नारायण मेडिकल कालेज के दो चिकित्सकों के संयुक्त शोध का फल, यह दवा अत्यंत असरकारी होगी आंत के कैसर में कारगर
दवा बनाने के तरीके का हुआ पेटेंट, व्यावसायिक उत्पादन की तकनीक के विकास के बाद बाजार में आएगी यह दवा
डेहरी-आन-सोन (बिहार)-सोनमाटी समाचार। जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कालेज के दो वरिष्ठ चिकित्सकों के वर्षों का श्रम सफल हुआ और उनके शोध के परिणामस्वरूप आंत के कैैंसर में तुरंत व कारगर असर करने वाली दवा ईजाद हुई। इस दवा का पेटेंट इन चिकित्सकों के पक्ष किया जा चुका है और पिछले हफ्ते इस आशय की घोषणा कोलकाता स्थित पेटेंट कार्यालय की ओर से जा चुकी है। अब दवा के व्यावसायिक उत्पादन की तकनीक को विकसित करने की दिशा में कार्य जारी है, ताकि बेहद ऊंची लेबोरेट्री लागत के मुकाबले दवा का उत्पादन इकोनामिक प्राइस (न्यूनतम ट्रेड लागत) पर हो सके। व्यावसायिक उत्पादन के तरीके की वैधानिक व तकनीकी प्रक्रिया पूरी होने के बाद दवा बाजार में सबके उपयोग के लिए उपलब्ध होगी।
रसायन नैली-डी-आक्सिक एसिड की खोज आंत के सूजन व संक्रमण में भी फायदेमंद
इस दवा (नैली-डी-आक्सिक एसिड) की खोज देवमंगल मेमोरियल ट्रस्ट के तकनीकी निदेशक डा. एमएल वर्मा और नारायण इंस्टीट्यूट आफ फार्मेसी के युवा चिकित्सक डा. वाचस्पति दूबे ने की है। दोनों चिकित्सकों का कहना है कि नैली-डी-आक्सिक एसिड की घुलनशीलता (पीएच मानक) इस स्तर पर स्थिर किया गया है कि अन्य दवाओं की तरह अमाशय में ही घुल जाने के बजाय यह आंत में जाने के बाद ही घुलनी शुरू होगी। अन्य दवाओं के अमाशय में ही घुल जाने के कारण वे आंत के कैैंसर में उतने कारगर नहींहैं, क्योंकि अमाशय से आंत तक दवाओं के खून के प्रवाह के जरिये पहुंचने में अपेक्षाकृत ज्यादा वक्त लगता है और असर भी अपेक्षाकृत कम होता है। इस रसायन (अम्ल) के उपयोग से आंत के सूजन और आंत में अन्य कई तरह के संक्रमण से भी बचाव किया जा सकता है।
खोजी चिकित्सा वैज्ञानिकों को ट्रस्ट के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी बधाई
देवमंगल मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष व सांसद गोपालनारायण सिंह, सचिव गोविंदनारायण सिंह और इस ट्रस्ट द्वारा संचालित नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रमनारायण सिंह ने दोनों चिकित्सा वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दी है। गोपालनाराणय सिंह ने कहा कि उम्मीद है, देश के विश्वसनीय दवा-कारखाने में इस दवा के व्यावसायिक उत्पादन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और आम लोगों के उपयोग के लिए यह दवा किसी प्रतिष्ठित ब्रांडेड कंपनी की ओर से बाजार में जल्द उपलब्ध कराई जा सकेगी। श्री सिंह ने कहा है कि नारायण मेडिकल कालेज की प्रयोगशालाओं को उन्नत किया जाएगा, शोध के लिए प्रोत्साहित करने का बेहतर से बेहतर प्रबंधकीय माहौल मुहैया कराया जाएगा और आवश्यक अत्याधुनिक प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी।
(नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के जनसंपर्क अधिकारी भूपेन्द्रनारायण सिंह की सूचना पर आधारित)