बिहार में फसल विविधीकरण टिकाऊ कृषि का प्रमुख आधार है : संजय कुमार अग्रवाल

पटना -कार्यालय प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना एवं बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद के संयुक्त तत्वावधान में “कृषि एवं बागवानी क्षेत्र में बिहार राज्य जैव विविधता रणनीति एवं कार्य योजना” पर एक कार्यशाला का आयोजन बुधवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना में किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, कृषि विभाग, बिहार सरकार ने कहा कि राज्य में कृषि से जुड़ी चुनौतियों की पहचान करना आवश्यक है, और इसके समाधान हेतु फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कतरनी, मर्चा, सोनाचूर, गोविंद भोग (धान); चिनिया व मालभोग (केला); शाही लीची; दूधिया मालदा व दीघा (आम); तथा जामुन जैसे स्थानीय फसलों एवं फलों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शोधकर्ताओं को किसानों की आवश्यकताओं के अनुसार उत्तम किस्मों के बीजों का विकास करना चाहिए, ताकि बिहार में टिकाऊ कृषि का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।

भरत ज्योति, अध्यक्ष, बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद ने कार्यशाला के उद्देश्यों एवं ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु जैव विविधता रणनीति व कार्य योजना के सूत्रण पर संक्षिप्त प्रकाश डाला। डॉ. बिकाश दास, निदेशक, राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर ने कृषि जैव विविधता के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की भूमिका को रेखांकित किया। वहीं अभय कुमार, निदेशक (पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण), बिहार सरकार ने जैव विविधता संरक्षण हेतु दस्तावेज तैयार करने के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. अनुप दास, निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना ने कृषि-जैव विविधता पर कार्यशाला के आयोजन के लिए बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद को बधाई दी। उन्होंने संदेश प्रेषित किया कि जैव विविधता टिकाऊ कृषि-खाद्य प्रणाली और पर्यावरणीय सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि हमारा संस्थान, बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद के साथ मिलकर जैव विविधता के संरक्षण एवं सुधार हेतु उसके सतत और समुचित उपयोग के लिए कार्य करेगा। डॉ. अशुतोष उपाध्याय, कार्यवाहक निदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना ने मृदा, जल, फसल, पशुपालन, मत्स्य, जलवायु, मानव संसाधन आदि जैव विविधता को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों की विस्तार से जानकारी दी।

कार्यक्रम के अंत में हेमकांत रॉय, संयुक्त निदेशक, बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अटारी, पटना; राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा; बिहार सरकार के अन्य अधिकारीगण; डॉ. उज्ज्वल कुमार (प्रमुख, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार प्रभाग); डॉ. कमल शर्मा (प्रमुख, पशुधन एवं मात्स्यिकी प्रबंधन प्रभाग); भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के वैज्ञानिक तथा अन्य विशेषज्ञों ने सक्रिय सहभागिता दी।

तकनीकी सत्र में बागवानी पर डॉ. संजय सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, भा.कृ.अनु.प. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ; डॉ. तन्मय कुमार कोले, वरिष्ठ वैज्ञानिक, एवं डॉ. कुमारी शुभा, वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना ने बिहार में फल एवं सब्जी पर आधारित जैव विविधता पर प्रस्तुतियाँ दीं। साथ ही, डॉ. नारायण भक्त, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना ने बिहार में धान्य फसलों की जैव विविधता पर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का समन्वय भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के डॉ. पी.सी. चंद्रन, डॉ. रोहन कुमार रमण, डॉ. रजनी कुमारी, डॉ. विवेकानंद भारती, डॉ. अभिषेक कुमार, उमेश कुमार मिश्र तथा बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद के डॉ. जय कुमार द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में कुल लगभग 75 अधिकारियों ने भाग लिया।

Share
  • Related Posts

    डेहरी में चिराग पासवान की हुंकार – “सोनू सिंह की जीत से विकास को मिलेगी रफ़्तार”

    डेहरी-आन-सोन (रोहतास)- निशांत राज। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर डेहरी विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एनडीए…

    Share

    कंवर झील की पारिस्थितिकीय समृद्धि को समझने में जुटे कृषि वैज्ञानिक — संरक्षण की दिशा में बड़ी पहल

    पटना- कार्यालय प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के वैज्ञानिकों ने बिहार की प्रसिद्ध कंवर झील की पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का विस्तृत अध्ययन प्रारंभ किया है।…

    Share

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    डेहरी में चिराग पासवान की हुंकार – “सोनू सिंह की जीत से विकास को मिलेगी रफ़्तार”

    डेहरी में चिराग पासवान की हुंकार – “सोनू सिंह की जीत से विकास को मिलेगी रफ़्तार”

    कंवर झील की पारिस्थितिकीय समृद्धि को समझने में जुटे कृषि वैज्ञानिक — संरक्षण की दिशा में बड़ी पहल

    कंवर झील की पारिस्थितिकीय समृद्धि को समझने में जुटे कृषि वैज्ञानिक — संरक्षण की दिशा में बड़ी पहल

    वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पर बीएड कॉलेज में हुआ सामूहिक गायन कार्यक्रम

    वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पर  बीएड कॉलेज में हुआ सामूहिक गायन कार्यक्रम

    ‘वंदे मातरम्’ की अमर गूंज — कृषि अनुसंधान परिसर, पटना में मनाया गया गौरवशाली पर्व

    ‘वंदे मातरम्’ की अमर गूंज — कृषि अनुसंधान परिसर, पटना में मनाया गया गौरवशाली पर्व

    जीएनएसयू में “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष का ऐतिहासिक उत्सव

    जीएनएसयू में “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष का ऐतिहासिक उत्सव

    “मैं बिहार की बेटी हूं, वोट देना मेरा अधिकार है”- डेहरी में नीतू चंद्रा की मतदाता रैली

    “मैं बिहार की बेटी हूं, वोट देना मेरा अधिकार है”- डेहरी में नीतू चंद्रा की मतदाता रैली