दाउदनगर (औरंगाबाद)-कार्यालय प्रतिनिधि। विद्या निकेतन परिसर में मैट्रिक परीक्षा में भाग लेने वाले विद्यालय की नियमित कक्षा से मुक्त किए गए विद्यार्थियों के लिए मंगलकामना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्या निकेतन विद्यालय समूह के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सुरेश कुमार गुप्ता ने कहा कि विद्यार्थियों की सफलता में ही देश-प्रदेश, समाज और विद्यालय का भी गौरव निहित है। वास्तव में विद्यार्थी ही जीवन में आगे चलकर राष्ट्र का निर्माण करते हैं, जिनमें राष्ट्र निर्माता के बीज-तत्व विद्यमान होते हैं। मैट्रिक उत्तीर्ण करना शैक्षणिक जीवन की पहली महत्वपूर्ण कड़ी है। इसलिए मैट्रिक परीक्षा में 90 फीसदी और इससे अधिक अंक प्राप्त करना ही लक्ष्य होना चाहिए। सीएमडी श्री गुप्ता ने कहा कि विद्या निकेतन विद्यालयसमूह के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) आनंद प्रकाश और डिप्ट सीईओ विद्या सागर ने कहा कि इस विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने विद्या निकेतन स्कूल समूह का मान-सम्मान का वद्र्धन राज्य स्तर पर किया है। नियमित कक्षा से मुक्त हुए छात्रों को अब कड़ी मेहनत और लगन का परिचय देकर मैट्रिक की परीक्षा में भाग लेना है।
मंगलकामना कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को तिलक लगाकर और आरती उतारकर विद्यालय की नियमित कक्षा से मुक्त किया गया। प्रधानाचार्य सरयू प्रसाद और विद्यालय के प्रशासक संदीप कुमार ने विद्यालय प्रबंधन की ओर से छात्र-छात्राओं को कलम भेंटकर मंगल कामना प्रकट की। इस अवसर पर अध्यापक अविनाश कुमार के निर्देशन-संयोजन में छात्र-छात्राओं ने नृत्य, गायन-वादन की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां कीं।
हड़ताली रसोइयों से वार्ता करे सरकार : कर्मचारी महासंघ (गोप गुट)
दाऊदनगर (औरंगाबाद)-सोनमाटी संवाददाता। बिहार प्रदेश कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के जिला सचिव सत्येन्द्र कुमार ने बयान जारी कर कहा है कि राज्य सरकार हड़ताली रसोइयों को धमकी देना बन्द करे तथा उनके प्रतिनिधियों से वार्ता कर सम्मानजनक समझौता करे। प्रति माह मात्र 1250 रुपये का भुगतान केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा घोषित न्यूनतम मजदूरी कानून का उलंघन है। केन्द्र सरकार ने घोषणा कर रखी है कि किसी भी कर्मी का वेतन 18000 रुपये से कम नहीं होगा। राज्य सरकार रसोइयों को न्यूनतम 15000 रुपये मानदेय देना स्वीकार करे। उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से मध्याह्न भोजन योजना के बाबत 29 जनवरी को जारी किए गए आदेश पत्र में सरकार की दमनात्मक मंशा निहित है, जिसे आंदोलनकारी बर्दाश्त नहीं करेंगे। कर्मचारियों का महासंघ (गोप गुट) चुप नहीं बैठा रहेगा।
नई नीति से अनुसूचित जाति को नहीं मिलेगा प्रोफेसर बनने का अवसर
औरंगाबाद (सोनमाटी संवाददाता)। जन अधिकार छात्र परिषद जिला अध्यक्ष बिजेन्द्र कुमार यादव ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि पहले यूनिवर्सिटी को इकाई मानकर रोस्टर से बहाली होती थी। अब विश्वविद्यालयों में विभागवार रोस्टर की नीति अपनाई गई है। इससे महाविधालय या विश्वविद्यालय में प्रोफेसर की बहाली में पहले किसी विभाग में होगी और सबसे पहले समान्य वर्ग के अभ्यर्थी चुने जाएंगे। एक से 4 सीट सामान्य वर्ग, इसके 5वीं, 6वींसीट पर ओबीसी और 7वीं सीट पर अनुसूचित जनजाति की बहाली होगी। जाहिर है कि दलित पिछड़ी जाति को प्रोफेसर बनने का अवसर कम या नहीं होगा, क्योंकि विश्वविद्यालयों में एक-दो सिट ही रिक्त होते हैं। यह प्रक्रिया असंवैधानिक और संविधान के मूल भावना से खिलवाड़ है।