शिक्षक दिवस : शिक्षण संस्थानों में सांस्कृतिक उत्सव और वैचारिक आयोजन

डेहरी-आन-सोन/सासाराम (रोहतास)/ दाउदनगर (औरंगाबाद)-सोनमाटी समाचार टीम। गुरु-शिष्य परंपरा भारत में प्राचीन काल से ही सांस्कृतिक-सामाजिक जीवन का हिस्सा रही है। देश की संस्कृति में गुरु को भगवान से भी ऊपर अर्थात सर्वश्रेष्ठता का दर्जा प्राप्त रहा है। विश्वप्रसिद्ध युवा दार्शनिक स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि वह अपने जीवन के लिए अच्छे पिता के ऋणी है, मगर दुनिया में जी पाने के अच्छे जीवन के लिए वह अपने गुरु के ऋणी हैं। दुनिया के अनेक देशों में शिक्षकों को सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस का आयोजन होता है। भारत में भूतपूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो एक प्रकांड दार्शनिक और आदर्श राष्ट्रीय अध्यापक थे। बेशक, शिक्षा आज उद्योग बन गया है और दुनिया भर में हो रहा शिक्षा विस्फोट (प्रसार) को एक औद्योगिक क्रांति माना जा रहा है। हालांकि भविष्य में भी शिक्षक की भूमिका खत्म नहीं होगी, मगर शिक्षण के पारंपरिक चलन में बदलाव आएगा। भविष्य में शिक्षक केवल व्याख्यान देकर ही औपचारिक ज्ञान नहीं बांटेंगे, बल्कि उनकी भूमिका कोच और मित्र जैसी भी होगी। यह दुखद है कि बीते 50 सालों में शिक्षकों के वेतन में 50 गुना वृद्धि होने के बावजूद पेशागत प्रतिबद्धता में क्षरण होने के कारण शिक्षा के स्तर में गिरवाट हुई है। भारतीय समाज में विद्या, ज्ञान, चरित्र, समानता, सामाजिक सरोकार, सद्भाव, भाईचारा जैसे मूल्यों का लगातार अभाव होता जा रहा है।

विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अलग-अलग तरीकों से मना शिक्षक दिवस

देश-प्रदेश भर में शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा के इन्हीं प्रयोजनों-औचित्यों, मुद्दों-चिंताओं पर चर्चा की गई। सोन नद अंचल के रोहतास, औरंगाबाद जिलों में भी स्कूलों-कालेजों आदि में आयोजन कर इस विशेष दिन की उपयोगिता को अलग-अलग तरीकों से संपन्न किया गया। जमुहार (डेहरी-आन-सोन) स्थित गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के सभी कालेजों और प्रमुख संकायों में शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया।

 

सासाराम में संतपाल सीनियर सेकेेंडरी स्कूल में अध्यक्ष डा. एसपी वर्मा, डेहरी-आन-सोन में महिला कालेज में प्राचार्य डा. अशोककुमार सिंह के निर्देशन में, सनबीम पब्लिक स्कूल में प्राचार्य अनुभा सिन्हा व निदेशक राजीव रंजन के संयोजन में, जनता बालिका उच्च विद्यालय परिसर में प्राचार्य जगनारायण पांडेय के नेतृत्व में शिक्षक दिवस कार्यक्रम का संयोजन किया गया। बारूण (औरंगाबाद) में भी पैरामाउंट पब्लिक स्कूल में निदेशक मिथिलेशकुमार दीपक के नेतृत्व में शिक्षक दिवस कार्यक्रम का संयोजन किया गया।

