चित्रगुप्त समाज : हर क्षेत्र में लीडरशीप विकसित करने का आह्वान
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। बड़े-बड़े वैज्ञानिकों, दार्शनिकों, कानूनविदों, चिकित्सकों, लेखकों-पत्रकारों-संपादकों, पुरातत्ववेत्ताओं, राजनीतिज्ञों, प्रशासकों के रूप में कायस्थ जाति के योगदान से सर्वसमाज विभूषित होता रहा है। आज चित्रगुप्त समाज हाशिए पर है। यह समाज नौकरी पेशा वाला बनकर रह गया है। जबकि इस समाज में मेहनत और मेधा दोनों ही मौजूद हैं। मजबूत विस्तृत संगठन से ही इस समाज की प्रतिष्ठा स्थापित हो सकती है। नवगठित चित्रगुप्त समाज कल्याण ट्रस्ट को समाज के हर क्षेत्र में सक्रिय व्यक्ति को आगे बढ़ाने और लीडरशीप को विकसित करने का कार्य करना चाहिए। यह बातें चित्रगुप्त समाज कल्याण ट्रस्ट की ओर से चित्रगुप्त मैदान परिसर में आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय कायस्थ महासभा और अन्य सहधर्मी संगठनों से जुड़े जिला, प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों-प्रतिनिधियों ने कही। समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में वर्मा एजुकेशनल ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष डा. एसपी वर्मा (सासाराम) और विशिष्ट अतिथि के रूप में विनोद कुमार श्रीवास्तव (पटना), रवीश कुमार (आरा), वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश कुमार सिन्हा (सासाराम), कमल किशोर (औरंगाबाद), राकेशचंद्र सिन्हा (सासाराम) आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता चित्रगुप्त समाज कल्याण ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. उदय कुमार सिन्हा ने की। संचालन ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष मिथिलेश कुमार ने किया। आरंभ में वरिष्ठ चिकित्सक ट्रस्ट की संस्थापक डा. रागिनी सिन्हा ने स्वागत-संभाषण और अंत में ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष राजीव रंजन ने धन्यवाद-ज्ञापन किया।
समारोह में चित्रगुप्त समाज कल्याण ट्रस्ट के सभी ट्रस्टियों, संरक्षकों और मंदिर निर्माण में अग्रणी योगदान देने वालों दयानिधि श्रीवास्तव, रणधीर सिन्हा, विकास सिन्हा, बरमेश्वर नाथ, कृष्ण किसलय, आलोक श्रीवास्तव, ओमप्रकाश कमल, श्रवणकुमार अटल, सुनील सिन्हा, नवीन कुमार सिन्हा, अमितकुमार वर्मा, कृष्णवल्लभ सहाय, जयंत श्रीवास्तव, मनोरंजन प्रसाद सिन्हा, शालिनी सिन्हा, डा. मालिनी राय, डा. हरि भूषण, अशोक घायल, रंजना सिन्हा, अनुभा सिन्हा, रत्ना सिन्हा, वीभा सिन्हा आदि को अंगवस्त्र, स्मृतिचिह्नï और पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। स्वर्गीय कमला प्रसाद वर्मा, स्व. बैजनाथ प्रसाद, स्व. सुरेंद्र प्रसाद, दामोदर श्रीवास्तव आदि का सम्मान इनके परिवार के प्रतिनिधियों ने ग्रहण किया। इस अवसर पर अमूल्य सिन्हा के संचालन में सोन कोकिला प्रीति सिन्हा और गायक राजू सिन्हा ने स्वागत गान और वंदना गीत गाए। सोन कला केेंद्र के सचिव निशांत राज, शालिनी सिन्हा और संगीता सिन्हा ने मंच संयोजन किया। 25 फरवरी को जलभरी से आरंभ चित्रगुप्त मंदिर प्रतिमा प्राण-प्रतिष्ठा का चार दिवसीय कार्यक्रम भंडारा (सामूहिक प्रीतिभोज) के साथ संपन्न हुआ।
