दाउदनगर (औरंगाबाद)-विशेष संवाददाता। दाउदनगर के अग्रणी निजी विद्यालय विवेकानन्द मिशन स्कूल ने बैडमिंटन की स्कूल स्तर की प्रतियोगिता में ओवरआल जिला चैंपियन होने का खिताब हासिल किया है। स्कूल के खिलाडिय़ों ने सिंगल और डबल खिलाडिय़ों की खेल प्रतिस्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन कर सर्वाधिक मेडल प्राप्त करते हुए चैंपियन ट्राफी पर भी कब्जा जमाया। स्कूल की टीम के कोच और छात्र खिलाडिय़ों को औरंगाबाद के जिला विकास आयुक्त संजीव कुमार सिंह ने मेडल, ट्राफी और प्रमाणपत्र प्रदान किया। चार दिवसीय इंटर स्कूल स्तरीय जिला बैडमिंटन प्रतियोगिता का आयोजन जिला बैडमिंटन संघ ने किया था, जो औरंगाबाद के इनडोर स्टेडियम में 30 दिसम्बर को पुरस्कार वितरण समारोह के साथ समाप्त हुआ। (रिपोर्ट : निशान्त राज)
अंडर-13 और अंडर-16 बैडमिंटन खेलों के विभिन्न मुक़ाबलों में विवेकानंद टीम की नैंसी कुमारी (क्लास-7) व मनीषा कुमारी (क्लास-6) और नैंसी कुमारी (क्लास-7) व काजल (क्लास-6) की जोड़ी ने मैच में बेहतरीन रोमांचक प्रदर्शन किया। विनर और रनर के कुल चार ट्राफियों पर तो कब्जा जमाया ही, ओवरआल चैंपियन के खि़ताब का भी झंडा गाड़ दिया। जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव मरगूब आलम और अन्य ने विजेता टीम को बधाई दी। इस उपलब्धि के लिए विद्यालय के निदेशक डा. शम्भूशरण सिंह ने हर्ष व्यक्त किया और विवेकानंद स्कूल की टीम, विद्यालय प्रबंधक सुनील कुमार सिंह, प्राचार्य सीएस नायक, खेल शिक्षक विमल मिश्रा और धर्मेंद्र कुमार और विद्यालय परिवार को शुभकामनाएं दीं।
(रिपोर्ट व तस्वीर : उपेन्द्र कश्यप)
गोह में मिली लंब-चौड़ी ईंट के गुप्तकालीन होने की संभावना
दाउदनगर (औरंगाबाद)-कार्यालय प्रतिनिधि। जिले के गोह प्रखंड के अंतर्गत दादर गांव में मिली ईंट गुप्त काल की है। दादर गांव के दक्षिण-पश्चिम में प्राचीन काल की एक दीवार का अवशेष झाड़ी में दबी हुई थी। अशोकस्तम्भ का गुम्बद यहां मिलने की बात कही जा रही है। यह ईंट दादर गांव के अनिल शर्मा ने खोजी है। गांव वालों ने अपने-अपने संपर्क के जरिये इतिहास और पुरातत्व के बारे में जानने वाले अनेक व्यक्तियों को ईंट की तस्वीरें भेजी हैं, जिन्होंने इसे गुप्ता काल अथवा इससे पहले कुषाण काल का भी बताया है। डेहरी-आन-सोन स्थित सोनघाटी पुरातत्व परिषद, बिहार के सचिव कृष्ण किसलय और संयुक्त सचिव अवधेशकुमार सिंह का मानना है कि यह ईंट डेढ़ हजार साल से अधिक पुराना मगर गुप्तकालीन ही हो सकता है। इसी तरह की ईंट डिहरी प्रखंड के सोन नद के तटवर्ती गांव अर्जुन बिगहा (दरिहट थाना) में भी 20वीं सदी के अंतिम सालों में प्राप्त हुई थी, जो मिट्टी में दबी हुई एक प्राचीनकालीन दीवार से खेत की जुताई में क्रम मे ग्रामीणों को मिली थी। अर्जुन बिगहा में गुप्तकाल के अनेक सुंदर और पूर्ण मिट्टी के नक्काशीवाले बर्तन भी प्राप्त हो चुके हैं। सोनघाटी पुरातत्व परिषद की ओर से कहा गया है कि दादर गांव के लोगों को सामूहिक प्रयास से वहां की पुरा-सामग्री का संरक्षण करना चाहिए। प्राचीन काल के मिट्टी के बर्तन, बर्तनों के टुकड़े और अन्य पुरा सामग्रियों को गौर से निरीक्षण-परीक्षण कर खोजना-सहेजना चाहिए।
(रिपोर्ट : निशान्त राज)
पुतलादहन रोकना अलोकतांत्रिक, सरकार वार्ता कर समस्या सुलझाए : महासंघ
दाउदनगर (औरंगाबाद)-सोनमाटी संवाददाता। बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) ने दाउदनगर के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं के पुतलादहन को बलप्रयोग कर रोकने की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे लोकतन्त्र विरोधी कार्रवाई माना है। बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोप गुट) के अनुमंडल सचिव सत्येन्द्र कुमार ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि महासंघ (गोप गुट) मूकदर्शक नहीं बना रहेगा। राज्य सरकार आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं तथा आशाकर्मियों-ममताओं के राज्य प्रतिनिधियों से वार्ता कर जायज मांगों को स्वीकार करे, ताकि उनकी हड़ताल समाप्त हो। आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं की हड़ताल एक पखवारे से जारी है। इस आंदोलन के अंतर्गत सभी प्रखण्ड मुख्यालयों पर सरकार के पुतलादहन का कार्यक्रम निर्धारित किया गया था। दाउदनगर के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी ने पुलिस के सहयोग से पुतला दहन करने पहुंची आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं से पुतला कब्जे में ले लिया।
(सूचना : सोनमाटी के व्हाट्सएप पर)