साहित्य कला और संगीत की विलक्षण प्रतिभा की धनी हैं डॉ. शैलजा रौला : सिद्धेश्वर

पटना (कार्यालय प्रतिनिधि)। संगीत हो या कला, हमारे जीवन को संगठित करने और हमारे भीतर ऊर्जा भरने की अद्भुत क्षमता रखती है। संगीत हमारे भीतर उत्साह पैदा करता है, तो चित्रकला हमारे जीवन में सौंदर्य भर देती है। कहा जाता है कि संगीत कला और साहित्य मानव संस्कृति के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। और हजारों वर्षों से मानव समाज के अभिन्न अंग रहे हैं। संगीत के मुख्य लाभों में से एक इसकी भावनाओं को जगाने और ऐसा महान माहौल बनाने की क्षमता है जो हमारे मूड को प्रभावित कर सकता है। दूसरी तरफ चित्रकला हमारी आंखों में सौन्दर्य भर देती है। कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि संगीत से ही संसार का जन्म हुआ है संगीत संसार के कण-कण में समाया हुआ है। नदियों का कल- कल, पंछियों का कलरव, भँवरे का गुनगुन, बारिश का रिमझिम, बादलों की गड़गड़ाहट, हवाओं की सरसराहट, बिजली की कड़कड़ाहट, मां की थपकी, दादी की लोरी,पिता की गुड़राहट, हृदय की धड़कन, सांसों के श्वास पर, हर एक में संगीत समाया हुआ है। इन सारी प्राकृतिक दृश्य को यदि कला के माध्यम से देखेंगे तो अद्भुत सौन्दर्य आपको नजर आएंगे। मुझे लगता है कि जीवन में संगीत और कला को समझने के लिए एक उदाहरण यह भी हो सकता है। चित्रकला के बारे में कहा जाता है कि पेंटिंग का महत्व यह है कि यह चित्रकार की भावनाओं और विचारों को भौतिक अभिव्यक्ति प्रदान करती है। चित्रों को उनकी सुंदरता, मौन रंगों को विस्तार पर ध्यान देने के लिए जाना जाता है। कम कम मैं तो ऐसा ही महसूस करता हूं क्योंकि साहित्य के साथ मुझे कला और संगीत से अत्यधिक प्रेम रहा है। कुछ ऐसी ही विशेषता आज के मुख्य अतिथि डॉ शैलजा रौला में भी देख रहा हूं, जो एक कुशल कवयित्री तो हैं ही, संगीत के प्रति समर्पित एक प्रतिभाशाली कलाकार भी हैं। एक तरफ उनकी, साहित्य की प्रकाशित पुस्तकें हैं,तो दूसरी तरफ कई संगीतमय मंचों का संचालन। उनके स्वर का जादू है कि उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्मी, शास्त्रीय और कई प्रकार के संगीतों की प्रस्तुति भी देती रही है l कथक नृत्य में भी वे प्रवीण दिखती हैं। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को देखते हुए मुझे लगता है कि साहित्य कला और संगीत की विलक्षण प्रतिभा की धनी हैं-डॉ शैलजा रौला।


भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वावधान में फेसबुक के अवसर साहित्यधर्मी पत्रिका के पेज पर, हेलो फेसबुक चित्रकला एवं संगीत सम्मेलन का संचालन करते हुए संयोजक सिद्धेश्वर ने उपरोक्त उद्गार व्यक्त किया। कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि डॉ. शैलजा रौला से सिद्धेश्वर ने संक्षिप्त भेटवार्ता लिया। उसके पश्चात डॉ. शैलज़ा ने अपनी संगीतमय प्रस्तुति को लाइव किया जिसमें
“गोविंद दर्शन दियो आय” (भजन)
“तुम मिले दिल खिले”
“रात ढलती रही सासें चलती रही”
“वो जब याद आए बहुत याद आए”
“रंज की जब गुफ़्तगू होने लगी”
“आव तिहरा के दिखायी अपन गाँव भैया हो” (भोजपुरी)
“आज जाने की ज़िद न करो” आदि। इनके अलावा इस कार्यक्रम में सर्वश्री विज्ञान व्रत, संजय राय, आनंद आर्या डॉ. पूनम श्रेयसी, सिद्धेश्वर, राजेंद्र नाथ, डॉ. शैलजा रौला आदि कलाकारों की कलाकृतियां एवं राज प्रिया रानी, स्मृति गुप्ता, बीना गुप्ता आदि ने भी संगीतमय प्रस्तुति दी।
 

इस ऑनलाइन हेलो फेसबुक चित्रकला एवं संगीत सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. शैलजा रौला ने कहा कि साहित्य, कला के संदर्भ में उनका विचार है कि साहित्य सृजन का आधार, मनोभावों को शब्दों में पिरोने के साथ- साथ निश्छलता और सत्यता के संग विचारों की भी प्रस्तुति है। लेखक इन्ही भावों के साथ आसपास की घटित परिस्थिति को आत्मसात् कर लेखनी को पाठको के समक्ष प्रस्तुत करता है। साहित्य और संगीत दोनों एक दूसरे के बिना अधूरा है। जहाँ साहित्य अंतरात्मा में ज्ञान की ज्योति जागृत करता है, वही संगीत संवेदना को जागृत करने में सहायक होता है।

प्रस्तुति : बीना गुप्ता जन संपर्क पदाधिकारी,भारतीय युवा साहित्यकार परिषद , पटना,बिहार,मोबाइल 9 2 3 4 7 6 0 3 6 5Email :[email protected]

  • Related Posts

    2287 लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि, लाभार्थियों को सौंपी आवास की प्रतीकात्मक चाबी

    सासाराम (रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि। जिला मुख्यालय केसमाहरणालय स्थित डीआरडीए सभागार में मंगलवार को जिलाधिकारी उदिता सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत जिला स्तर पर कुल 15 लाभुकों को…

    नवनियुक्त तकनीकी और प्रशासनिक कर्मियों के लिए अभिविन्यास प्रशिक्षण

    प्रशिक्षण कार्यक्रम : दक्ष बनें, तत्पर रहें और आगे बढ़ें पटना – कार्यालय प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में मंगलवार को नवनियुक्त तकनीकी और प्रशासनिक…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    2287 लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि, लाभार्थियों को सौंपी आवास की प्रतीकात्मक चाबी

    2287 लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि, लाभार्थियों को सौंपी आवास की प्रतीकात्मक चाबी

    नवनियुक्त तकनीकी और प्रशासनिक कर्मियों के लिए अभिविन्यास प्रशिक्षण

    नवनियुक्त तकनीकी और प्रशासनिक कर्मियों के लिए अभिविन्यास प्रशिक्षण

    ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत कृषि अनुसंधान परिसर पटना द्वारा वृक्षारोपण

    ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत कृषि अनुसंधान परिसर पटना द्वारा वृक्षारोपण

    गणपति प्रतिमा विसर्जन को लेकर निकाली गई शोभायात्रा

    गणपति प्रतिमा विसर्जन को लेकर निकाली गई शोभायात्रा

    चंद्रवंशी चेतना मंच का 25वां स्थापना दिवस/ बाइक चोरी/मारपीट के मामले में केस दर्ज

    चंद्रवंशी चेतना मंच का 25वां स्थापना दिवस/ बाइक चोरी/मारपीट के मामले में केस दर्ज

    टीबीटी-अवार्ड से सम्मानित हुए शिक्षक सुनील कुमार

    टीबीटी-अवार्ड से सम्मानित हुए शिक्षक सुनील कुमार