विदेशी पराधीनता से स्वतंत्र घोषित होने के 72वें वर्ष में प्रवेश के अवसर पर 15 अगस्त को जश्न-ए-आजादी देश भर में उत्सव और समारोह के माहौल में संपन्न हुआ। भारत के स्वाधीनता आंदोलन में राष्ट्रीय एकता के चेतना-चिह्नï रहे और स्वाधीनता के बाद राष्ट्रीयता के प्रतीक के रूप में अंगीकार किए गए ध्वज तिरंगा को आजादी के लिए सर्वस्व कुर्बान करने वालों, कष्टसाध्य संघर्ष करने वालों पुरखों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन करते हुए सलामी दी गई। सोनघाटी अंचल के रोहतास, औरंगाबाद और पाश्र्ववर्ती कैमूर जिले में भी जगह-जगह स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया।
(दाउदनगर में सोनमाटी समाचार टीम)
औरंगाबाद जिले के दाउदनगर में विभिन्न शिक्षण संस्थानों, सरकारी कार्यालयों, राजनीतिक दल के कार्यालयों में झंडोतोलन किया गया और रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए। दाउदनगर अनुमंडल मुख्यालय में मुख्य समारोह परेड ग्राउंड में होता है। यहां एसडीएम अनीस अख्तर ने झंडोतोलन किया। इस कार्यक्रम में एसडीपीओ राजकुमार तिवारी समेत सभी अधिकारी उपस्थित रहे। एसडीपीओ राजकुमार तिवारी, पुलिस इन्स्पेक्टर कृष्णकुमार साहनी, थानाध्यक्ष अभयकुमार सिंह और अधिकारियों ने अपने-अपने कार्यालय में झंडोतोलन किया।
नगर परिषद कार्यालय परिसर में चेयरमैन सोनी देवी ने झंडोतोलन किया। जनता दल यू कार्यालय में रामानंद चंद्रवंशी ने झंडोतोलन किया। भाजपा दाउदनगर मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र यादव ने राष्ट्रध्वज फहराया और राजेन्द्र पासवान, जगरनाथ शर्मा, विवेकानंद मिश्र आदि के साथ झंडे को सलामी दी।
विद्या निकेतन में आकर्षक सांस्कृतिक संयोजन
विद्या निकेतन परिसर, दाउदनगर में सीएमडी सुरेश कुमार गुप्ता ने झंडोतोलन किया। सीईओ आनंद प्रकाश के निर्देशन-संचालन में अनेक तरह के कार्यक्रम हुए। सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों ने अनेक आकर्षक और सुरुचिपूर्ण प्रस्तुतियां दीं। छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़ कर एक आकर्षक और राष्ट्रीयता से ओतप्रोत कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसे देख-सुन कर दर्शक दीर्घा में बैठे लोग भाव-विह्वल होते रहे।
विवेकानंद स्कूल, ज्ञान ज्योति में भी विविध आयोजन
विवेकानंद मिशन स्कूल, दाउदनगर में प्राचार्य चंद्रशेखर नायक ने, विवेकानंद चाइल्ड गाइडेंस सेंटर में प्राचार्य एसके श्रीवास्तव ने, नव ज्योति शिक्षण केंद्र में नीरज कुमार ने, ज्ञान ज्योति शिक्षण केंद्र में डा. चंचल कुमार मिश्र ने, किड्ज एड में शम्भू कुमार ने, फ्लुएंट हाई स्कूल में सर्वेश कुमार ने झंडोतोलन किया। विद्या निकेतन की तरह नव ज्योति शिक्षण केंद्र, फ्लुएंट हाई स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। शिक्षण संस्था माँ टाईपिंग सेंटर सह टैली क्लासेस में भी सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया।
भगवान प्रसाद शिवनाथ प्रसाद बीएड कालेज में ध्वजारोहण
