डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। शहर में पाली और मकराईं के बीच रेल ओवरब्रिज पुल पर बालू लदे एक ट्रक ने फिर एक लड़की की जान ले ली। मृत नवयुवती कोचस थाना के पनियारी गांव की थी और अपने रिश्तेदार के साथ बाइक से गुजर रही थी कि सुरक्षित जगह तक जल्दी निकल भागने के प्रयास में बालू लदे अज्ञात टैक्टर ने टक्कर मार दी। क्या इस घटना को सामान्य दुर्घटना मौत से अलग गैरनियत हत्या नहीं माना जाना चाहिए? अगर बालू वैध था, ढुलाई वैध थी तो क्या टैक्स लेने वाले सरकारी विभाग इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं? क्या यह घटना गुजरे अनगिनत हृदयविदारक हादसों के मद्देनजर अब भी व्यापक पुलिस अनुसंधान और प्रशासनिक संवेदनशीलता का उदाहरण बनेगी? या फिर, चंद लोगों की संलिप्तता के कारण अंधा-बहरा बन बालू के संगठित अवैध कारोबार को जारी रखने को मौन बदस्तूर स्वीकृति मिलती रहेगी?
डीआईजी, एसपी ने पकड़ा रंगेहाथ
घटना के एक दिन पहले ही 10 मई की रात मकराईं पेट्रोल पंप के निकट बालू लदे ट्रकों-ट्रैक्टरों से पैसे वसूलने वाले डालमियानगर थाना के उप पुलिस निरीक्षक सत्येंद्र चौधरी और चालक संजय राय को गिरफ्तार किया गया था। दोनों को डीआईजी राकेश कुमार राठी और एसपी सत्यवीर सिंह ने मौके पर पहुंचकर रंगेहाथ दबोचा था। पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध वसूली की यह पहली घटना नहीं है। भले ही प्रदेश के डीजीपी ने इस संबंध में अपना विशेष आदेश जारी कर रखा हो।
आखिर कैसे लगे अंकुश, कई जगहों पर है हिस्सेदारी
अब तक दर्जनों जानें जा चुकी है। राहगीरों, ज्यादातर दोपहिया चालकों की और पुलिस वालों की भी। बालू का अवैध धंधा वर्षों से जारी है। सोन तट के डेहरी-आन-सोन से जिले के चारों ओर फैला-पसरा हुआ है। दलालों की पूरी फौज इसमें सक्रिय है। फिर भी प्रशासन, पुलिस के बड़े अधिकारियों को नहीं दिखाई पड़ता रहा है तो शक भरा सवाल पैदा होता ही है। जब इसकी अवैध कमाई के हिस्से डिहरी, सासाराम से पटना तक चंद या चुनिंदा संलिप्त लोगों तक बंटते-पहुंचते रहे हों, तब आखिर इस पर अंकुश कैसे लगे? बालू के धंधे की सच्चाई की तह में जाने के लिए किसी गहरे अनुसंधान की जरूरत नहीं है। सिर्फ तीन-चार सालों में बालू से संबंधित पुलिस थानों में बमुश्किल ही सही जितने भी कांड दर्ज हो सके हैं, उनकी केस स्टडीज कर ली जाए। पुलिस थानों, संबंधित अधिकारियों के कागजों-फाइलों से उन कांडों को बाहर निकाल कर, लंबित जांच को आगे बढ़ाकर और एक जगह रखकर सुपरविजन कर लिया जाए तो हकीकत पूरी तरह सामने आ जाएगी। मगर सुरसा की तरह सवाल मुंह बाये खड़ा है कि यह होगा कैसे, करेगा कौन?
न हो हृदयविदारक हादसे की पुनरावृति
स्वराज पार्टी के अध्यक्ष सोम प्रकाश (पूर्व विधायक) का कहना है कि अनुमंडल पदाधिकारी, डिहरी और जिला प्रशासन, सासाराम को उनकी ओर से भी आगाह किया गया था कि मकराईं-पाली रेल पुल पर रोज बिखरने और जमा होने वाला बालू बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। सोम प्रकाश का कहना है कि दुर्घटना के संबंध में जिला पदाधिकारी, रोहतास के मोबाइल पर बात भी हुई। उन्होंने जिला पदाधिकारी से लोकहित में संबंधित विभाग को सूचित-निर्देशित करने का आग्रह किया है और यह मांग की है कि जिला प्रशासन सुनिश्चित करे, इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो। जिम्मेदार विभागों के पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। मृतक नवयुवती के परिजन को उचित मुआवजा दिया जाए।
मैथ स्कालर चैंपियनशीप कंपीटशन संपन्न
सासाराम (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता। कंगारू कंपनी के सहयोग से मैथ स्कालर चैम्पियनशिप कंपटीशन का आयोजन रोहतास जिला में संपन्न हो गया। यह आयोजन चैम्पियनशिप कंपटीशन विश्व के 76 दशों में हो रहा है। रोहतास जिला में इस प्रतियोगिता के आयोजन की जिम्मेदारी प्राइवेट स्कूल्स चिल्ड्रेन वेल्फेयर एसोसिएशन को दी गई थी। रविवार को रोहतास जिले के विभिन्न प्रखंडों के निजी विद्यालयों में प्रतियोगिता हुई। इसमें रोहतास जिले में अग्रणी स्थान प्राप्त विद्याथियों को 24000 रुपये की छात्रवृतियां कंगारू कंपनी की ओर से दी जाएगी।
डिहरी प्रखंड के निजी स्कूलों में भी गर्मी की छुट्टी
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-वरिष्ठ संवाददाता। प्रशासन के 13 मई से सरकारी स्कूलों की तरह निजी विद्यालयों में भी ग्रीष्म अवकाश किए जाने के निर्देश पर प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन की डेहरी-आन-सोन शाखा की बैठक में सर्वानुमति से सहमति हुई। बैठक में छुट्टी 16 जून तक रखने का फैसला लिया गया और इस बात पर सहमति हुई कि कोई भी स्कूल प्रबंधन अपनी परिस्थिति के अनुकूल विद्यालय को 16 जून से पहले भी खोल सकता है। जीएल एकेडमी परिसर में हुई बैठक की अध्यक्षता डिहरी शाखा के अध्यक्ष अरविंद भारती ने की। बैठक में डिहरी शाखा के संरक्षक जगनारायण पांडेय, जिला महामंत्री समीर कुमार और अन्य विद्यालयों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
(सूचना, तस्वीर : दीपनारायण पांडेय)