भारत बंद : मोदी सरकार को घेरने और विपक्षी एकता का दम दिखाने की कवायद

पेट्रोल-डीज़ल की आसमान छूती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस समेत  21 विपक्षी दलों ने आज (10 सितम्बर को) भारत बंद का आह्वान किया। कांग्रेस की अगुआई में बंद के दौरान देश भर में प्रदर्शन किया गया और कहीं-कहीं हिंसक झड़प भी हुई। बिहार में आम जनजीवन प्रभावित रहा। कई जगह प्रदर्शन हिंसक हुआ और कई जगह आगजनी हुई। ट्रेनों को भी रोका गया। पुलिस ने 678 बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया। जहानाबाद में दो साल की बच्ची की मौत हो गई । परिवारवालों ने आरोप लगाया है कि भारत बंद के कारण कोई वाहन नहीं मिलने से बच्ची का इलाज नहीं हो पाया। दूसरे प्रदेशों में भी रेल रोके गए और कई जगह तोड़-फोड़ भी हुई। 

नई दिल्ली/पटना/डेहरी-आन-सोन(रोहतास)/दाउदनगर(औरंगाबाद)-सोनमाटी समाचार टीम। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के विरुद्ध कांग्रेस की अगुआई में 21 विपक्षी दलों ने 10 सितम्बर को भारत बंद का आह्वान किया। पूरे देश में महंगाई के प्रतिकार में प्रदर्शन किया गया, कहीं-कहीं हिंसक झड़प भी हुई। कई स्टेशनों पर रेल रोके गए और कई जगह-जगह तोड़-फोड़ भी हुई। महंगाई के विरुद्ध ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा आक्रोश दिखा।

भारत बंद का राजद, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, बिजू जनता दल, डीएमके, जेवीएम, जेएमएम आदि दलों ने समर्थन किया है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी पर भारत बंद के जरिये कांग्रेस ने एक तीर से दो निशाना साधने का काम किया है। भारत बंद के जरिये कांग्रेस ने मोदी सरकार को तो घेरा ही, 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए अपनी अगुआई में महागठबंधन की एकता दिखाने की कोशिश की। कांग्रेस ने बंद के जरिए यह संदेश देने का काम किया है कि उसकी छतरी के नीचे तमाम विपक्षी दल हैं।
राहुल ने कहा, पूरा विपक्ष मिलकर भाजपा को हटाएगा
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया सहित सभी विपक्षी दलों के नेता राजघाट, दिल्ली में पहुंचकर धरना दिया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इस सरकार को बदलने का समय जल्द ही आएगा? राहुल गांधी ने कहा कि आज पूरा विपक्ष एक साथ बैठा है, हम सब मिलकर भाजपा को हटाने का काम करेंगे। कहा कि नरेंद्र मोदी जहां जाते हैं, लोगों को तोड़ते हैं। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ गए, पर पीएम कुछ नहीं बोला। दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का उनका वादा कहां गया? गैस सिलेंडर 800 रुपये की हो गई है। संसद में राफेल डील पर सवाल उठते हैं, लेकिन पीएम उसका जवाब नहीं देते हैं। नोटबंदी से छोटे रोजगार और छोटे दुकानदारों नष्ट हुए, जबकि कालाधन सफेद हो गया। सोच एक टैक्स की थी, जबकि जीएसटी में पांच अलग-अलग टैक्स हो गए।

बिहार में तोडफ़ोड़ और आगजनी भी हुई, 678 गिरफ्तार 
बिहार में प्रदर्शन के दौरान पटना में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा तोडफ़ोड़ की गई। राजेंद्र नगर टर्मिनल रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक को बधित किया गया, जबकि जहानाबाद में रेलवे ट्रैक पर आगजनी की गई। लोकतांत्रिक जनता दल के कार्यकर्ताओं ने पटना में अपने कंधों पर बाइक रखकर पेट्रोल-डीजल की महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन किया। सड़कों पर उतरने वालों में कांग्रेस, राजद, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा :हम: सेक्युलर, समाजवादी पार्टी, रांकापा, जन अधिकारी पार्टी और वामदलों के नेता और कार्यकर्ता थे। बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) एस के सिंघल के अनुसार,  बंद के दौरान पुलिस ने कुल 678 बंद समर्थकों को गिरफ्तार किया। इसमें सबसे अधिक पटना में 219, गोपालगंज में 214, नालंदा में 141 और औरंगाबाद में 61 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

