स्वप्नदर्शी अभियान (1) : सांसद ने बताया, बिहार में एक नए बदलाव की शुरुआत है जीएनएस विश्वविद्यालय

डेहरी-आन-सोन (बिहार)-कृष्ण किसलय। राज्यसभा सांसद एवं देवमंगल मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष गोपालनारायण सिंह ने बताया कि देश और प्रदेश की राजधानियों से दूर सीमावर्ती ग्रामीण इलाके में भव्य आधारभूत संरचना और श्रेष्ठ शिक्षण संसाधन के साथ जीेएनएस विश्वविद्यालय की स्थापना बिहार को बदलने के स्वप्नदर्शी अभियान का आरंभ है। हमारा सपना है कि हम अपने बेहतर प्रयास और विश्वस्तरीय ज्ञान को प्रतिस्थापित करने की निरंतरता के जरिये बिहार से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पलायन को रोकने में सतत योगदान करें। इस लिहाज से यह शिक्षा के क्षेत्र में एक नए बदलाव की शुरुआत है।जमुहार में विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में आयोजित प्रेस-कान्फ्रेन्स में उन्होंने बताया कि अभी तक चार विषयों के डिग्री कोर्स और तीन विषयों के डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई करने वाले नारायण मेडिकल कालेज के वृहद परिसर में अब जीएनएस (गोपालनारायण सिंह) विश्वविद्यालय के स्थापित हो जाने के बाद जुलाई से शुरू होने वाले नए सत्र से तीन नए विषयों में भी पढ़ाई आरंभ हो रही है।

अब नए सत्र से पत्रकारिता और कानून की पढ़ाई भी
गोपालनारायण सिंह ने बताया कि नारायण मेडिकल कालेज एंड अस्पताल में अभी तक मेडिकल (एमबीबीएस), फार्मेसी (बी व डी फार्मा), नर्सिंग और प्रबंधन (मैनेजमेंट) की पढ़ाई सफलतापूर्वक संपन्न होती रही है। अब देवमंगल मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा संचालित नारायण मेडिकल कालेज एंड अस्पताल गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय का अंग बन गया है। बिहार सरकार ने गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के संचालन की स्वीकृति बिहार निजी विश्वविद्यालय अधिनियम-2013 के अंतर्गत इसी महीने दे दी है। इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत जुलाई से आरंभ होने वाले शैक्षणिक सत्र से कानून, पत्रकारिता और वाणिज्य विषयों की पढ़ाई शुरू की जा रही है। इन नए विषयों के लिए आवश्यक मानव संसाधन की तैयारी अंतिम चरण में है। कानून और पत्रकारिता दोनों ही संकायों में नारायण स्कूल आफ ला और नारायण स्कूल आफ जर्नलिज्म में इंटरमीडिएट के बाद पांच-पांच वर्ष के दिल्ली विश्वविद्यालय जैसा इंटीग्रेटेड कोर्स के तहत पढ़ाई होगी। दोनों ही विषयों में 60-60 सीटें हैं।
गोपालनारायण सिंह ने बताया कि कालेज परिसर (नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल) पाश्र्व में ही बहुत पहले से विश्वविद्यालय के रूप में आकार ग्रहण करने की अपनी आंतरिक तैयारी भवन और जरूरी आधारभूत संरचना के निर्माण के साथ होती रही है। उन्होंने बताया कि इतने अधिक विषयों में आवासीय व्यवस्था के साथ पढ़ाई वाला बिहार का पहला निजी विश्वविद्यालय है।
रोजगारपरक शिक्षा और देश-समाज की सामयिक जरूरतों की होगी पूर्ति : डा. सिन्हा
देवमंगल मेमोरियल ट्रस्ट के सलाहकार एवं विश्वविद्यालय के शासी निकाय सदस्य डा. अमिताभ सिन्हा ने कहा कि गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय का उद्देश्य रोजगारपरक शिक्षा है। हालांकि पूरे देश के परिदृश्य में यह प्रयास लघु दिख सकता है, मगर इसमें बिहार को बदलने की दिशा देने की शक्ति अंतर्निहित है। आठवें दशक तक बिहार से श्रमिकों का पलायन अधिक होता था और आठवें दशक के बाद शैक्षणिक संस्थान के अभाव के कारण शिक्षा के लिए युवाओं का पलायन भी अधिक बढ़ गया। इसी चुनौती के मद्देनजर इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। देश-दुनिया और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कानून और पत्रकारिता की जरूरतें नए समय-समाज के मद्देनजर बदल गई हैं। उन जरूरतों की रोजगारपरक शिक्षा के जरिये पूर्ति ही इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य है।
वैश्विक स्तर के न्यूनतम आवश्यक संसाधन के लिए दृढ़संकल्प : डा. वर्मा
गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमएल वर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में वैश्विक स्तर के न्यूनतम आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन दृढ़ संकल्प है। पत्रकारिता विभाग में इलेक्ट्रानिक, प्रिंट व न्यू मीडिया के लिए बेहतर लैब का प्रबंध होगा। जर्मन और स्पेशनिस भाषा की भी पढ़ाई होगी। इसके देश-प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से बेहतर अनुभवी फैकल्टी जुटाए जा रहे हैं।

