डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। स्थानीय के झुंझुनू धाम में शनिवार से चल रहे मारवाड़ी समाज का दो दिवसीय मंगसीर नवमी उत्सव के रूप में छप्पन भोग के चढ़ावे के साथ रविवार को मंगल पाठ, सांस्कृतिक एवं विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम के साथ सफलता पूर्वक संपन्न हो गया।
समाज के अध्यक्ष पवन झुनझुनवाला के अनुसार पौराणिक इतिहास के मुताबिक महाभारत की लड़ाई में जब वीर अभिमन्यु वीरगति को प्राप्त हो गए तो उनकी पत्नी उत्तरा सती होने जा रही थीं। जिन्हें भगवान श्री कृष्ण ने सती होने से रोका था। उत्तरा उस समय गर्भ से थी और अगर ऐसा हो जाता तो यह बहुत बड़ा पाप होता।भगवान कृष्ण ने उत्तरा से कहा कि तुम कलयुग में सती रूप को प्राप्त करोगी और लोग तुम्हें ‘राणी सती दादी’ के नाम से पूजेंगे लेकिन तुम इस दौरान सती न हो और अपने बच्चे को जन्म दो। इस वरदान के स्वरूप श्री राणी सती जी का 718 वर्ष सन 1352 सती मंगसीर आदि नवमी को सती हुई थी। जिसे समाज उत्सव के रूप में मनाता है। दादी राणी सती मंदिर को जन्मोत्सव पर आकर्षक ढंग से फूलों से सजाया गया।
जयपुर से पधारी मंगल कथा वाचिका मंजू शर्मा व कृष्णा यदुवंशी संगीतमय मंगल पाठ किया। कोलकाता से आए कलाकारों प्रकाश ओडेजा, पवन अग्रवाल व बिनोद शर्मा , कुलदीप निर्मल ने मंगल पाठ में दादी के जन्म से लेकर सती होने तक झांकी द्वारा कहानी प्रस्तुत किया।रविवार को दादी के मंदिर में ज्योत जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई । उत्सव में राज्य के अलावा झारखंड, छत्तीसगढ़, बंगाल व उत्तरप्रदेश के श्रद्धालु भी भारी संख्या में भाग लेने पधारे थे। कार्यक्रम संयोजक मंडली में संत शर्मा, वेद शर्मा ,बंटी चमडिया, मीना झुनझुनवाला, कन्हैया झुनझुनवाला, डॉ. शालू झुनझुनवाला, मोहित अग्रवाल, वेद शर्मा, ज्ञान शर्मा, चंदन शर्मा, पीयूष अग्रवाल समेत अन्य मौजूद थे।
– निशांत राज