सत्ता पक्ष का औजार न बन जाए स्पीडी ट्रायल!

देश की सबसे बड़ी अदालत में चुनाव आयोग ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान सजायाफ्ता सांसदों-विधायकों के चुनाव लडऩे पर आजीवन प्रतिबंध की वकालत की है। सर्वोच्च न्यायालय में जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस नवीन सिन्हा की दो सदस्यीय बेंच ने इस पर विचार कर कहा है कि स्पेशल कोर्ट में स्पीडी ट्रायल होगा। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 के आंकड़े का हवाला देकर केंद्र सरकार से पूछा है कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज 1581 मामलों का क्या हुआ? वे अंजाम तक पहुंचे या नहीं? सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामलों में नेताओं को दोषी ठहराने की दर की जानकारी मांगी थी और पूछा था कि इनके खिलाफ मुकदमों की सुनवाई एक साल के भीतर पूरा करने के उसके निर्देश पर क्या अमल हो रहा है?
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिज्ञों को सजा पूरी कर लेने के बाद भी छह साल के लिए चुनाव लडऩे से अयोग्य बनाने वाले जन प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधान को असंवैधानिक करार देने के लिए वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणियां कीं। इस याचिका में चुनाव लडऩे वालों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता व अधिकतम उम्र निर्धारण के लिए भी केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग को निर्देश देने का अनुरोध किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई 2013 को लिली थॉमस बनाम यूनियन ऑफ इंडिया पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि देश के किसी भी सदन के सदस्य को यदि दो साल की सजा होती है तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी। इसी आधार पर लालू प्रसाद सहित 9 सांसदों की सदस्यता खत्म हो गई।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स के अनुसार, 186 सांसदों के विरुद्ध आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें 112 सांसदों ने अपने शपथपत्र में स्वीकार किया है कि उनके खिलाफ हत्या, बलात्कार, डकैती, अपहरण, दंगा करने जैसे गंभीर आपराधिक मामले अदालतों में लंबित हैं। लोकसभा में सबसे अधिक सीट जीत कर आने वाली भारतीय जनता पार्टी आपराधिक छवि वाले सांसदों के मामले में सबसे आगे है। भाजपा के 63 सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। 44 की संख्या में सिमट चुकी कांग्रेस के तीन सांसद और शिवसेना के 18 में आठ सांसद आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं।
सुनवाई के दौरान कोर्ट मेंं चुनाव आयोग ने कहा है कि राजनीति में अपराधीकरण रोकने के लिए दागी नेताओं पर आजीवन रोक लगानी होगी। मौजूदा कानून के तहत सजा पाए नेता अपनी सजा पूरी करने के बाद 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते। राजनीति का अपराधीकरण रोकने के लिए चुनाव आयोग की ओर से कई कदम पहले उठाए गए, लेकिन वे पूरी तरह कारगर नहीं हुए। राजनीतिक तंत्र आज दागी नेताओं से भरा हुआ है। ये दागी नेता पूरी राजनीतिक प्रक्रिया को प्रभावित-संचालित कर रहे हैं। नेताओं पर मुकदमे बीस-बीस साल तक लंबित रहते हैं और वे अपनी सियासी पारी खेल जाते हैं।
हालांकि एक रास्ता यह भी हो सकता है कि राजनेताओं के खिलाफ मुकदमा जल्द से जल्द अपने मुकाम पर पहुंचे और दोषी पाये जाने पर उसे जीवन भर चुनाव न लडऩे दिया जाए। मगर देश की जांच एजेंसियों का झुकाव प्राय: सरकार की तरफ होता है और वे सत्तापक्ष के हितों का ध्यान रखते हुए काम करती भी हैं। भ्रष्टाचार के मामलों में लोकपाल जैसी स्वतंत्र एजेंसी के गठन का कानून बना, पर मौजूदा केंद्र सरकार ने भी इसमें रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में राजनेताओं से जुड़े मुकदमों के त्वरित निपटारे की व्यवस्था विपक्ष को निपटाने का औजार भी बन सकता है।
बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केेंद्र सरकार करीब 8 करोड़ रुपये के खर्च से 12 फास्ट ट्रैक खोलकर दागी नेताओं के मामलों की सुनवाई करने का शपथपत्र पेश कर चुकी है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में दिए गए फैसले पर सिर्फ हाईकोर्ट में ही अपील की जा सकती है।
– मिथिलेश कुमार दीपक,  संपादक (समन्वय), सोनमाटी 

  • Related Posts

    पत्रकार उपेंद्र कश्यप को मिला डाक्टरेट की मानद उपाधि

    दाउदनगर (औरंगाबाद) कार्यालय प्रतिनिधि। फोर्थ व्यूज व दैनिक जागरण के पत्रकार उपेंद्र कश्यप को ज्वलंत और सामाजिक मुद्दों पर रिपोर्टिंग करने, सोन का शोक, आफत में बेजुबान, सड़क सुरक्षा और…

    पूर्व मंत्री डॉ. खालिद अनवर अंसारी का निधन

    -मुख्यमंत्री ने डॉ. खालिद अनवर अंसारी के निधन पर जताया दुःख, राजकीय सम्मान के साथ होगा उनका अंतिम संस्कार डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि। बिहार के पूर्व केबिनेट मंत्री सह आंल…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    भारतीय स्टार्टअप इको सिस्टम ने विश्वं में तृतीय स्थान पर : डॉ. आशुतोष द्विवेदी

    भारतीय स्टार्टअप इको सिस्टम ने विश्वं में तृतीय स्थान पर : डॉ. आशुतोष द्विवेदी

    बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के शिविर में किया गया बच्चों का पूरे शरीर का जाँच

    बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के शिविर में किया गया बच्चों का पूरे शरीर का जाँच

    किसानों को जलवायु अनुकूल कृषि अपनाने का आह्वान

    किसानों को जलवायु अनुकूल कृषि अपनाने का आह्वान

    धान-परती भूमि में रबी फसल उत्पादन हेतु उन्नत तकनीक की जानकारी दी गई

    नारायण कृषि विज्ञान संस्थान में आयोजित किया गया मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण

    नारायण कृषि विज्ञान संस्थान में आयोजित किया गया मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण

    लोजपा (आर) की बैठक, आगामी चुनाव योजना पर हुई चर्चा