अम्बेदकर सामाजिक उत्थान ट्रस्ट कार्यालय सह बहुजन समाज पार्टी कार्यालय मौलाबाग, दाउदनगर में झंडोतोलन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश सचिव छविराज राम छविला, विशिष्ठ अतिथि प्रदेश सचिव अनन्त प्रसाद सोनी थे। विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष बसंत कुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
वीसीएसआरम में रौशन सिन्हा ने और भगवान प्रसाद शिवनाथ प्रसाद बी.एड. कालेज में प्राचार्य डा. अजयकुमार सिंह ने ध्वजारोहण किया।
भगवान प्रसाद शिवनाथ प्रसाद बी.एड. कालेज, दाउदनगर में शैक्षणिक, गैर शैक्षणिक और प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं ने मौजूद रहकर राष्ट्रध्वज को सलामी दी।
फ्लुएंट हाई स्कूल में सम्मानित किए गए समाजसेवी
फ्लुएंट हाई स्कूल में सर्वेश कुमार ने समाजसेवियों और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। भाजपा दाउदनगर मण्डल अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह यादव, जगन्नाथ शर्मा, पूर्व मुखिया अशोक कुमार सिंह, राजद नेता नागेंद्र सिंह, प्रतिष्टित व्यवसायी दिनेश गुप्ता को सम्मानित किया गया। बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत जागरूकता के मद्देनजर एक नाट्य प्रस्तुति में स्कूली बच्चों के साथ होस्टल में होने वाले शोषण को प्रभावपूर्ण तरीके से दिखाने का प्रयास किया गया।
दाउदनगर नगर परिषद अध्यक्ष सोनी देवी के प्रतिनिधि सह भाजपा नगर अध्यक्ष शम्भू कुमार सोनी ने दाऊद खां के किला के मुख्य प्रवेश-द्वारा पर तिरंगा लहराया। कुछ लोगों का यह मानना था कि झंडा किला परिसर में या किला के ऊपरी हिस्से में बने बुर्ज पर फहराया जाता तो और बेहतर होता।
झंडोत्तोलन में असावधानी और लापरवाही का भी आलम
राष्ट्रीयता के द्योतक 15 अगस्त के औपचारिक आयोजन और देश के सर्वहारा समाज की स्थिति को लेकर दाउदनगर शहर में नकारात्मक चर्चाएं भी होती रहीं। झंडोत्तोलन में असावधानी और लापरवाही का भी आलम कई स्थानों पर रहा, क्योंकि इसके लिए पूर्वाभ्यास नहींकिया गया था या व्यवधान पर पहले विचार नहींकिया गया था कि झंडा फहराने का पूरा एक विधान भी है। दाउदनगर में एक अधिकारी ने तो जूते पहनकर ही झंडोतोलन किय। इसकी आलोचना यह सवाल उठाकर की गई कि झंडोत्तलन स्थल को क्या पूजा-स्थल की तरह आदर नहींदिया जाना चाहिए? जूते पहनकर झंडोत्तोलन के सवाल पर संबंधित अधिकारी का जवाब था कि जूते खोलकर झंडोतोलन करने का कोई विधान नहीं है। इसी तरह एक सरकारी उपक्रम में झंडा फंस गया। ऊपर जाकर नहीं फहर सका। नीचे खींचकर लाया गया। मगर ऊपर भेजने के क्रम में नीचे ही झंडा फहर गया।
औरंगाबाद जिले के बारून स्थित पैरामाउंट पब्लिक स्कूल में निदेशक एवं लेखक-पत्रकार मिथिलेश कुमार दीपक ने राष्ट्रध्वज फहराया।
डेहरी-आन-सोन में सनबीम स्कूल और सासाराम संत पाल स्कूल में
कार्यालय प्रतिनधि के अनुसार, रोहतास जिले के डेहरी-आन-सोन में सनबीम पब्लिक स्कूल में प्राचार्य अनुभा सिन्हा ने झंडोत्तोलन किया और प्रबंध निदेशक राजीव रंजन के संचालन में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
