डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय संवाददाता। नौ माह के बच्चे ने अपनी मां के कान में झुल रहे झुमके को मुंह में निगल लिया। झुमका उसके गले में जा अटका तो उसकी जान पर बन आई। जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (एनएमसीएच) के चिकित्सकों ने झुमका को आपरेशन कर बच्च के गला से बाहर निकाला और उसकी जान बची। बच्चा खतरे से पूरी तरह बाहर है, मगर बच्चे को फिलहाल मेडिकल केयर में रखा गया है।
एनएमसीएच के नाक-कान-गला विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. समरेश कश्यप के अनुसार, जब बच्चा अस्पताल में लाया गया था, तब वह ठीक तरीके से सांस नहींले पा रहा था। गला का एक्सरे करने पर पता चला कि वह मां की कान का झुमका उसके गले में श्वास नली में जाकर फंस गया है। इंडोस्कोपिक विधि से आपरेशन कर बच्चे के गले से झुमका को निकाला गया। आपरेशन के बाद बच्चे को आईसीयू में रखा गया है और दो दिन की चिकित्सकीय निगरानी के बाद उसे मुक्त कर दिया जाएगा।
मोतियाबिन्द : लेन्स लगाकर आपरेशन निशुल्क
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय संवाददाता। जमुहार स्थित एनएमसीएच (नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल) में मोतियाबिन्द का आपरेशन लेन्स लगाकर निशुल्क करने की व्यवस्था की गई है। मोतियाबिन्द के मरीजों की तीन दिवसीय जांच का कार्य जारी है। इसके लिए एनएमसीएच में अलग काउंटर की व्यवस्था की गई है। एनएमसीएच के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रमनारायण सिंह ने बताया कि मोतियाबिन्द मरीजों के लिए लेन्स लगाकर आपरेशन करने की व्यवस्था विशेष स्वास्थ्य शिविर के अंतर्गत की गई है।
शिविर में 20 दिसम्बर तक मरीजों की जांच कर यह तय किया जाएगा कि मरीज का मोतियाबिंद आपरेशन के लायक है या नहीं? श्री सिंह ने बताया कि एनएमसीएच की ओर से जारी विशेष स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत लगभग सभी तरह के आपरेशन निशुल्क किए जा रहे हैं। केेंद्र सरकार की आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना का कार्ड इस श्रेणी में आने वाले जिन मरीजों के पास नहींहै, उनका इलाज भी एनएमसीएच में किया जा रहा है।
(रिपोर्ट व तस्वीर : भूपेन्द्रनारायण सिंह, पीआरओ, एनएमसीएच)