फसल विविधीकरण अपनाएं, अधिक मुनाफा पाएं : डॉ. संजीव कुमार

कृषि प्रसार कर्मियों ने सीखे फसल विविधीकरण के गुर

पटना -कार्यालय प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना एवं कृषि विज्ञान केंद्र, माधोपुर के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक बुधवार को पश्चिमी चंपारण के बेतिया जिले के माधोपुर में “फसल विविधीकरण तकनीक” विषय पर कृषि प्रसार कर्मियों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के नौतन प्रखंड के 20 प्रसार कार्मियों ने भाग लिया। परियोजना के प्रधान अन्वेषक एवं फसल अनुसंधान प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार ने प्रसार कर्मियों को संबोधित करते हुए फसल विविधीकरण के महत्वपूर्ण तकनीक, यथा शस्य प्रबंधन, जल उपयोग दक्षता, उर्वरक की उचित मात्रा, पंक्तियों मे बुआई एवं अंतः फसल प्रणाली पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक कुमार ने फसल विविधीकरण द्वारा मृदा स्वास्थ्य सुधार एवं जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के शमन पर प्रकाश डाला। फसल विविधिकरण पर किसानों के साथ साथ क़ृषि प्रसार कर्मियों को प्रशिक्षित करने का मुख्य उद्देश्य कम पानी वाले फसलों को बढ़ावा देना एवं किसानों की आय मे वृद्धि करना तथा बड़े पैमाने पर फसल विविधीकरण तकनीक का प्रसार करना है। कृषि विज्ञान केंद्र, माधोपुर के विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ. सौरभ दूबे ने पौधों मे कीट -व्याधि नियंत्रण की विधि के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। केंद्र के अन्य विशेषज्ञ डॉ. चलपुरी रामुलु ने फसलों में जल प्रबंधन तकनीक के बारे मे बताया। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के क्षेत्रीय स्टेशन माधोपुर के सहायक प्राध्यापक डॉ. सतीश चन्द्र एवं सह प्राध्यापक डॉ. रविकांत ने फसलों मे शस्य प्रबंधन एवं उत्तम गुणवत्ता वाले बीजों की उत्पादन विधि के बारे मे बताया। विदित हो कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 28 नवंबर 2024 तक चलेगा। इस कार्यक्रम को आयोजित करने में कृषि विज्ञान केंद्र, माधोपुर के अध्यक्ष डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह, डा सौरभ दूबे एवं अन्य का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उक्त कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास के मार्गदर्शन में किया गया।

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