सोन-तट का उस्ताद शायर : नासेह नासरीगंजवी
सोन-तट का उस्ताद शायर : नासेह नासरीगंजवी यह 1994-95 की बात है। जब मैं बक्सर की गलियों में कविता की आवारगी में घूमा करता था। वह उर्दू के तरही मुशायरों…
अक्क महादेवी: द्राविड़ भक्ति की साहस-साधना
बहुत दिनों के बाद भक्ति आन्दोलन पर ताजगी लेकर एक किताब आयी है, ‘अक्क महादेवी’। सुभाष राय की इस किताब ने आने के साथ ही गंभीर लोकप्रियता अर्जित की है…
चुनावी हास्य यात्रा : ईवीएम का धक्का!
चुनावी हास्य यात्रा : ईवीएम का धक्का! शाम का समय था! कुर्सी पर बैठा आलोक किसी की राह देख रहा था, ऐसे उसके चेहरे से लग रहा था।…
‘साझे का संसार’ : बहुजन समझ का संसार
कुमार बिन्दु का पहला काव्य-संग्रह है ‘साझे का संसार’। हालाँकि वे अस्सी के दशक से कविताएँ लिख रहे हैं और उम्र के सातवें दशक में रचनारत हैं। उनकी बुनियादी बनावट…
उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाय
विवेकानन्द के जयंती पर लेखक प्रेमकुमार मणि के आपने विचार विवेकानंद ( 12 जनवरी 1863 – 4 जुलाई 1902 ) के प्रति मैंने हमेशा एक जिज्ञासु भाव रखा है। जब…
पुस्तक समीक्षाः घिस रहा है धान का कटोरा
“घिस रहा है धान का कटोरा” लक्ष्मीकांत मुकुल का सद्य प्रकाशित काव्य संकलन है। इसमें छोटी- बड़ी पचहतर कविताएँ संग्रहित हैं, अंतिम कविता भोजपुरी भाषा में है। पुस्तक का नाम…
पुस्तक समीक्षाः यात्रियों के नजरिए में शाहाबाद
लक्ष्मीकांत मुकुल की नई किताब ‘‘यात्रियों के नजरिये में शाहाबाद‘‘ ग्रामीण परिवेश में रची-बुनी गई ग्रामीण इतिहास पर आधारित एक प्रमाणिक पुस्तक है। हिन्दी और भोजपुरी भाषा-साहित्य के लिए समर्पित…
बिंदेश्वर पाठक जी की स्मृति में
-0 आलेख 0-बिंदेश्वर जी ने स्वच्छता के विचार को, एक बहुत ही इनोवेटिव तरीके से एक संस्था का रूप दिया। सुलभ इंटरनेशनल के माध्यम से उन्होंने एक ऐसा आर्थिक मॉडल…
सादगी और मृदुभाषी स्वभाव के थे मदन दास देवी जी
-0 आलेख 0-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी जी सर्वोत्कृष्ट संगठनकर्ता थे। उनसे जो सीख मिली है और उनके आदर्श रहे हैं, हमारी आगे की यात्रा…
न्यूज चैनल : जितनी बड़ी गाली, उतना बड़ा एक्सपर्ट
गद्दार, राष्ट्रविरोधी, देश का दुश्मन, दोगला, नापाक, हरामखोर, पाकपरस्त, नमकहराम, कमीना, दरिंदा…..। अगर आप ने बचपन में सुनी गालियों का पाठ याद नहीं रखा है तो एक मौका सामने है।…