गया (बिहार)। जिला के मानपुर प्रखंड के अंतर्गत ग्राम कचहरी शादीपुर बिहार राज्य की पहली कंप्यूटरी-कृत कचहरी बन गई है। इस ग्राम कचहरी के कंप्यूटरीकृत होने के अवसर पर आयोजित समारोह का आरंभ राष्ट्रगान और बिहार गीत से किया गया। ब्लाक प्रोजेक्ट मैनेजर अमरेंद्र कुमार ने बताया कि युवा सरपंच डाली भारती की अगुआई में ग्राम कचहरी बिहार की पहली कंप्यूटरी कृत ग्राम कचहरी है। गया जिला सरपंच संघ के अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह ने कहा की शादीपुर राज्य की अग्रणी ग्राम कचहरी है, जिसकी न्याय पीठ सशक्त रही है। मानपुर सरपंच संघ के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि ग्रामीण स्तर के विवादों के फैसले के मामले में शादीपुर ग्राम कचहरी का पूरे बिहार में एक उदाहरण के रूप में रही है।
ग्राम कचहरी शादीपुर की सरपंच डाली भारती ने बताया कि ग्रामीण जनता का ग्राम कचहरियों के प्रति भरोसा लगातार बढ़ रहा है। जनता थाना, कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने के बजाय अपने गांव में ही अपने विवाद के सुलझा लेना चाहती है। कचहरी के कार्य अब कंप्यूटर से संपन्न होंगे। फैसले और प्रमाणपत्र कंप्यूटर से निर्गत किए जाएंगे। ग्राम कचहरी ने डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।
कार्यक्रम में न्याय सचिव विजय कुमार शर्मा, उपसरपंच बेबी देवी, ग्राम कचहरी शादीपुर के सभी पंच, डा. हरेंद्र कुमार सिंह और अन्य गणमान्य उपस्थित थे। अंत में ग्राम कचहरी शादीपुर की पूर्व सरपंच स्व. नीलम देवी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
(रिपोर्ट और तस्वीर : डा. धर्मवीर भारती)
अधिवक्ताओं ने की कलमबंद हड़ताल, अब राज्यपाल को ज्ञापन देने की तैयारी
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। अधिवक्ताओं ने अपनी मांगों के लिए डेहरी अनुमंडल विधिज्ञ संघ के नेतृत्व में एक दिन की कलमबंद हड़ताल के बाद अब राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की तैयारी की है। संघ के अध्यक्ष उमाशंकर पांडेय और सचिव मिथिलेश कुमार ने बताया कि संघ की ओर से जनप्रतिनिधियों और अनुमंडलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।
उन्होंने बताया कि अब राज्य स्तरीय ज्ञापन बिहार राज्य बार काउंसिल के जरिये राज्यपाल को सौंपा जाएगा। अधिवक्ताओं की मांगों में वकीलों-मुवक्किलों के बैठने की व्यवस्था, महिला अधिवक्ताओं के लिए कामन रूम, नए अधिवक्ताओं को पांच साल तक दस हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय, निशुल्क चिकित्सा व्यवस्था, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बनाने और वृद्ध-अक्षम अधिवक्ताओं को पेंशन देने, ब्याजरहित कर्ज देने आदि मांग शामिल हैं।
(रिपोर्ट : कमलेश मिश्र)