महिला कालेज में प्राचार्य डा. अशोककुमार सिंह के संयोजन में स्वाधीनता दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जबकि जमुहार में गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय में स्वधीनता दिवस समारोह का संयोजन किया गया। जनता बालिका उच्च विद्यालय में प्राचार्य जगनारायण पांडेय ने राष्ट्रध्वज फहराया।
सोनमाटी संवाददाता के अनुसार, सासाराम में संत पाल सीनियर सेकेेंड्री स्कूल में, सिद्धेश्वर टीचर्स कालेज (मेयारी) में भी स्वंतत्रता दिवस पर कार्यक्रम हुए। संतपाल स्कूल में अध्यक्ष एसपी वर्मा ने और सिद्धेश्वर टीचर्स कालेज में प्रबंधक राहुल वर्मा ने राष्ट्रध्वज फहराया। संतपाल स्कूल में आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके लिए स्कूल की प्राचार्य अराधना वर्मा ने सबको धन्यवाद ज्ञापन किया।
कैमूर जिले के मोहनिया में
कैमूर जिले के डरवा (मोहनिया) में नवदीप अकादमी और सर्वोदय इंस्टीट्यूट आफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल में सचिव वीरेन्द्र सिंह ने झंडेत्तोलन किया।
इस अवसर पर मोहन उपाध्याय एवं बबन सिंह ने विशेष अतिथि के रूप में भाग लिया। संयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य अनिलकुमार पांडेय, अध्यापक दाऊ पांडेय, अजय कुमार सिंह, मधुबाला श्रीवास्तव, निवेश द्विवेदी, अशोक कुमार शर्मा ने सहयोग किया।
डेहरी चेस क्लब में स्वतंत्र गोष्ठी
डेहरी-आन-सोन में स्टेशन रोड स्थित शंकर लाज में डेहरी चेस क्लब के संस्थापक-निर्देशक दयानिधि श्रीवास्तव उर्फ भरत लाल के संयोजन में गोष्ठी में पत्रकारों, कलाकारों, बुद्धिजीवियों की अनौपचारिक गोष्ठी में स्वतंत्रता दिवस मानने की उपयोगिता और संदर्भ पर चर्चा की गई। बताया गया कि पहले झंडा फहराने का अधिकार स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस जैसे खास राष्ट्रीय दिवसों पर था। 26 जनवरी 2002 को इंडियन फ्लैग कोड में संशोधन कर आम नागरिकों को कहीं भी कभी भी गर्व के साथ राष्ट्रीय झंडा फहराने का अधिकार दिया गया। इंडियन फ्लैग कोड (भारतीय ध्वज संहिता) में राष्ट्रीय ध्वज के आकार-निर्माण का और केेंद्र-राज्य सरकारों, आम लोगों, निजी संगठनों, शैक्षिक संस्थानों द्वारा झंडा फहराने और उसके रख-रखाव से संबंधित नियमों का उल्लेख है।
सामने आया यह विचार भी
गोष्ठी में एक अगल तरह का भी विचार सामने आया कि 15 अगस्त तो हमें अपने पुरखों की बेमिसाल कुर्बानियों को याद करने का दिन है, तब फिर इसे राष्ट्रीय उत्सव के रूप में नहींबल्कि कुर्बानी देने वाले पुरखों की स्मृति के रूप में, शोक-संवेदना के रूप में मनाया जाना चाहिए। इस अति अल्प विचार रखने वालों का यह भी कहना है कि राष्ट्रीय उत्सव तो 26 जनवरी पर ही होना चाहिए, क्योंकि सही अर्थ में देश ने आजाद होने के बाद अपने गण-तंत्र का संविधान अंगीकृत किया और तय किया कि देश-समाज को कैसे संचालित होना है?
(रिपोर्ट संयोजन : सोनमाटी समाचार डेस्क, तस्वीर : उपेन्द्र कश्यप, निशान्त राज, अर्जुन कुमार)