संध्या तक चले सम्मान समारोह और प्रीतिभोज में डेहरी-डालमियानगर के कायस्थ समाज के एमएमपी सिन्हा, सुबोध सिन्हा, पुनीत पुलक, पवित्र वर्मा, मनोजकुमार श्रीवास्तव, रूपेश राय, अनूप कुमार सिन्हा, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, कामेश्वर प्रसाद सिन्हा, अशोक कुमार सिन्हा, मनीष कुमार वर्मा, जितेंद्र सिन्हा, वरुणकुमार वर्मा, राधासूत सिन्हा, मनन श्रीवास्तव, अरुण सिन्हा, अजय श्रीवास्तव, शारदानंद श्रीवास्तव, सुनीलकुमार पप्पू, दिग्पाल श्रीवास्तव, डा. सुजाता सिन्हा, राजकुमारी देवी, प्रभा सिन्हा, पिंकी सिन्हा, निरूपमा सिन्हा, पूनम सिन्हा, सुषमा सिन्हा, मीनाक्षी श्रीवास्तव, मनोरमा देवी, मधु सिन्हा, लक्ष्मी श्रीवास्तव, नीरा सिन्हा, निशा श्रीवास्तव, श्वेतमा सिन्हा, कविता काकम्बदवार, रूबी रंजन, रीता वर्मा, प्रिया श्रीवास्तव, मीरा सिन्हा, रंजना श्रीवास्तव सहित हजार की संख्या में महिलाओं-पुरुषों के साथ सर्वसमाज के स्वामी करुणानंद (महादेवखोह), सुशील कुमार सिंह (भाजपा जिला अध्यक्ष), अरुण गुप्त (संरक्षक सोन कला केेंद्र), उदय शंकर (मोहिनी समूह), मीना शंकर, सुशील कुमार सिंह (भाजपा जिला अध्यक्ष), डा. रवि सिंह, मुन्ना सिंह, स्वयंप्रकाश मिश्र (डेहरी चेस क्लब), अवधेश कुमार सिंह (सोनघाटी पुरातत्व परिषद), नंदकुमार सिंह (सोन कला केेंद्र) आदि भी शामिल हुए। सर्वसमाज से प्रिंट, इलेक्ट्रिानिक और डिजिटल मीडिया प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
(रिपोर्ट, तस्वीर : निशांत राज)
जीएनएसयू और एनसीएमजीआरई के बीच एमओयू
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-विशेष संवाददाता। भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद (एनसीएमजीआरई) और जमुहार स्थित गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय (जीएनएसयू) के बीच ग्रामीण प्रबंधन क्षेत्र में बीबीए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इससे विश्वविद्यालय को अधिकृत फैकल्टी और प्रमाणिक अध्ययन सामग्री मुहैया हो सकेगी। एमओयू के अवसर पर एनसीएमजीआरई की प्रतिनिधि पद्मा जुलुरी और जीएनएसयू की ओर से कुलाधिपति राज्यसभा सांसद गोपालनारायण सिंह, कुलपित डा. एमएल वर्मा, सचिव गोविंद नारायण सिंह, प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह, रजिस्ट्रार डा. आरएस जायसवाल, प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रो. आलोक कुमार, परीक्षा नियंत्रक डा. कुमार आलोक प्रताप सिंह उपस्थित थे।
प्रकृति की पाठशाला : उधर, विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के विद्यार्थियों ने प्रकृति की पाठशाला कार्यक्रम के अंतर्गत शिवसागर पौधशाला में भ्रमण किया और नर्सरी में विभिन्न किस्मों के पौधों, उनकी प्रजातियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। रोहतास जिला के वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रद्युमन गौरव ने पौधशाला और पौधरोपण की बारीकी के बारे में बताया। विभिन्न पेड़ों के जीवनचक्र, मौसमी फूलों-फलों, मिट्टी, रसायन, जैव विविधता, पर्यावरण परिवर्तन आदि के बारे में बताते हुए पौध-प्रजनन में कीड़ों और पक्षियों की भूमिका की जानकारी दी गई। भ्रमण कार्यक्रम में वन विभाग के कर्मियों जयदेव तांती (पौधशाला प्रभारी), अभिलाषा कुमारी, दौलती कुमारी, सुबोध कुमार, कृषि संस्थान के प्रो. केपी सिंह, सहायक प्रोफेसर डा. प्रशांत विशेन, ज्ञान प्रकाश, मोहम्मद साकिब आदि ने भाग लिया।
(रिपोर्ट, तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, जीएनएसयू)