नारायण मेडिकल कालेज एवं हास्पिटल में मुख्य कार्यक्रम

गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में मुख्य कार्यक्रम नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के सभागार में किया गया। मुख्य कार्यक्रम का अपने संभाषण से आरंभ करते हुए विश्वविद्यालय और विभिन्न कालेजों की संचालक संस्था देवमंगल मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव गोविन्दनारायण सिंह ने विश्वविद्यालय परिसर में अध्यापक-विद्यार्थी के बीच सद्भाव-सम्मान के संस्कार को मजबूत बनाए रखने पर बल दिया। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमएल वर्मा, कुलसचिव डा. आरएस जायसवाल, परीक्षा नियंत्रक डा. कुमार आलोकप्रताप और नारायण मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. विनोद कुमार ने भी अपने संबोधन में शिक्षक दिवस के आयोजन के औचित्य और महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं की ओर से शिक्षकों को उपहार भी भेंट किए गए और सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।

भगवान प्रसाद शिवनाथ प्रसाद बीएड कालेज में स्किल डेवलपमेन्ट पर बल

जबकि दाउदनगर (औरंगाबाद) में भगवान प्रसाद विश्वनाथ प्रसाद बीएड कालेज में प्राचार्य डा. अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में स्किल डेवलपमेन्ट कार्यक्रम का संयोजन किया गया, जिसमें यह बताया गया कि भविष्य में शिक्षकों की दक्षता एकंागी यानी सिर्फ व्याख्यान देने तक सीमित नहींहोगी, बल्कि इसमें समय और परिस्थिति के अनुरूप कई तरह की योग्यता-दक्षता का भी समावेश होगा। इसलिए शिक्षक संस्थान के प्रशिक्षुओं को ज्यादा सजग रहने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के संयोजन में संस्थान शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों डा. अमित कुमार, पंकज कुमार, पिंकी कुमारी, रामचंद्र यादव, मोहम्मद सुहैल अहमद, अनूप कुमार, अखिलेश सिंघल, निशांत कुमार, विकास कुमार, अजय पांडेय, नीतीश मिश्रा, संजय कुमार ने सहयोग किया।

 

विवेकानन्द स्कूल : गुरु, अक्षर, ज्ञान, माता-पिता इसलिए माने गए हैं ब्रह्म

दाउदनगर में विवेकानन्द मिशन स्कूल में गुरुओं को उपहार देने, आशीर्वाद लेने, छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों से अलग ज्ञान क्षेत्र में टेक्नोलॉजी संभावना और चुनौती विषय पर वैचारिक संवाद का संयोजन किया गया।
स्वतंत्रता और गरिमा की रक्षक है विद्या
एसडीपीओ राजकुमार तिवारी ने कहा कि गुरु, अक्षर, ज्ञान, माता-पिता को ब्रह्म माना गया है। इस ब्रह्म्ïा (गुरु) के प्रति आस्था-समर्पण अनिवार्य है। मुंशी प्रेमचंद ने इसे अपनी कहानियों में बखूबी रेखांकित किया है। गुरु अपने लायक शिष्य खोजता है। गुरु में गुरुत्व शक्ति है, तभी वह गुरु होता है। विद्या मोक्ष अर्थात सांसारिकता की सामान्यता से मुक्त होकर परम ब्रह्म्ïाांड के ज्ञान से जुडऩे का साधन है और इसके वाहक गुरु-शिष्य दोनों हैं। विद्या ही सामाजिक स्वतंत्रता और मनुष्य की गरिमा का रक्षक है। इसीलिए भारत के संविधान ने दो बातें व्यक्ति की स्वतंत्रता और गरिमा को अपनी प्रस्तावना में ही स्वीकार-अंगीकार की है।
बच्चों को रोकने नहीं, उनसे बात करने और समझाने की जरूरत
विद्यालय के निदेशक डा. शम्भूशरण सिंह ने बच्चों के प्रथम गुरु माताओं के अभिनंदन से अपनी बात शुरू करते हुए कहा कि अनेक संस्कारों (चलना, बोलना, खाना, नित्यकर्म आदि) की प्रथम शिक्षक मां ही है। अब जैविक दृष्टि से बच्चे के मुकाबले ज्यादा क्षमतावान हो रहे हैं, इसलिए माता-पिता को बच्चों पर नजर रखने, उम्र के हिसाब से होने वाले बदलाव पर उनसे बात करने की जरूरत है। उन्हें रोकने नहीं, समझाने की आवश्यकता है, ताकि बच्चों का ज्ञान-वृद्ध हो, भ्रांति टूटे और आत्मविश्वास बढ़े। इससे बच्चों का व्यक्तित्व निखरेगा। डा. सिंह ने यह बताया कि ज्ञान के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ रहा है और इसके सकारात्मक इस्तेमाल से ज्ञान का विस्तार हो रहा है। मगर तकनीक के गलत इस्तेमाल से बच्चों में, नई पीढ़ी के भटकाव की भी चुनौती सामने है।

