डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-विशेष संवाददाता। विश्व बाइपोलर दिवस के अवसर पर नारायण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल,जमुहार के मानसिक रोग विभाग के तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित कर जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान चिकित्सा शिक्षा के छात्रों एवं आम लोगों के बीच बाइपोलर विकास ग्रस्त व्यक्ति की देखभाल करने के लिए सुझाव प्रस्तुत किए गए साथ ही इसके लक्षण, उपचार और निदान विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। उपरोक्त जानकारी देते हुए मानसिक रोग विभाग की प्रभारी डा. अंजना गांधी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को विश्व बाइपोलर दिवस मनाया जाता है जिस दौरान अवसाद एवं उन्माद से पीड़ित व्यक्तियों की सहायता हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होता है। उन्होंने बताया कि बाइपोलर ग्रस्त मरीज को उनके स्वास्थ्य की स्थिति देखकर पहचाना जाता है और उसका उपचार किया जाता है। उन्होंने बताया कि बाइपोलर डिसऑर्डर ग्रस्त व्यक्तियों के मूड में बहुत अधिक परिवर्तन होता रहता है। कभी वह बहुत ज्यादा भावुक हो जाते हैं और कभी अधिक उदास हो जाते हैं तथा कभी बहुत अधिक खुश हो जाते हैं। उनके ख्यालों के घोड़े बहुत तेजी से दौड़ने लगते हैं साथ ही अधिक बेचैनी जैसी गतिविधि आ जाती है। उनकी नींद आवश्यकता से कम हो जाती है। वे बहुत तेजी से बात करते हैं और बहुत ज्यादा खाने-पीने तथा मौज मस्ती की चाहत बढ़ जाती है। ऐसे मरीज को मूड स्टेबलाइजर, एंटी डिप्रेशन, एंटी साइकोटिक्स, एंटी एंजायटी दवाएं दी जाती हैं तथा मानसिक स्वास्थ्य एक्सपर्ट डॉक्टर से इलाज कराया जाता है। इस प्रकार के मरीज को निर्देशित दवा लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, नशे या हानिकारक चीजों के सेवन से दूर रखना चाहिए और उन्हें ऐसी गतिविधियां करने के लिए उत्साहित करना चाहिए जिनमें उनकी पहले से दिलचस्पी थी। अपना काम उन्हें खुद करने के लिए बढ़ावा देना चाहिए तथा उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
(रिपोर्ट, तस्वीर :भूपेंद्रनारायणसिंह, पीआरओ, जीएनएसयू)