डेहरी-आन-सोन (बिहार)-वाणिज्य प्रतिनिधि। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत अब बीपीएल कार्ड धारक (खाद्य सुरक्षा) परिवार की महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन का आवंटन इसके पासबुक सिलेंडर, चूल्हा और अन्य संबंधित सामग्री के साथ पूरी तरह नगद रहित मुहैया कराया जा रहा है। इसके साथ ही अब 06 सिलेंडरों की आपूर्ति तक किसी तरह की रकम का समायोजन नहीं होगा और पहले सिलेंडर की आपूर्ति के समय से ही उपभोक्ता की सब्सिडी उसके बैंक खाते में चली जाएगी।
अब यह भी प्रावधान हो चुका है कि साल में 14.2 किलो के 12 बड़े गैस सिलेंडर के बदले में 5 किलो का छोटा 34 सिलेंडर भी प्राप्त किया जा जकता है। छोटे गैस सिलेंडर की सब्सिडी भी इसी के अनुरूप उपभोक्ता के बैंक खाते में चली जाएगी। यह जानकारी इंडेन रसोई गैस की रोहतास जिले की अग्रणी वितरक एजेंसी मोहिनी इंटरप्राइजेज के संचालक उदय शंकर ने दी।
एफटीएल स्कीम : सुविधानुसार किस्त और जरूरतमंद छोटे कारोबारी को प्रथम शून्य भुगतान पर भी
उदय शंकर ने बताया कि पांच किलो के रसोई गैस सिलेंडर की आपूर्ति पहले से एफटीएल स्कीम (फ्री ट्रेड) में रही है, जिसकी 24 घंटा, सातों दिन आपूर्ति का प्रावधान रहा है। एफटीएल स्कीम के पांच किलो का रसोई गैस सिलेंडर छात्रों, परीक्षार्थियों, श्रमिकों, खानाबदोशों, ठेला-खोमचा वालों, पिकनिक मनाने वालों आदि के लिए काफी उपयोगी है। यह मोहिनी इंटरप्राइजेज के बिक्री केेंद्र से ग्राहक की सुविधानुसार किस्त पर और जरूरतमंद छोटे कारोबारी को तो प्रथम शून्य भुगतान पर भी उपलब्ध है।
उदय शंकर ने बताया कि यह बाजार में अवैध रूप से खुले बिकने वाले कम तौल रसोई गैस के मुकाबले अत्यंत सुरक्षित है। इसका उपयोग छोटे काराबोरी भयमुक्त होकर किसी भी स्थान पर कर सकते हैं और इसे कहींभी ले जा सकते हैं। रसोई गैस इस्तेमाल में दुर्घटना मृत्यु पर कंपनी की ओर से 6 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने, 30 लाख रुपये तक का चिकित्सा व्यय और 25 हजार से 2 लाख रुपये तक की त्वरित राहत का प्रावधान है।
नरेंद्र दाभोलकर और गौरी लंकेश की हत्या में एक ही कनेक्शन : सीबीआई
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पुणे के बुद्धिजीवी नरेंद्र दाभोलकर और बेंगलुरु की पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बीच की आपसी कड़ी को जोड़ लेने का दावा किया है। सीबीआई का कहना है कि प्रमुख संदिग्धों में से एक सचिन अंधुरे की पुलिस हिरासत बढ़ाने के लिए पुणे की शिवाजीनगर न्याायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पक्ष रखने के दौरान सीबीआई ने हत्या की आपसी कड़ी को साबित किया है। सीबीआई की दलील के बाद सचिन अंधुरे की हिरासत अवधि 30 अगस्त तक बढ़ा दी गई थी, जिसकी गिरफ्तारी औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में पिछले महीने हुई थी।
सीबीआई ने नहीं लिया है किसी भी संगठन का नाम
नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के चार साल बाद गौरी लंकेश की हत्या हुई थी। दोनों ही मामलों में किसी सनातन संस्था समेत दक्षिणपंथी संगठनों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही थी। अब सीबीआई जांच में भी यही बात सामने भी आ रही है। हालांकि अपनी रिमांड याचिका में सीबीआई ने किसी भी संगठन का नाम नहीं लिया था।
हथियार सौपने का मकसद अभी स्पष्ट नहीं
सीबीआई की ओर से अदालत में दायर रिमांड आवेदन में कहा गया था कि पूछताछ के दौरान सचिन अंधुरे ने बताया है कि गौरी लंकेश की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से एक ने उसे 7.65 एमएम की देसी पिस्तौल और तीन गोलियां दी थी, जिसे उसने पहले अपने दोस्त रोहितर रेगे और बाद में औरंगाबाद में अपने साले शुभम सुरले को 11 अगस्त 2018 को दे दिया। इन्हें हथियार सौपने का मकसद अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। सचिन अंधुरे का नाम शरद कलास्कर ने बताया था, जो पालघर के नाला सोपाड़ा का रहने वाला है और जिसे महाराष्ट्र एटीएस ने 10 अगस्त को हथियारों के जखीरे के साथ गिरफ्तार किया था। शरद कलास्कर का कहना है कि मोटरसाइकिल पर सचिन अंधुरे और वह खुद सवार था। दोनों ने ही नरेंद्र दाभोलकर को गोली मारी थी।
– सोनमाटी समचार