धान-परती भूमि प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत गया में प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन

पटना – कार्यालय प्रतिनिधि। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डॉ. अनुप दास (प्रोजेक्ट लीडर) एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राकेश कुमार (परियोजना समन्वयक) के तत्वाधान में गया जिले में चलाई जा रही उन्नत कृषि तकनीक द्वारा धान-परती भूमि प्रबंधन परियोजना का मुख्य उद्देश्य धान-परती भूमि में दलहन एवं तिलहन फसलों के द्वारा धान परती भूमि का प्रबंधन करना एवं किसानों की आय में वृद्धि करना है | इस संबंध में शुक्रवार को गया जिले के टेकारी प्रखंड के गुलेरियाचक ग्राम में धान-परती भूमि में वैज्ञानिकों की टीम डॉ. संतोष कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक (पादप प्रजनन), डॉ. राकेश कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान), इ. मनोज कुमार राय, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, मानपुर, गया, देवेन्द्र मंडल, सहायक प्राध्यापक-सह-कनिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज द्वारा प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। विदित हो कि उक्त परियोजना स्थल में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा विकसित धान की प्रचलित स्वर्ण श्रेया किस्म का प्रत्यक्षण 50 एकड़ क्षेत्र में सीधी बुआई द्वारा किया गया था, जिससे संबंधित प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन आज किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि धान की यह किस्म जलवायु अनुकूल है, जिसकी उत्पादन क्षमता लगभग 4-5 टन प्रति हेक्टेयर होने की संभावना है। साथ ही, किसान इस किस्म को लेकर काफी उत्साह दिखा रहे हैं। डॉ. राकेश कुमार ने धान-परती भूमि में धान अवशेष प्रबंधन के बारे में किसानों को बताते हुए कहा कि फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन कर फसलों को बिना जुताई किये समय में बुआई कर अधिकतम उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। फसल अवशेष का प्रबंधन करने से मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक गुणवत्ता में वृद्धि की जा सकती है। फसल अवशेष से मृदा में जल धारण क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे फसल को लंबे अवधि तक मृदा जल प्राप्त होता है। इ. मनोज कुमार राय, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, मानपुर, गया ने धान की सीधी बुआई और स्वर्ण श्रेया धान की विशेषता बताते हुए कहा कि यह किस्म गया जिले के लिए बहुत अच्छी है। उन्होंने दूसरे किस्म की तुलना में इसे लगाने की सलाह दी और बताया कि सीधी बुआई से लगाने से यह लगभग 7 से 10 दिन पहले यह परिपक्व हो जाती है, जिससे रबी फसल आसानी से लगती है और धान-परती भूमि के लिए उपयुक्त है। उन्होंने किसानों को हर संभव तकनीकी सहायता देने का आश्वासन दिया। इसी क्रम में, डॉ. देवेन्द्र मंडल ने सीधी बुआई, धान-परती भूमि में रबी फसल, जैसे चना, सरसों, कुसुम, तोरिया आदि के प्रबंधन के बारे में बताया। इस बैठक में किसान आशीष कुमार सिंह ने किसानों को धान-परती भूमि प्रबंधन के बारे में बताया।

इस बैठक मे किसान शोभा कुमारी, रेखा देवी, इंदु देवी, कुंती देवी, सुनैना देवी, मिठू प्रसाद, सहदेव, दिलीप, महेंद्र राम, रविन्द्र यादव सहित लगभग 80 किसानों ने भाग लिया। प्रगतिशील किसान आशीष कुमार सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर, गया का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।


– निशांत राज

Share
  • Related Posts

    आलू की वैज्ञानिक खेती से होता है अधिक उपज : डा. संदीप मौर्य

    डेहरी-आन-सोन  (रोहतास) विशेष संवाददाता। आलू की खेती में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। आलू का प्रयोग मुख्य रूप से सब्जियों, चिप्स, पापड़, चाट, पकौड़ी, समोसा, डोसा, चोखा आदि…

    Share

    निर्माण एजेंसी को हर हाल में जनवरी के अंत तक काम पूरा करने एसडीएम ने दिया का निर्देश

    डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो व 119 पर चल रहे निर्माण कार्यों व फ्लाई ओवर निर्माण का निरीक्षण एसडीएम सूर्य प्रताप सिंह ने बुधवार को किया। एसडीएम…

    Share

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    आलू की वैज्ञानिक खेती से होता है अधिक उपज : डा. संदीप मौर्य

    आलू की वैज्ञानिक खेती से होता है अधिक उपज : डा. संदीप मौर्य

    निर्माण एजेंसी को हर हाल में जनवरी के अंत तक काम पूरा करने एसडीएम ने दिया का निर्देश

    निर्माण एजेंसी को हर हाल में जनवरी के अंत तक काम पूरा करने एसडीएम ने दिया का निर्देश

    अवैध लॉटरी के खिलाफ एसटीएफ और जिला पुलिस की छापेमारी

    अवैध लॉटरी के खिलाफ एसटीएफ और जिला पुलिस की छापेमारी

    जिले में विधि व्यवस्था संधारण एवं क्राइम कंट्रोल के लिए 80 नई बाइक को हरी झंडी दिखा किया रवाना

    जिले में विधि व्यवस्था संधारण एवं क्राइम कंट्रोल के लिए 80 नई बाइक को हरी झंडी दिखा किया रवाना

    पांच दिवसीय विशेष समकालीन आभियान में 7400 वारंट कुर्की निष्पादित : डीआइजी

    पांच दिवसीय विशेष समकालीन आभियान में 7400 वारंट कुर्की निष्पादित : डीआइजी

    शुभारंभ हुआ डांस व फैशन का महासंग्राम

    शुभारंभ हुआ डांस व फैशन का महासंग्राम