सोनमाटी (स्तंभ वातायन) : ऐतिहासिक-सांस्कृतिक धरोहर गांधी आश्रम जहां पधारे थे बापू/ लघुकथा / गजल / गीत / कविता

ऐतिहासिक-सांस्कृतिक धरोहर गांधी आश्रम जहां पधारे थे बापू

बिहार के ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक धरोहरों में हाजीपुर के गांधी आश्रम में सौ साल पहले 7 दिसंबर 1920 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी आए थे और इसकी नींव रखी थी। नगरपरिषद के वार्ड 22 में 22 क_ा 4 धुर में विस्तृत गांधी आश्रम हाजीपुर रेलवे जंक्शन से पूरब में कुछ ही दूरी पर है। आज यह स्थान पांच संस्थानों का समूह बन चुका है। आश्रम की जमीन वैशाली जिला के पोहियार गांव के चंद्रदीपनारायण सिंह ने दान दी थी। स्वतंत्रता सेनानियों के विश्राम वाले 10 खपड़पोश कमरे अब पक्का हो गए हैं। गांधी आश्रम में स्वाधीनता आंदोलन के गरम दल तथा नरम दल के नेताओं के आगमन होता रहता था, जो अपने-अपने सिद्धांतों को आकार देने के लिए मंथन करते थे। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख केंद्रों मिदनापुर, मेरठ, चटगांव, प्रयागराज, कानपुर की तरह यह भी एक प्रमुख केेंद्र था। शेर-ए-बिहार के नाम से प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी योगेंद्र शुक्ल अपनी योजना को यहीं मूर्त रूप देते थे। नेताजी सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, देशरत्न डा. राजेंद्र प्रसाद, आचार्य कृपलानी, डा. राम मनोहर लोहिया, रामनंदन मिश्र आदि अनेक महान विभूतियों-नेताओं का इतिहास और कार्य गांधीआश्रम से जुड़ा रहा है। क्रांतिकारी जयनंदन झा के साथ किशोरीप्रसन्न सिंह, अक्षयवट राय, योगेंद्र शुक्ल, बैकुंठ शुक्ल, बाबूलाल शास्त्री, अब्दुल हमीद, गुलजार पटेल, सुनीति सिन्हा, चंद्रमा सिंह, अमीर गुरु, सूर्यनारायण सिंह आजाद, रामअयोध्या राय आदि आश्रम के प्रबंधकर्ताओं में थे।
इस ऐतिहासिक स्थल को जीवंत बनाने में बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों दीप नारायण सिंह, सत्येंद्रनारायण सिंह के साथ भूतपूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम सिंह की बड़ी भूमिका रही है। इस परिसर में गांधी स्मारक पुस्तकालय की स्थापना बिहार के राज्यपाल डा. जाकिर हुसैन ने 7 दिसंबर 1960 को की। पुस्तकालय में सांध्यकालीन वाचनालय चलता है। परिसर में 1983 में स्थापित बसावन सिंह स्मृति भवन है, जिसमें आंगनवाड़ी प्रशिक्षण केंद्र चल रहा है। हाजीपुर नगर परिषद द्वारा बनाए गए उद्यान में चंदूबाबू पार्क की नामपट्टिका लगाई गई है। परिसर के पूर्वी छोर पर दीप नारायण सिंह संग्रहालय है, जिसमें स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित चित्र, सामग्री हैं। उत्तर में खादी ग्रामोद्योग भवन है, जो अपनी जर्जर स्थिति पर आंसू बहा रहा है। जबकि बापू को खादी से गहरा लगाव जगजाहिर है।
यह गांधी आश्रम मुहल्ला के रूप में जाना जाता है। मोहल्ला की प्राय सभी सड़कें नाला सहित पीसीसी हो गई हंै। गांधी आश्रम मोहल्ला के 90 वर्षीय वयोवृद्ध रामसिंहासन कुमार (पूर्व उप समाहर्ता) ने बचपन याद कर बताते हैंकि 1936 से गांधीआश्रम आते-जाते थे, जहां पगडंडी थी और खजूरबन्नी (खजूर के पेड़ों का वन) था। एलआईसी के पूर्व सहायक मंडल प्रबंधक 75 वर्षीय डा. विजय कुमार का कहना है, पहले पतला कच्चारास्ता था, आज चौड़ी सड़क, बिजली, पानी, स्ट्रीटलाइट है। गांधी आश्रम परिसर की दक्षिणी चहारदीवारी से सटे मकान के निवासी साहित्यकार प्रो. ध्रुव कुमार चित्रांश, बिहार प्रशासनिक सेवा अधिकारी डा. अजय कुमार अलंकार बताते हैं, कई इतिहासकारों ने हाजीपुर के गांधी आश्रम की चर्चा की है। दंतचिकित्सक डा.कुमारी लक्ष्मी, फिजियो थेरेपिस्ट डा. रंजन, प्रो. जयंत कुमार, वरिष्ठ रंगकर्मी भोलानाथठाकुर, समाजसेवी मनोरंजनवर्मा को गर्व है कि बापू के नाम पर स्थापित गांधीआश्रम मोहल्ला के बाशिंदा हैं।

संजय विजित्वर
फोन 9117534733
(हाजीपुर, बिहार से टीवी पत्रकार की ग्राउंड रिपोर्ट)