रेल यातायात को किया बाधित

बंद समर्थकों ने प्रदेश के मुजफ्फरपुर, वैशाली, भोजपुर, सारण, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, नालंदा, नवादा, जहानाबाद, गया, लखीसराय, मुंगेर, मधेपुरा, बेगूसराय, भागलपुर, शेखपुरा, बक्सर, सीवान, रोहतास और कैमूर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में जगह-जगह टायर जलाकर सड़क और रेल यातायात को बाधित किया। दुकानें जबरन बंद कराई गईं। डेहरी-आन-सोन, सासाराम और दाउदनगर में सड़कें जाम की गई। पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार के अनुसार, बंद समर्थकों ने कोपरिया, दौरम मधेपुरा, लहेरियासराय, हायाघाट, दरभंगा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, कमतौल—जगियारा, कपरपुरा मुजफ्फरपुर, जयनगर, सलौना, शेखपुरा, नवादा, जहानाबाद—टेहटा, पुनपुन—पोठही, तरेगना, बाढ़, राजेन्द्रनगर, टेकाबिगहा, आरा, राजगीर, बिहारशरीफ—पावापुरी रोड, दिनकरग्राम सिमरिया—राजेन्द्र पुल, गुलजारबाग—पटना सिटी, बक्सर, बिहटा, पटना सिटी, बरकुर, हाजीपुर, रामदयालु नगर, भगवानपुर, गरौल, उजियारपुर, खगडि़या, तेघरा—बरौनी, साहिबपुर कमाल, बेगूसराय, सहदेई बुजुर्ग, चकमकरंद—अक्षयवट, राय नगर, देसरी और गुरपा में रेल यातायात बाधित किया।

उत्तर प्रदेश में भारत बंद से दूर रही बसपा

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारत बंद को लेकर कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की गई। 2019 के लिए भाजपा के खिलाफ सियासी गठबंधन की कवायद में जुटी बसपा केंद्र सरकार के खिलाफ महंगाई को लेकर बंद से दूर रही। बसपा का कोई नेता वेस्ट यूपी के जिलों में कांग्रेस के साथ खड़ा नहीं दिखाई दिया। इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कैराना लोकसभा उपचुनाव में भी भले ही विपक्ष की कैंडिडेट तब्बसुम हसन जीत गई हों, लेकिन बसपा की तरफ से खुलकर समर्थन में कोई ऐलान नहीं किया।सियासी ताकत बनने के लिए गैरबीजेपी सभी दल एक मंच पर आने की लगातार बात कर रहे हैं, लेकिन अभी तक यह कोशिश पूरी तरह परवान नहीं चढ़ पाई है।

पश्चिम बंगाल में भारत बंद का कोई स्वत:स्फूर्त असर नहीं

छत्तीसगढ़ में रायपुर, अम्बिकापुर में पेट्रोल-डीजल की महंगाई के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। मुंबई के परेल इलाके में राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने जबरन दुकानें बंद कराईं। अंधेरी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण के नेतृत्व में लोकल ट्रेन रोकी गई। कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान बस में आग लगाने का प्रयास किया। कर्नाटक में भारत बंद के चलते कई शहरों में सरकारी बसों की सेवाएं बाधित रहीं। मगर कोलकाता सहित पश्चिम बंगाल भारत बंद का कोई स्वत:स्फूर्त असर नहीं दिखा।

पेट्रोल-डीजल पर देशव्यापी बहस, दाम वृद्धि में राज्य सरकारें भी जिम्मेदार
पेट्रोल-डीजल में रोज कीतम बढऩे से देशव्यापी बहस छिड़ गई है। केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर एक्साइज ड्यूटी वसूलती है, जबकि राज्य सरकारें अलग-अलग दर से वैट लगाती हैं। इससे यह तो स्पष्ट है कि पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छूने के मामले में राज्य सरकारों की भी बड़ी भूमिका है। विपक्ष के राजग सरकार के विरुद्ध जारी सियासी संग्राम के बीच 10 सितम्बर को तेल की कीमतें फिर बढ़ गईं। दिल्ली में पेट्रोल 23 पैसा महंगा होकर 80.73 रुपये व डीजल 22 पैसा बढ़कर 72.83 रुपये लीटर और पेट्रोल कोलकाता में 83.61 रुपये, मुंबई में 88.12 रुपये और चेन्नै में 83.91 रुपये प्रति लीटर हो गया।