विवेकानंद मिशन स्कूल में डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और स्वामी विवेकानन्द की तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। आरंभ में एसडीपीओ राजकुमार तिवारी, संस्थान के प्रशासक सुनील कुमार सिंह, लेखक उपेंद्र कश्यप, अश्विनी तिवारी, नरेश शर्मा आदि शिक्षकों के दीप-प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ।

इस अवसर पर बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। शिक्षकों के बीच खेल हुआ। कार्यक्रमों का संचालन अनन्या राय, सृष्टि कुमारी, निशांत कुमार, कशिश गुप्ता, हर्ष कुमार, मानसी कुमारी, अविनाश कुमार, सताक्षी कुमारी, उज्जवल कुमार और अनन्या अमृतांश ने क्रमानुसार किया।

 

दाउदनगर के शिक्षण संस्थानों में मना शिक्षक दिवस

मौलाबाग स्थित नगर भवन में वीआरएसएम के आयोजन में निदेशक द्वय रोशन सिन्हा, आलोक टंडन, सतीश पाठक ने, चावल बाजार स्थित नवज्योति शिक्षा निकेतन में निदेशक नीरज गुप्ता, ज्ञान ज्योति शिक्षण केंद्र (पुराना शहर) में निदेशक डा. चंचल कुमार और भखरुआं स्थित फ्लूवेन्ट हाई स्कूल में निदेशक सर्वेश कुमार ने बच्चों को संबोधित किया।

 

संतपाल सीनियर सेकेेंडरी स्कूल में आकर्षक सांस्कृतिक संयोजन

संतपाल स्कूल में अध्यक्ष डा. एसपी वर्मा, सचिव वीणा वर्मा, प्राचार्य आराधना वर्मा, उप प्राचार्य आरजी तिवारी, प्रभारी (एकाडमी) सुमिता आईंचा द्वारा डा. राधाकृष्ण के चित्र पर माल्यार्पण से कार्यक्रम का आरंभ हुआ। इस अवसर पर एचडीएफसी बैंक के शाखा प्रबंधक स्वप्निल कुमार ने विद्यालय के अध्यापकों से जीरो बैलेंस खाता खोलने की घोषणा की। संतपाल स्कूल के उमा सभागार में इस अवसर पर सीनयर छात्राओं मानसी राज, रानीरतन राज, कुमारी वैष्णवी और श्रेया कुमारी के संयुक्त संचालन में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्नेहा आनंद, सोनम, प्रज्ञा, स्नेहा सिंह, शिल्पा, सुरभि, अन्नू, पूनम, प्राची, समृद्धि, प्रिया, सोनी, अंशिता, अंतरा, चंद्रभान आर्यन, आदित्य, ऋषभ आदि ने नृत्य-गायन-वादन प्रस्तुत किए। कार्यक्रम के संयोजन में वशिष्टनारायण सिंह, एसएन चौबे, उदय तिवारी, विनीता श्रीवास्तव, अभिमन्यु सिंह, अनिमेष पांडेय आदि शिक्षकों ने सहयगो किया।

रिपोर्ट व तस्वीर : पेंद्र कश्यप  (विशेष संवाददाता, सोनमाटी),  भूपेन्द्रनारायण सिंह (जनसंपर्क अधिकारी, गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय), निशांत राज (प्रबंध संपादक, सोनमाटी), अर्जुन कुमार (मीडिया प्रभारी, संतपाल स्कूल)

(संपादन : कृष्ण किसलय, संपादक, सोनमाटीडाटकाम)

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