पटना -कार्यालय प्रतिनिधि। भारत सरकार की संयुक्त सचिव (फसल एवं तिलहन) शुभा ठाकुर और बिहार सरकार के सचिव (कृषि) संजय अग्रवाल की सह-अध्यक्षता में बुधवार को बिहार में सूखे की तैयारी, खरीफ की बुआई और कृषि के लिए विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए कृषि भवन, पटना में बैठक आयोजित की गई। साथ ही राज्य के सभी संबंधित योजना नोडल अधिकारियों की उपस्थिति में सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं और केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। इस मौके पर भारत सरकार के चावल विकास निदेशालय के निदेशक डॉ. मान सिंह के साथ-साथ पटना आईएमडी के प्रभारी पदाधिकारी डॉ. आनंद शंकर भी मौजूद थे। बैठक के दौरान बिहार सरकार के कृषि निदेशक श्री आलोक रंजन घोष द्वारा सूखे की तैयारी के लिए पहले से ही किए गए उपायों पर प्रकाश डालते हुए और समीक्षाधीन विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए उठाए गए कदमों को अद्यतन करते हुए एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
यह स्वीकार किया गया कि बिहार में सूखे की तैयारी के लिए केंद्र सरकार के सभी निर्देश प्राप्त हो चुके हैं और उसके अनुसार योजना बनाई जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। आईएमडी के स्थानीय प्रतिनिधि भी उपस्थित थे और बताया गया कि बिहार में मानसून आ गया है और अगले कुछ दिनों में व्यापक वर्षा का अनुमान है। यह भी उल्लेख किया गया कि यद्यपि वर्तमान वर्षा की स्थिति इस समय संतोषजनक नहीं है, किन्तु इस तथ्य को देखते हुए कि अगले दो सप्ताह में और अधिक वर्षा होने की संभावना है जिससे स्थिति संतोषजनक हो सकती है।
बिहार सरकार के सचिव (कृषि) ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर बिहार डीजल और बीज के लिए सब्सिडी के उपाय हेतु तैयार है। बिहार सरकार की ओर से बताया गया कि बीज आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आकस्मिक फसल योजना पहले से ही लागू है। यह बताया गया कि बिहार राज्य बीज निगम द्वारा 15 किस्मों की फसलों के लिए 41 हजार क्विंटल बीजों की अग्रिम निविदा पहले ही की जा चुकी है और केवीके तथा राज्य विस्तार विंग के माध्यम से जलवायु सह्य कृषि के प्रावधान को बढ़ावा दिया जा रहा है। बिहार के बिजली विभाग ने सिंचाई की सुविधा के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 18-20 घंटे निर्बाध बिजली भी सुनिश्चित की है। इसके अलावा जिला कृषि अधिकारियों द्वारा एक विस्तृत सूखा निवारण योजना तैयार की गई है।
इसके अलावा, राज्य के सभी संबंधित नोडल अधिकारियों की उपस्थिति में सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं तथा केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई।
बिहार सरकार के सचिव (कृषि) द्वारा जानकारी दी गयी कि बिहार की राज्य स्तरीय मंजूरी समिति (एसएलएससी) की बैठक 30.6.2023 को होनी है। चर्चा के दौरान, फंड रिलीज आदि से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई और राज्य द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि फंड का उपयोग जल्द से जल्द करने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे ताकि आगे फंड रिलीज में तेजी लाई जा सके। राज्य सरकार ने आश्वासन दिया कि विशेष रूप से दक्षिण बिहार में फसल विविधीकरण के क्षेत्र पर ध्यान देंगे और मक्का तथा मिलेट जैसी फसलों को बढ़ावा देंगे।
संयुक्त सचिव श्रीमती शुभा ठाकुर ने उल्लेख किया कि केंद्रीय योजनाओं के सभी घटकों, जैसे प्रदर्शन, कृषि उपकरण, बीज उत्पादन, इनपुट वितरण आदि के लिए, राज्य द्वारा जियो रेफरेंसिंग अनिवार्य रूप से की जानी है। उन्होंने राज्य को केंद्र सरकार द्वारा की जा रही डिजिटल पहल के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार को विभागों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए आईसीएआर संस्थानों और केवीके के साथ बैठकें करनी चाहिए। इस बात पर भी जोर दिया गया कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों की योजनाओं के विस्तार प्रयासों को संयोजित करने की आवश्यकता है।
संयुक्त सचिव (फसल) ने स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की भागीदारी बढ़ाने और पीएलआई के लाभों का लाभ उठाने के लिए विशेष रूप से ग्रामीण विकास मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्योग मंत्रालय के साथ जिला स्तर पर योजनाओं के कन्वर्जेंस और साथ ही मिलेट तथा ओडीओपी को बढ़ावा देने के लिए एमओएफपीआई की पीएम एफएमई योजनाओं का लाभ उठाने के बारे में भी जानकारी दी। ।
रिपोर्ट,तस्वीर : पीआईबी (पटना), इनपुट : निशांत राज