दिल्ली पुलिस ने किया युवक को गिरफ्तार
दिल्ली/डेहरी-आन-सोन (सोनमाटी समाचार)। झारखंड के एक गांव के बारे में यह माना जा रहा है कि देश में होने वाले साइबर क्राइम का बहुत बड़ा हिस्सा इससे जुड़ा हुआ है। देश के आदिवासी बहुल राज्य झारखंड के जामतड़ा जिले का पिछड़ा गांव करमाटांड़ में लगभग हर हफ्ते कहीं-न-कहींकी पुलिस साइबर क्राइम की जांच के बाबत पहुंचती है। इस गांव के बारे में पुलिस में धारणा बन चुकी है कि यह गांव बैंकिग से जुड़े साइबर अपराध का केंद्र बना हुआ है। पुलिस का मानना है कि करीब दो सौ युवक साइबर क्राइम में लिप्त हैं।
पिछले दिनों दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच ने करमाटांड़ गांव से मोहम्मद सलीम नामक युवक को गिरफ्तार किया है। मोहम्मद सलीम के कमरे से आधा दर्जन मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस के मुताबकि, सलीम बैंकिंग से जुड़े अपराध को अंजाम दे रहा था। वह हर रोज ढेरों काल कर एक-दो लोगों को अपने जाल में फांस ही लेता था। वह किसी भी मोबाइल नंबर पर फोन कर अपने को बैंककर्मी होने की बात बताता था। वह मोबाइल फोन धारक को कहता था कि उनका कार्ड ब्लॉक हो गया है, जिसे अनब्लॉक करने के लिए मोबाइल फोन पर गया हुआ ओटीपी मांगता था। कई लोग उसके झांसे में आ जाते थे। ओटीपी मिलने के बाद वह मोबाइल धारक के बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर कर लेता था। मोहम्मद सलीम दिल्ली के बैंक एकाउंट से पैसे राजस्थान या पंजाब के बैंक एकाउंट में पहुंचाता रहा है।
दिल्ली पुलिस (अपराध अनुसंधान) के डीसीपी भीष्म सिंह के अनुसार, जिस गिरोह के लिए सलीम काम करता रहा है, उसके तार पूरे देश में फैले हुए हैं। गांव और घर के लोग यही समझते थे कि सलीम कमरे के भीतर रहकर किसी आनलाइन कंपनी के लिए डाटा इंट्री का काम करता है, मगर वह तो साइबर क्राइम करता रहा है।
जामताड़ा जिले के करमाटांड प्रखंड क्षेत्र में झिलूआ गांव है। जो साइबर क्राइम का विश्व विख्यात अड्डा है । जहां पन्द्रह साल का बच्चा भी क्राइम में प्रांगत है । मगर ऐसा क्यों होता है? इसके पीछे के तथ्यों को न तो सरकार समझना चाहती है और न ही पुलिस ।