रखा।
बिहार में पहली बार हुआ यह राष्ट्रीय आयोजन
उद्घाटन सत्र के आरंभ में नारायण मेडिकल कालेज के प्राचार्य एवं आईसीएफएमटी के 17वें सम्मेलन के संयोजन सचिव डा. विनोद कुमार ने आगत अतिथियों का स्वागत किया। इस सत्र को संबोधित करते हुए नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल की संचालक संस्था देवमंगल मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव गोविंदनारायण सिंह ने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि आईसीएफएमटी का राष्ट्रीय सम्मेलन बिहार में पहली बार हो रहा है और इसके आयोजन का अवसर नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल को मिला। गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मोहनलाल वर्मा ने कहा कि आईसीएफएमटी के 17वें सम्मलेन में विशेषज्ञों के मंथन से कई ऐसी बातें छनकर सामने आएंगी, जो आगे के लिए उपयोगी होंगी। उद्घाटन सत्र का संचालन नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के बायोकेमिस्ट्री विभाग की अध्यक्ष डा.सुनीता त्रिपाठी ने किया। उद्घाटन सत्र में आईसीएफएमटी के 17वें राष्ट्रीय सम्मेलन की स्मारिक का विमोचन किया गया।
डेहरी-आन-सोन के बाद बोधगया में सम्मेलन के अगले चरण का कार्यक्रम
नारायण मेडिकल कालेज परिसर में आयोजित आईसीएफएमटी के 17वें सम्मेलन के उद्धाघटन सत्र से पहले निर्धारित विषय वस्तु पर साइंटिफिक सत्र का आयोजन किया गया था। नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के जनसंपर्क अधिकारी भूपेन्द्रनारायण सिंह के अनुसार, आईसीएफएमटी के 17वें सम्मेलन के अगले चरण के कार्यक्रमों का आरंभ 15 सितम्बर की देर शाम में डेहरी-आन-सोन से करीब सौ किलोमीटर दूर बोधगया में हो रहा है और इस सम्मलेन का समापन 16 सितम्बर को अपने निर्धारित कार्यक्रम के साथ बोधगया में ही सम्पन्न होगा।
(रिपोर्ट : कृष्ण किसलय, तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह)