

डेहरी-आन-सोन (रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि। समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा संसद में महाराणा सांगा पर दिए गए अभद्र एवं विवादित टिप्पणी को लेकर कुंवर राणा सामाजिक कल्याण संस्था के तत्वाधान में बुधवार को आक्रोश रैली निकाली गई।
आक्रोश रैली की शुरुआत कोयला डिपो स्थित वीर कुंवर सिंह चौक पर बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की गई। रैली में जिले ही नहीं अन्य जिलों से हजारों की संख्या में क्षत्रिय समाज सहित अन्य वर्ग के लोगों ने शामिल होकर संसद द्वारा दिए गए विवादित बयान की कड़ी निंदा की एवं उसके विरोध विरोध प्रकट किया। मौके पर कई गणमान्य लोगों ने रैली को संबोधित किया।
आक्रोश रैली में औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि वीर महायोद्धा देशभक्त राजा राणा संग्राम पर सांसद रामजी लाल सुमन के द्वारा टिप्पणी करना शर्मनाक है। ऐसे सांसद के विरुद्ध करवाई होनी चाहिए। राणा सांगा के इतिहास को बदनाम नहीं बल्कि देश की इतिहास को बदनाम करने की प्रयास है।

राष्ट्रीय लोक मोर्चा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष आलोक सिंह ने कहा कि राणा सांगा क्षत्रिय राजपूत नहीं बल्कि देश के वीर योद्धा बलिदानी महापुरुष थे जो देश के लिए लड़ना और प्राण देना जानते थे। ऐसे महापुरुष पर देश के संसद में टिप्पणी करने वाले संसद की सदस्यता जानी चाहिए।

आक्रोश रैली में लोजपा रामविलास के प्रदेश महासचिव सह डेहरी विधानसभा के जाने-माने समाजसेवी राजीव रंजन सिंह उर्फ सोनू सिंह ने रैली में शामिल सभी लोगों को माता की चुनरी भेंट कर सम्मानित किया। कुंवर राणा सामाजिक कल्याण संस्था के अध्यक्ष सिमल सिंह ने कहा कि यदि इस आक्रोश रैली के बाद भी सांसद द्वारा माफी नहीं मांगी जाती है और अपने बयान को वापस नहीं लेते हैं तो इससे बड़ा अन्य जगहों पर भी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
रैली में हजारों लोग सैकड़ो गाड़ियों के काफिला एवं युवाओं का जोश देखते बन रहा था। कई ग्रामीण क्षेत्र से लोगों ने ट्रैक्टर पर सवार होकर भी रैली में शामिल हुए। आक्रोश रैली में पूर्व विधायक सतनारायण सिंह यादव,अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा के जिला अध्यक्ष पवन सिंह उर्फ मुनमुन सिंह, संजय सिंह बाला, राजन सिंह, गोपाल जी सिंह, अमित सिंह राजपूत, बरुण राजपूत, कुमार विनोद सिंह, कालेन्द्र प्रताप वर्मा बजरंग दल के जिला संयोजक चंदन गुप्ता, यश उपाध्याय, प्रो. डॉ. अनिल कुमार सिंह सहित कई लोग भगवा गमछा और हाथ में भगवा झंडा लहराते हुए आक्रोश मार्च में शामिल हुए।

रामजी लाल सुमन ने क्या कहा था :
21 मार्च को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा पर बहस चल रही थी। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने इस बहस में हिस्सा लिया तो उन्होंने एक बयान दिया कि बीजेपी के लोगों का एक तकिया कलाम हो गया है कि मुसलमान में बाबर का डीएनए है। भारत का मुसलमान बाबर को तो अपना आदर्श मानता है नहीं, वह तो मोहम्मद साहब को अपना आदर्श मानता है। बाबर को लाया कौन था, उन्होंने कहा था कि इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा ने बाबर को आने का निमंत्रण दिया। मुसलमान में बाबर का डीएनए है तो तुम राणा सांगा की औलाद हो। बाबर की आलोचना हो, तो राणा सांगा की आलोचना क्यों नहीं ?
कौन थे राणा सांगा :
राणा सांगा (महाराणा संग्राम सिंह) उदयपुर में सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे और राणा रायमल के सबसे छोटे बेटे थे। राणा सांगा ने मेवाड़ में 1509 से 1528 तक शासन किया था, जो आज भारत के राजस्थान प्रदेश में स्थित है। राणा रायमल की मृत्यु के बाद 1509 में राणा सांगा मेवाड़ के महाराणा बनाए गए थे। इन्होंने अपनी शक्ति के बल पर मेवाड़ साम्राज्य का विस्तार किया। राणा सांगा की तारीफ़ ख़ुद मुगल सम्राट बाबर ने भी की थी।राणा सांगा ने विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ सभी राजपूतों को एक किया था। इन्होंने दिल्ली, गुजरात और मालवा, मुगल बादशाहों के आक्रमणों से अपने राज्य की रक्षा की थी। उस समय के वह सबसे शक्तिशाली राजा थे।
- निशांत राज