विदेश से पेट्रोल पंप तक तेल की कीमत का गणित
10 सितंबर 2018 को इंडियन बास्केट के कच्चे तेल की कीमत 4883 रुपये प्रति बैरल है। एक बैरल में 159 लीटर तेल होता है। इस हिसाब से 10 सितम्बर को प्रति लीटर कच्चे तेल की कीमत 30.71 रुपये हुई। विदेशों से आया कच्चा तेल (क्रूड आयल) देश की रिफाइनरियों में पहुंचकर साफ होता हैं और फिर वहां से पेट्रोल पंपों तक पहुंचने में  लागत आती है। रिफाइनरियों से बाहर निकलने में पेट्रोल पर 3.68 रुपये और डीजल 6.37 रुपये प्रति लीटर खर्च आता है। इस तरह 10 सितम्बर को पेट्रोल की रिफाइनरी कीमत 34.39 रुपये और डीजल की कीमत 37.08 रुपये हुई। प्रति लीटर पेट्रोल पर 3.31 रुपये और प्रति लीटर डीजल पर 2.55 रुपये तेल विक्रेता (मार्केटिंग) कंपनियों की मार्जिन भी होती है, जो ढुलाई आदि का खर्च है। यानी पेट्रोल पंप तक पहुंचकर 10 सितम्बर को पेट्रोल 37.70 रुपये और डीजल 39.63 रुपये का हो गया। निर्धारित दर के हिसाब से केंद्र सरकार का एक्साइज टैक्स प्रति लीटर पेट्रोल पर 19.48 रुपये और प्रति लीटर डीजल पर 15.33 रुपये है। इस तरह पंप तक पहुंचकर पेट्रोल की कीमत 57.18 रुपये और डीजल की कीमत 54.96 रुपये हो गई। अब इसमें पेट्रोल पंप डीलरों का कमीशन जुड़ेगा, जो निर्धारित प्रतिशत के हिसाब से प्रति लीटर पेट्रोल पर 3.59 रुपये और प्रति लीटर डीजल पर 2.53 रुपये होता है। इस तरह पंप पर आज (10 सितम्बर ) का पेट्रोल का भाव 60.77 रुपये और डीजल का भाव 57.49 रुपये हो गया। अब इस पर राज्य सरकारें अलग-अलग दर से वैट और पलूशन सेस वसूलती हैं, जिन्हें जोडऩे के बाद ही उपभोक्ताओं (ग्राहकों) को पेट्रोल पंप से तेल मिलता है।
जून 2017 से से हुई हर दिन की कीमत की व्यवस्था
पिछले साल पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में हर दिन बदलाव की व्यवस्था (डेली डायनेमिक प्राइसिंग) 16 जून 2017 से लागू की गई है। इस व्यवस्था को यह कहते हुए लागू किया गया था कि इससे कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुरूप बाजार में पेट्रोल-डीजल उपलब्ध होंगे। ऐसा हुआ नहीं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का दाम घटने के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ती गईं। 16 जून, 2017 से पहले देश की तेल कंपनियां एक पखवारे पर पेट्रोल-डीजल के भाव की समीक्षा करती थीं। अब यह पता नहीं चलता कि कल तेल किस भाव में मिलेगा?

रिपोर्ट व तस्वीर : डेहरी-आन-सोन/दाउदनगर से निशांत राज
इनपुट : डालमियानगर से अवधेशकुमार सिंह, सासाराम से अर्जुन कुमार,  तिलौथू (रोहतास) से डा. अनिल सिंह, नोएडा से संजय पंकज, लखनऊ से विजयकुमार श्रीवास्तव, बेंगलुरू से राहुल अभिषेक, गया से मुकुेश प्रसाद सिन्हा, जमशेदपुर से विकास श्रीवास्तव, अम्बिकापुर से रामाज्ञा कुमार, देहरादून से अनिल कुमार,
संपादन : कृष्ण किसलय

 

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