विकसित कृषि संकल्प अभियान की तैयारियां पूरी, गांवों में जाकर किसानों से संवाद करेंगे वैज्ञानिक

  • केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह की पहल पर देशभर में चलेगा विकसित कृषि संकल्प अभियान
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “लैब टू लैंड” का विजन व विकसित भारत की संकल्पना होगी साकार
  • 700 से अधिक जिलों, 65 हजार गांवों और लगभग 1.5 करोड़ किसानों तक पहुंचेगी 2170 टीमें

नई दिल्ली -कार्यालय प्रतिनिधि। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर प्रारंभ हो रहे राष्ट्रव्यापी ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की तैयारियां पूरी हो गई है। 29 मई को पुरी (ओडिशा) की पावन-पवित्र धरा से इस अभियान की शुरूआत की जाएगी, जहां केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह भी शामिल होंगे। 15 दिनों तक चलने वाले इस वृहद अभियान के दौरान केंद्रीय मंत्री लगभग 20 राज्यों में प्रवास करेंगे और किसानों व वैज्ञानिकों का उत्साहवर्धन करने के साथ ही उनसे सीधा संवाद करेंगे।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह 29 मई को ओडिशा के बाद 12 जून तक के अभियान के दौरान जम्मू, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, असम, मेघालय, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में किसानों व वैज्ञानिक टीमों के साथ संवाद में सहभागिता करेंगे।
अभियान के उद्देश्यों में; क्षेत्र विशेष के लिए खरीफ मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों से संबंधित आधुनिक तकनीकों के बारे में किसानों को जागरूक करना, किसानों के लिए उपयोगी सरकारी योजनाओं-नीतियों के बारे में जागरूक करना, किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड में सुझाई गई विभिन्न फसलों के चयन तथा संतुलित खादों के प्रयोग के लिए जागरूक एवं शिक्षित करना व किसानों से फीडबैक प्राप्त करना ताकि उनके द्वारा किए गए नवाचार के बारे में वैज्ञानिक जानकारी प्राप्त कर अनुसंधान की दिशा का निर्धारण किया जा सकें, शामिल है।
खरीफ सीजन में किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से देशव्यापी ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों के सहयोग से 29 मई से 12 जून तक 700 से अधिक जिलों में आयोजित किया जाएगा। इस दौरान वैज्ञानिकों की टीम गांवों में जाकर किसानों से संवाद करेगी। अभियान में देशभर के सभी 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), आईसीएआर के सभी 113 संस्थानों, राज्यस्तरीय विभागों एवं कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ही प्रगतिशील किसान व कृषि से जुड़े अन्य लोग शामिल होंगे।
अभियान का लक्ष्य विभिन्न राज्यों में लगभग डेढ़ करोड़ किसानों तक प्रत्यक्ष रूप से पहुंचना व सीधे संवाद करना है, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “लैब टू लैंड” के विजन को धरातल पर उतारना है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह का कहना है- यह अभियान, विकसित कृषि के साथ-साथ प्रधानमंत्री के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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