सासाराम /काराकाट (रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि। जिले में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक परिवार ने सैकड़ों ग्रामीणों को ठगी का शिकार बनाकर 8 करोड़ रुपए की ठगी कर ली। यह ठगी काराकाट थाना क्षेत्र के मोथा गांव में हुई, जहां एक पूरा परिवार गांव के करीब 300 लोगों से, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं, लोन लेकर फरार हो गया। इस ठगी का मामला तब खुला जब सैकड़ों ग्रामीणों को बैंकों की तरफ से नोटिस मिलने लगे और उन्हें लोन का पैसा चुकाने के लिए कहा गया।
ठगी का तरीका और शातिर परिवार
इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत करीब दस साल पहले हुई, जब मोथा गांव का एक परिवार, जिसमें राजू गुप्ता, उनकी पत्नी नीलम देवी और परिवार के अन्य सदस्य शामिल थे, ने गांव वालों का भरोसा जीतने के लिए बैंकों के जरिए उनके नाम पर लोन निकालना शुरू किया। नीलम देवी, जो कैसपार बैंक के बिक्रमगंज ब्रांच में एक कर्मचारी थी, ने अपने गांव में एक निजी मकान में बैंक की शाखा भी चला रखी थी। यह परिवार बड़ी ही चालाकी से ग्रामीणों का विश्वास जीतकर उनके नाम पर बैंक से लोन निकालता और धीरे-धीरे इस ठगी का दायरा बढ़ाता गया।
कैसे रची गई इतनी बड़ी साजिश
शातिर ठग परिवार ने ग्रामीणों को बैंक खाते खुलवाने के लिए प्रेरित किया। उनके पासबुक लेकर उन्हें अपने पास रख लिया। ग्रामीणों को यह भरोसा दिलाया गया कि उनके खाते सुरक्षित हैं और उन्हें किसी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके बाद, ये परिवार उन खातों का इस्तेमाल कर विभिन्न बैंकों से लोन निकालता और पैसे को अपने और अपने परिवार के खातों में ट्रांसफर कर लेता। ग्रामीणों को इस बात की भनक तब लगी, जब बैंक अधिकारियों ने उन्हें नोटिस भेजने शुरू किए और लोन की राशि चुकाने की मांग की।
(रिपोर्ट : टिपु सुलतान)