सोन नद के इस पार और उस पार भी मजबूत चौथा कोण
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)/दाउदनगर (औरंगाबाद)-कार्यालय प्रतिनिधि। सोन नद के उस पार पूरब के ओबरा विधानसभा क्षेत्र में और इस पार पश्चिम के डेहरी विधानसभा क्षेत्र में लोकतंत्र की लड़ाई त्रिकोणीय है। दोनों तरफ की त्रिकोणीय लड़ाई में भी डेहरी में निर्दलीय प्रत्याशी राजू गुप्ता और ओबरा में स्वराज पार्टी के सोम प्रकाश ने सेंधमारी की है। मत बांटने, वोट बैंक तोडऩे की यह सेंधमारी कितना कामयाब होती है और इसका मुख्य प्रत्याशियों की जीत-हार पर कितना असर पड़ता है, यह 28 अक्टूबर को मतदान के बाद तय हो जाएगा। डेहरी में एनडीए की ओर से भाजपा के प्रत्याशी विधायक सत्यनारायण यादव और राजद के फतेबहादुर सिंह के बीच दमदार टक्कर के बीच पूर्व विधायक दंपती प्रदीप जोशी, रश्मि जोशी की जोड़ी ने त्रिकोण बना रखा है और त्रिकोण को चतुष्कोण बनाने का कार्य राजीव रंजन उर्फ राजू गुप्ता ने किया है। हिन्दू हित की राजनीति करने वाले प्रदीप जोशी ने राजद के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री इलियास हुसैन को 2005 में और फिर उनकी पत्नी रश्मि जोशी ने 2010 में हराया। इसके बाद इलियास हुसैन 2015 में जीत हासिल करने में सफल रहे। अलकतरा घोटाला में इलियास हुसैन को सजा हुई और जेल गए तो 2019 के उप चुनाव में उनके पुत्र फिरोज हुसैन राजद से और भाजपा से सत्यनारायण सिंह यादव चुनाव के मैदान में उतरे। सत्यनारायण सिंह यादव ने प्रचंड मतों से जीत अर्जित की। इस बार सत्यनारायण सिंह का मुख्य मुकाबला राजद के फतेबहादुर से है। दोनों ही कारोबारी और शहर (डेहरी-आन-सोन) के निवासी हैं। राष्ट्रसेवा दल के प्रदीप जोशी का आधार वोट पिछले चुनाव तक कायम रहा है। इस बार उनका आधार वोट कितना कायम रहता है, यह तो मत परिणाम तय करेगा। शहर डेहरी-आन-सोन और अकोढ़ीगोला मेंं वैश्य समाज की संख्या अधिक है, जिसके बल पर जदयू में राज्यस्तर पर सक्रिय रहे कारोबारी राजीव रंजन उर्फ राजू गुप्ता ने निर्दलीय चुनाव लडऩे का एक मुद्दा सत्यनारायण यादव को भी बना रखा है। उन्होंने सत्यनारायण यादव के कई कार्य को स्व-अर्थ केेंद्रित बताया हैं। जबकि सत्यनारायण यादव ने विकास कार्य के आधार पर पूर्णकालिक विधायक बनाने की अपील की है। यहां से बसपा की उम्मीदवार सोना देवी भी चुनाव के मैदान में हैं।
उधर, ओबरा विधानसभा क्षेत्र के त्रिकोणीय संघर्ष में जदयू के सुनील कुमार (यादव), राजद के ऋषि कुमार (यादव) और लोजपा के डा. प्रकाश चंद्र (गुप्ता) के बीच कांटे का मुकाबला है। सुनील कुमार बारुण के प्रतिष्ठित देवा सिंह परिवार से संबंधित हैं। ऋषि कुमार पूर्व केेंद्रीय मंत्री डा. कांति सिंह के पुत्र हैं। कारोबारी वैश्य समाज से आने वाले डा. प्रकाश चंद्र दाउदनगर शहर के अग्रणी शिक्षाविद के रूप में प्रतिष्ठित हैं। इनकी साख यादव समाज में भी है और सवर्ण समाज में भी। ऋषि कुमार पहली बार चुनाव के मैदान में हैं, मगर उनकी मां इसी क्षेत्र में सक्रिय रही हैं। ओबरा यादव बहुल क्षेत्र है, जहां 22 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति की है। 2015 के चुनाव में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के चंद्रभूषण वर्मा ने राजद के वीरेंद्र कुमार सिन्हा को शिकस्त दी थी। इससे पहले थानाध्यक्ष की नौकरी छोड़ कर चुनाव लडऩे वाले निर्दलीय (स्वराज पार्टी) सोम प्रकाश विजयी हुए थे। जबकि 2015 में सोम प्रकाश चौथे स्थान पर और सीपीआई-एमएल के राजाराम सिंह तीसरे स्थान पर थे। सीपीआई-एमएल का आधार वोट तो रहा ही है, सोम प्रकाश का भी वोट बैंक एक हद तक बरकरार है। सीपीआई-एमएल का कैडर वोट राजद को जाएगा। इस बार रालोसपा के अजय कुमार उम्मीदवार हैं। रालोसपा का बसपा के साथ गठजोड़ है और रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा मुख्यमंत्री के घोषित चेहरा हैं। इस तरह ओबरा और डेहरी दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में मुख्य मुकबला भले ही महागठबंधन और एनडीए के बीच हो, मगर चतुष्कोणीय संघर्ष इतना जटिल है कि चुनाव परिणाम का ऊंट किस करवट बैठेगा, अंदाजा लगा पाना कठिन है।
काराकाट, दिनारा में बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ भ्रमण
सासाराम (रोहतास)-सोनमाटी प्रतिनिधि। भाजपा बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के रोहतास जिला अध्यक्ष गोरखनाथ लाल, महासचिव नवीन सिन्हा, जिला प्रवक्ता डा. राकेश बघेल, मीडिया प्रभारी शंभु शैल ने दिनारा और काराकाट विधानसभा क्षेत्रों के विभिन्न गांवों का दौरा करते हुए मतदाताओं से जनसंपर्क कर केेंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों से अवगत कराया। उधर, कुदरा से सोनमाटी संवाददाता के अनुसार, अधिक से अधिक मतदान और लोगों की भागीदारी के लिए प्रशासन की ओर से मतदान जागरूकता अभियान की शुरूआत जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने की, जिसमें चुनाव आयोग की आईकान लोकगायिका अभिनेत्री राधाकृष्ण रस्तोगी के साथ अभिनेता सुरेंद्रकृष्ण रस्तोगी ने भी शिरकत की।
थर्मल स्क्रीनिंग के बाद मतदान : रोहतास जिला के सिविल सर्जन सुधीर कुमार के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के प्रथम चरण के 28 अक्टूबर के मतदान में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी कोविड-19 गाइडलाइन के अनुसार थर्मल स्क्रीनिंग के बाद मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतदान केंद्रों पर तैनात आशाकर्मी थर्मल स्क्रीनिंग कर सुरक्षित मतदान में भूमिका निभाएंगी। आशाकर्मियों द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में घूम-घूम कर जागरूकता अभियान चलाया जा चुका है कि मतदाता को मास्क पहनना जरूरी है, सैनिटाइजर रखना है, दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करना है और कोविड-19 संक्रमित को मतदान केंद्र पर जाने की इजाजत नहीं है।