अब पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सा की पढ़ाई भी : गोविंदनारायण
देवमंगल मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव गोविन्दनारायण सिंह के अनुसार, नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल को एमबीबीएस की सौ सीटों और 650 बेड के अस्पताल की अनुमति वर्ष 2008-09 में मिली थी। वर्ष 2018 से मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए 70 सीटों की अनुमति मिली है और एमबीबीएस सीटें भी बढ़कर 150 हो गई हैं।
परीक्षाओं का बेहतर संयोजन-नियंत्रण : त्रिविक्रमनारायण
नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रमनारायण सिंह के अनुसार, विश्वविद्यालय की मान्यता मिलने से दूसरे विश्वद्यिालय पर कालेज की निर्भरता खत्म हो गई है। अब हम समय पर अपनी परीक्षा का आयोजन और परीक्षाओं का बेहतर संयोजन-नियंत्रण कर सकेेंगे। हमारा प्रयास बेहतर फैकल्टी जुटाने का है, ताकि विद्यार्थियों को सक्षम और बहु उपयोगी शिक्षा सुलभ हो सके।

सामाजिक दायित्व में भी योगदान : जनसंपर्क अधिकारी
इस मौके पर नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के जनसंपर्क अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह ने बताया कि सामाजिक दायित्व के तहत कालेज के चिकित्सकों-विद्यार्थियों द्वारा स्लम बस्तियों में जाकर स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया जाता है। कालेज-अस्पताल के अधिकारी-कर्मचारी नियमित रक्तदान करते हैं, ताकि चिकित्सा कार्य में खून की कम-से-कम आपातकालीन मांग पूरी हो सके।

(इनपुट व तस्वीर : उपेन्द्र कश्यप, निशांत राज)

 

  • Related Posts

    भारत के राष्ट्रपति जीएनएसयू के तृतीय दीक्षान्त समारोह में होंगे शामिल

    डेहरी-आन-सोन  (रोहतास) विशेष संवाददाता। जमुहार स्थित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय का तृतीय दीक्षान्त समारोह आज 11:00 बजे दिन से प्रारंभ होगा। इसके मुख्य अतिथि भारत गणराज्य के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द…

    चमनलाल महाविद्यालय की गर्ल्स कबड्डी टीम बनी यूनिवर्सिटी चैंपियन

    लंढौरा (हरिद्वार)-विशेष प्रतिनिधि। चमन लाल महाविद्यालय की गर्ल्स कबड्डी टीम ने अंतर-महाविद्यालय टूर्नामेंट में राजकीय डिग्री कॉलेज उत्तरकाशी को एक तरफा मुकाबले में हराते हुए यूनिवर्सिटी चैंपियन का खिताब हासिल…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    खेतीबाड़ी कृषि–क्लिनिक योजना अंतर्गत चयनित प्रशिक्षुओं को कृषि संबंधीत दी गई जानकारी

    खेतीबाड़ी कृषि–क्लिनिक योजना अंतर्गत चयनित  प्रशिक्षुओं को कृषि संबंधीत दी  गई जानकारी

    परिश्रम ही सफलता की कुंजी है : डॉ. महापात्र

    परिश्रम ही सफलता की कुंजी है : डॉ. महापात्र

    पटना जीपीओ की स्थापना के 107 वर्ष पूर्ण होने पर जारी हुआ स्टाम्प

    पटना जीपीओ की स्थापना के 107 वर्ष पूर्ण होने पर जारी हुआ स्टाम्प

    सोनपुर मेला में एक महीने तक चलने वाले “फोटो प्रदर्शनी सह जागरुकता अभियान” का हुआ शुभारंभ

    सोनपुर मेला में एक महीने तक चलने वाले “फोटो प्रदर्शनी सह जागरुकता अभियान” का हुआ शुभारंभ

    कार्यालय और सामाजिक जीवन में तालमेल जरूरी : महालेखाकार

    व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में हुई थी आभूषण कारोबारी सूरज की हत्या

    व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में हुई थी आभूषण कारोबारी सूरज की हत्या