लघुकथा / गजल / गीत / कविता

लघुकथा / आवश्यकता

‘चलो, यहां आए हैं तो मंदिर में दर्शन कर लिया जाएÓ। शैलेन्द्र बाबू ड्राइवर रमेश को यह कहते हुए गाड़ी से उतरकर मंदिर की ओर चले गए।
सावन की सोमवारी के कारण मंदिर में काफी भीड़ थी। शैलेन्द्र बाबू दर्शन कर लौटे तो रमेश उनकी प्रतीक्षा कर रहा था।
‘वाह, हमसे पहले कैसे आ गए? मंदिर में तो काफी भीड़ हैÓ। शैलेंद्र बाबू ने रमेश से कहा।
‘सर, मैं तो मंदिर गया ही नहींÓ। रमेश ने सरल भोलेपन से कहा।
‘क्यों, क्या कोई बात हैÓ?
‘आस्था तो है, सर। पर, जब तक हमारे मां-पिता जीवित हैं, तब तक मैं उन्हीं की सेवा-पूजा करूंगा। किसी और भगवान की पूजा करने की जरूरत नहीं है मुझेÓ। सरल भाव सहज मन से रमेश ने उत्तर दिया।
जवाब सुनकर शैलेन्द्र बाबू आवाक रह गए और रमेश का मुंह देखने लगे।

अवधेश कुमार सिंह
मकराईं, पो. डालमियानगर (बिहार)
फोन 7991179942


गजल / नीचे जमीन है

यकीन करना है तो अभी कर लो
नीचे जमीन है आसमान नहीं है।

जो मेहमान हैं मेहमान की तरह रहें
उनका यहां पुश्तैनी मकान नहीं है।

फूलों पर पहरेदारी मत रखना
खामोश हैं वो बेजुबान नहीं हैं।

समझो उनकी घबराहट का सबब
मुसाफिरों का यहां खानदान नहीं है।

शहर वालो सोच समझ कर रहना
सबकुछ है पर यहां दरबान नहीं है।

बोलते हो बहुत चुप रहना सीख लो
विरोध का यहां सम्मान नहीं है।

महेश खरे
भोपाल (मध्य प्रदेश)
फोन 9898143796

गीत / आओ हम मिलकर

आओ मिलकर एक दीपक हम जलाए
इस घने अंधियार को आओ भगाए

कर्म पथ का रास्ता बेहद कठिन
रास्ते को कुछ सुगम हम भी बनाए

हर जगह है द्वेष की काली घटाएं
आंधियों के दंभ को मिलकर मिटाए

छा रहा अंधेर माना जगत में अब
सत्य पथ की नाव को खेते ही जाए

श्रम करे होगा नवल उत्थान तब
देश को नूतन दिशाए हम दिखाए

हे लता की आरज़ू मेरे ख़ुदा सुन
देश को सुंदर सलोना सा बनाए

मंजूलता जैन
सिलोडी कटनी (म.प्र.) फोन 9575883334

कविता / साझे का दु:ख

मैं वो शब्द तलाश रहा हूं
जो प्रेम का बीज-मंत्र बन सके
मैं वो गीत तलाश रहा हूं
जिसे अकेले में गुनगुना सकूं
मैं वो सपने तलाश रहा हूं
जो हम जैसे अनगिनत लोगों की
आंखों में प्रेम पुष्प खिला सके
मैं वो कविता लिखना चाहता हूं
जो गांव-घर से बदर हुए बिदेसिया को
जो मुल्क से बदर हुए फिलीस्तीनियों को
नस्लभेद के शिकार हुए काले हब्शियों को
इनको, उनको, सबको ये बता सके कि
हम सबका दु:ख है एक
हम सबका संघर्ष है एक
तुम्हारा दुख सिर्फ तुम्हारा नहीं
तुम्हारा जंग सिर्फ तुम्हारा नहीं
तुम्हारी हार भी सिर्फ तुम्हारी नहीं
तुम्हारी जीत भी सिर्फ तुम्हारी नहीं
साझे का दु:ख, साझे का संघर्ष है
साझे की खेती, साझे का जीवन है

कुमार बिंदु
पाली, डेहरी-आन-सोन
फोन 9939388474

Share
  • Related Posts

    डब्ल्यूजेएआई और वेटरन्स के बीच हुआ रोमांचक मुकाबला, कलम के सिपाहियों का बल्ला भी चला

    पटना- कार्यालय प्रतिनिधि ।  पटना सिटी के मनोज कमालिया स्टेडियम में रविवार को सद्भावना कप टेनिस सॉफ्ट क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। यह मुकाबला वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया…

    Share

    बाबा नागार्जुन स्मृति सम्मान से नवाजे गए कवि कुमार बिंदु

    डेहरी-आन-सोन  (रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के पटना में हुए 106 वें स्थापना दिवस समारोह एवं 43 वें महाधिवेशन में रोहतास जिले के वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रख्यात कवि…

    Share

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    चित्रगुप्त समाज का होली मिलन समारोह,अबीर-गुलाल लगाकर दिया हाेली की शुभकामनाएं

    चित्रगुप्त समाज का होली मिलन समारोह,अबीर-गुलाल लगाकर दिया हाेली की शुभकामनाएं

    जीएनएसयू में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता नारायण युवोत्सव 2025 का समापन

    जीएनएसयू में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता नारायण  युवोत्सव 2025 का समापन

    महिला सशक्तिकरण की नई पहल : नवाचार और कौशल विकास से आत्मनिर्भरता की ओर

    महिला सशक्तिकरण की नई पहल : नवाचार और कौशल विकास से आत्मनिर्भरता की ओर

    अकस ने मनाया होली मिलन समारोह, गुलाल-अबीर के साथ झूमे लोग

    अकस ने मनाया होली मिलन समारोह, गुलाल-अबीर के साथ झूमे लोग