शून्य से भी नीचे पहुंचा बैरोमीटर का पारा
दिल्ली/डेहरी-आन-सोन/नोखा (रोहतास)-सोनमाटी टीम। दिसंबर में देश की राजधानी दिल्ली सहित बिहार में इस बार जो शीतलहर चली और जैसी हाड़कंपा देनेवाली ठंड पड़ी, वह ऐतिहासिक है। क्योंकि, गुजरी सदी में ऐसी ठंड नहींपड़ी थी। इस साल सदी की सबसे भीषण गर्मी के बाद सबसे भीषण ठंड 1901 के बाद पड़ी है। यह जलवायु परिवर्तन का असर है। वर्ष 1901 से 2018 तक दिसंबर में चार बार अधिकतम औसत तापमान 20 डिग्री से भी नीचे गया, जो इस साल 19 डिग्री के आस-पास रहा। दिल्ली में न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री रिकार्ड किया गया। डेहरी-आन-सोन सहित रोहतास, औरंगाबाद जिलों में न्यूनतम औसत तापमान 05 डिग्री सेल्सियस के करीब दर्ज हुआ। राजस्थान के सीकर में तापमान शून्य डिग्री से नीचे पहुंच गया। कश्मीर में डल झील का पानी बर्फ में तब्दील हो गया है। घने कोहरे के कारण करीब-करीब देशभर में ट्रेनों की रफ्तार धीमी कर दी गई हैं और सभी विलंब से चल रही हैं। कड़ाके की ठंड में समाज के हाशिये पर खड़े वंचित तबके के बीच विभिन्न संस्थाओं द्वारा कंबल बांटने का नेक काम किया जा रहा है।
जरूरी है परोपकार की भावना : डा. एसपी वर्मा
नोखा (रोहतास) से सोनमाटी संवाददाता के अनुसार, सिद्धेश्वर पब्लिक स्कूल (मेयारी बाजार, नोखा) में प्रखंड विकास पदाधिकारी रामजी पासवान, अंचलाधिकारी किशोर पासवान, मुखिया जितेन्द्र कुमार सिंह, लायंस क्लब आफ सासाराम के सदस्य नरेन्द्र कुमार ने कंबल वितरण का कार्य स्कूल के अध्यक्ष डा. एसपी वर्मा, सचिव राहुल वर्मा, प्रधानाध्यापक उन्नी कृष्णन, स्कूल शिक्षक-शिक्षिकाओं नमो नारायण, अभिमन्यु सिंह, स्कूल के मीडिया प्रभारी अर्जुन कुमार आदि ने उपस्थित विद्यार्थियों के साथ किया। इस अवसर पर डा. एसपी वर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों में पढ़ाई के साथ सेवा-परोपकार की भावना विकसित करने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन जरूरी है।
(रिपोर्ट, तस्वीर : अर्जुन कुमार, मीडिया प्रभारी)
मानवीय सेवा है जरूरतमंदों की पूर्ति
डेहरी-आन-सोन (रोहतास) से कार्यालय प्रतिनिधि की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार के श्रम विभाग में दर्ज अपने समय में शाहाबाद जिला के प्रथम शंकर-लाज के संस्थापक सीताराम श्रीवास्तव की पुंयतिथि के अवसर पर समाज के वंचित तबके के बीच कंबल वितरण किया गया और उनकी तस्वीर पर स्मृति-श्रद्धा-पुष्प चढ़ाए गए। विधायक सत्यनारायण सिंह यादव और वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ डा. रागिनी सिन्हा ने कहा कि समाजसेवा के रूप में अपने पुरखे की स्मृति को जीवित रखने का यह बेहतर तरीका है। शाम में उनकी स्मृति में संगीत कार्यक्रम और सहभोज का आयोजन किया गया। सुनील शरद के संचालन में सोन कोकिला प्रीति सिन्हा, वरिष्ठ गायक राजू सिन्हा, पिंटू दिलवाले, मोहम्मद इम्तेयाज ने स्मृति गीत गाए। शंकर-लाज के संचालक, सोन कला केेंद्र के अध्यक्ष दयानिधि श्रीवास्तव और स्व. सीताराम श्रीवास्तव के बड़े पुत्र घनश्याम श्रीवास्तव ने आगतों का स्वागत किया। कार्यक्रम में भाग लेकर विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों-सदस्यों सोन कला केेंद्र के संस्थापक सलाहकार जगनारायण पांडेय, कार्यकारी अध्यक्ष जीवनप्रकाश गुप्ता, उपाध्यक्ष अरुणकुमार शर्मा, सचिव निशांत राज, कोषाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, अमूल्य सिन्हा, अमिता पांडेय, सिंटू सोनी, उदय गोस्वामी, सुधांशु ओझा, सोनघाटी पुरातत्व परिषद के सचिव कृष्ण किसलय, उपसचिव उपेन्द्र कश्यप, कार्यकारी सदस्य सत्यनारायण सिंह, डेहरी चेस क्लब के संस्थापक निर्देशक सुमंत मिश्र, सचिव नंदकुमार सिंह, शंभुशरण सिंह, धनंजय सिंह, सुरेंद्र यादव, आलोक कुमार, पत्रकार वारिस अली, गौतम शर्मा सहित आगतों और श्रीवास्तव परिवार के महिला, पुरुष, बाल सदस्यों ने स्व. सीताराम श्रीवास्तव की पुंयस्मृति को नमन किया।
(रिपोर्ट, तस्वीर : निशांत राज)
विद्यार्थियों ने कल्पना को दिया हस्तशिल्प आकार
दाउदनगर (औरंगाबाद)-कार्यालय प्रतिनिधि। पुराना शहर स्थित ज्ञान ज्योति शिक्षण केेंद्र में हस्तशिल्प प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें छात्र-छात्राओं ने मिसाइल, इंडिया गेट, ताजमहल, कुतुबमीनार, मंदिर, घर आदि के माडल प्रस्तुत कर अपने सौंदर्यबोध, अपनी कल्पनाशीलता और हस्तशिल्प कौशल का प्रदर्शन किया। संस्था के निदेशक डा. चंचल कुमार (सचिव, संपूर्णानंद एजुकेशनल एंड सोशल डेवलपमेंट ट्रस्ट) ने विद्यार्थियों के कलात्मक प्रयास की हौसला अफजाई की। विद्यालय के शिक्षक सलाहुद्दीन अंसारी, रजनीश कुमार, राजा कुमार, विनोद मालाकार, हारुण रशीद, सहरे हीरा ने विद्यार्थियों के साथ प्रदर्शनी कार्यक्रम का संयोजन किया।
(रिपोर्ट, तस्वीर : निशांत राज)